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धोखाधडी की निगरानी

भारिबैं / 2011-12/424
गैबैंपवि.नीप्र.कंपरि.सं: 256 /03.10.042 / 2011-12

02 मार्च 2012

100 करोड और अधिक की परिसंपत्ति आकार वाली जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां तथा जमा राशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदय,

धोखाधडी की निगरानी

26 अक्तूबर 2005 का गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (नीप्र)कंपरि.सं:59/03.10.42/2005-06 का संदर्भ के तरफ ध्यान आकृष्ट किया जाता है जिसमें जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के लिए  धोखाधडी वर्गीकरण पर दिशानिर्देश , धोखाधडी के लिए निगरानी तथा रिपोर्टिंग प्रणाली शामिल है।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि इस दिशानिर्देश का विस्तार ( भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45 ट और 45 ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए) तत्काल प्रभाव से एनबीएफसी-एनडी-एसआई के लिए भी किया जाए। तदनुसार सभी एनबीएफसी-एनडी-एसआई को सूचित किया जाता है कि दिशानिर्देश का पालन करें जिसमें अन्य बातों के साथ साथ यह अपेक्षित है कि  25 लाख से कम राशि वाले व्यक्तिगत मामलो में शामिल धोखाधडी की रिपोर्टिंग संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) के गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग को करें जिसके क्षेत्राधिकार में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है तथा 25 लाख तथा अधिक राशि वाले व्यक्तिगत मामलो में शामिल धोखाधडी की रिपोर्टिंग धोखाधडी निरोधक निगरानी कक्ष, गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केन्द्रीय कार्यालय, विश्व व्यापार केन्द्र, सेंटर-1, कफ परेड, मुंबई-400 005 को करें।

3. तदनुसार, 100 करोड और अधिक की परिसंपत्ति आकार वाली जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां तथा जमा राशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, वर्ष में कंपनी को किए गए रिपोर्ट में धोखाधडी से संबंधित राशि का खुलासा अपने तुलनपत्र में करें। 26 अक्तूबर 2005 का कंपनी परिपत्र में किए गए उल्लेख के अनुसार , यह पुन: दोहराया जाता है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा धोखाधडी मामलो की रिपोर्टिंग रिज़र्व बैंक को नहीं करने पर, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 का अध्याय V में निर्धारित प्रावधान के तहत दण्डनात्मक कार्यवाई की जा सकती है।

भवदीया,

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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