व्यापारी छूट दर (एमडीआर) संरचना – प्रभारों का पृथक्करण - आरबीआई - Reserve Bank of India
व्यापारी छूट दर (एमडीआर) संरचना – प्रभारों का पृथक्करण
आरबीआई/2016-17/59 1 सितंबर 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सहकारी बैंक महोदय/महोदया, व्यापारी छूट दर (एमडीआर) संरचना – प्रभारों का पृथक्करण कृपया हमारे दिनांक 28 जून 2012 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.2361/02.14.003/2011-12 और दिनांक 04 जुलाई 2012 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.27/02.14.003/2012-13 का संदर्भ लें जिसमें डेबिट कार्ड लेनदेनों के लिए व्यापारी छूट दरों (एमडीआर) से संबंधित निर्देश जारी किए गए थे। 2. हमारी जानकारी में यह बात आई है कि, कई मामलों में व्यापारियों के लिए शुल्कों को एकत्र कर दिया जाता है और व्यापारियों पर एक समग्र शुल्क लगाया जाता है चाहे किसी भी प्रकार के कार्ड का उपयोग क्यों न किया गया हो। इस प्रथा के चलते मौजूदा विनियामक अधिदेश के अनुपालन में बाधा उत्पन्न होती है। इसके अलावा, यह व्यापारियों को न केवल कार्ड स्वीकार करने से हतोत्साहित करती है बल्कि इसके चलते उन्हें लागत को अधिभार के रूप में ग्राहकों से अनियंत्रित तरीके से वसूलने का अवसर भी प्रदान करती है। 3. व्यापारी स्तर पर लागू एमडीआर के संबंध में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए, यह सूचित किया जाता है कि, अधिग्राही बैंक निम्नलिखित बातें सुनिश्चित करें: i) एमडीआर को कार्डों की विभिन्न श्रेणियों के लिए स्पष्ट रूप से पृथक किया गया हो। ii) डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड कार्ड के लिए एक ही करार के भीतर पृथक करारों अथवा अनुबंधों को निष्पादित किया जाए ताकि और अधिक स्पष्टता और पारदर्शिता लाई जा सके; और iii) अधिग्रहण के समय विभिन्न श्रेणियों के कार्डों से संबन्धित प्रभारों के बारे में व्यापारियों को शिक्षित किया जाए। 4. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किया जा रहा है। 5. कृपया प्राप्ति की सूचना दें। भवदीया (नंदा एस.दवे) |