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मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य 2014-15 परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता

आरबीआई/2014-15/163
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 30 /21.04.141/2014-15

5 अगस्‍त 2014

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य 2014-15 परिपक्‍वता तक धारित
श्रेणी के अंतर्गत एसएलआर धारिता

कृपया परिपक्‍वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी में बैंक की कुल एसएलआर प्रतिभूतियों की धारिताओं के संबंध में 05 अगस्‍त 2014 को घोषित तीसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का पैराग्राफ 11 देखें (उद्धरण संलग्‍न)।

2. 'बैंकों के निवेश संविभाग – वर्गीकरण, मूल्‍यांकन और प्रावधानीकरण' पर 23 अगस्‍त 2013 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 41/21.04.141/2013-14 के अनुसार बैंकों को अनुमति दी गई है कि वे परिपक्‍वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश कर सकते हैं, बशर्ते अतिरिक्‍त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो तथा एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां आगले अनुदेशों तक दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को बैंकों की मांग और मीयादी देयताओं (डीटीएल) के 24.50 प्रतिशत से अधिक न हो ।

3. एसएलआर में अंशांकित कमी के अनुरूप तथा वित्‍तीय बाजारों में बैंकों को सहभागिता बढ़ाने में सक्षम बनाए जाने हेतु 09 अगस्‍त 2014 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से एचटीएम श्रेणी में एसएलआर धारिता की उक्‍त अधिकतम सीमा घटाकर मांग और मीयादी देयताओं का 24 प्रतिशत कर दी गई है। तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि 9 अगस्‍त 2014 से बैंकों को अनुमति दी जाती है कि वे एचटीएम श्रेणी में धारित श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश कर सकते हैं, बशर्ते ऐसी अतिरिक्‍त निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो तथा परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी के अंतर्गत धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को बैंकों की निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 24 प्रतिशत से अधिक न हो।

4. मौजूदा अनुदेशों के अनुसार बैंक अपने निदेशक मंडल की अनुमति से परिपक्‍वता तक धारित श्रेणी में/से निवेश वर्ष में एक बार अंतरित कर सकते हैं तथा इस प्रकार का अंतरण सामान्‍यतया लेखा वर्ष के आरंभ में करने की अनुमति दी जाएगी। ऊपर पैरा 3 में निहित अनुदेशों के अनुपालन में बैंक अपनी अतिरिक्‍त एसएलआर प्रतिभूतियां एचटीएम श्रेणी से एएफएस/एचएफटी श्रेणी में अंतरित कर सकें इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि 09 अगस्‍त 2014 तक ऐसे एक और अंतरण की अनुमति दी जाए। बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्‍यांकन और परिचालन पर विवेकपूर्ण मानदंड पर मास्‍टर परिपत्र के पैरा 2.3 (ii) के अंतर्गत एचटीएम श्रेणी से/में प्रतिभूतियों की बिक्री और अंतरण के मूल्‍य पर निर्धारित 5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा में एएफएस/एचएफटी श्रेणी में किए गए ऐसे एक बारगी अंतरण को शामिल नहीं किया जाएगा।

भवदीय

(सुदर्शन सेन)
प्रभारी मुख्‍य महाप्रबंधक


डॉ. रघुराम जी. राजन, गवर्नर द्वारा 5 अगस्‍त 2014 को घोषित तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य,
2014-15 में से उद्धरण

11. सांविधिक चलनिधि अनुपात में समायोजित कमी के अनुरूप यह आवश्यक है कि मुद्रा और ऋण बाजारों में चलनिधि में वृद्धि की जाए ताकि वित्तीय मध्यस्थ विस्तार वृद्धिशील अर्थव्यवस्था के साथ बढ़ सके। वर्तमान में बैंकों को परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश के 25 प्रतिशत तक की सीमा पार करने की अनुमति है बशर्ते कि अधिशेष में केवल एसएलआर प्रतिभूतियां ही हों और एचटीएम श्रेणी में बैंक की कुल एसएलआर प्रतिभूतियों की धारिता दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं के 24.5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। वित्तीय बाजार में बैंकों की अधिक सहभागिता के लिए यह सीमा 9 अगस्त 2014 से शुरू होने वाले पखवाड़े से निवल मांग और समय देयताओं के 24 प्रतिशत तक कम की जा रही है।

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