नेपाल एवं भूटान को मर्चेंटिंग ट्रेड - आरबीआई - Reserve Bank of India
नेपाल एवं भूटान को मर्चेंटिंग ट्रेड
भारिबैंक/2014-2015/580 30 अप्रैल 2015 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया / महोदय, नेपाल एवं भूटान को मर्चेंटिंग ट्रेड प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 28 मार्च 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.115 की ओर आकृष्ट किया जाता है। उसमें विनिर्दिष्ट पुनरीक्षित मर्चेंटिंग ट्रेड संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार किसी ट्रेड को मर्चेंटिंग ट्रेड के रूप में वर्गीकृत होने के लिए यह आवश्यक है कि अर्जित (acquired) माल घरेलू टैरिफ एरिया में न आया हो और माल के स्वरूप (state) में कोई परिवर्तन न हुआ हो। इसके अलावा, मर्चेंटिंग ट्रेड लेनदेनों में वह माल शामिल किया जा सकेगा जिसके निर्यात/आयात के लिए पोतलदान की तारीख को भारत की प्रचलित विदेशी व्यापार (ट्रेड) नीति में अनुमति दी गई हो तथा निर्यात (निर्यात घोषणा फार्म को छोड़कर) और आयात (बिल आफ एंट्री को छोड़कर) के लिए लागू सभी नियमों, विनियमों तथा निदेशों का क्रमश: निर्यात लेग तथा आयात लेग के लिए पालन किया गया हो। 2. चूंकि नेपाल और भूटान बन्दरगाह विहीन देश हैं, इसलिए उन्हें मार्गस्थ ट्रेड की सुविधा है जिसके द्वारा नेपाल और भूटान अन्य देशों से माल का आयात भारत के मार्फत, भारत सरकार के साथ इन दोनों देशों के साथ हुए मार्गस्थ समझौते के तहत, सीमाशुल्क मार्गस्थ घोषणापत्र के जरिए करते हैं। भारत सरकार के परामर्श से यह स्पष्ट किया जाता है कि भारत के मार्फत मर्चेटिंग ट्रेड के अंतर्गत नेपाल और भूटान के आयातकों को अन्य देशों द्वारा परेषित (consigned) माल को मार्गस्थ माल (traffic-in-transit) समझा जाएगा, बशर्ते ऐसा माल क्रमशः भारत-नेपाल मार्गस्थ समझौते और भारत-भूटान मार्गस्थ समझौतों के उपबंधों/शर्तों के अनुरूप हो । 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु को अपने संबंधित घटकों की जानकारी में लाएँ । 4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (ए. के. पाण्डेय) |