राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए अभिगम (एक्सेस) मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए अभिगम (एक्सेस) मानदंड
आरबीआई/2011-12/263 17 नवंबर 2011 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय/प्रिय महोदय राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए अभिगम (एक्सेस) मानदंड कृपया दिनांक 21 सितंबर 2011 का हमारा परिपत्र डीपीएसएस (सीओ) ओडी 494/04.04.009/2011-12 देखें, जिसमें भुगतान प्रणालियों तक अभिगम (पहुँच) हेतु मानदंड (एक्सेस क्राइटेरिया) निर्दिष्ट किए गए हैं। हमें बैंकों से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के एनईएफटी का सदस्य बनने हेतु इन दिशा-निर्देशों की प्रयोज्यता पर कई प्रश्न प्राप्त हो रहे हैं, विशेषतः दिनांक 23 नवंबर 2009 के परिपत्र डीपीएसएस (सीओ) ईपीपीडी सं. 1056/04.03.01/2009-10 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए अनन्य रूप से जारी दिशा-निर्देशों के संदर्भ में। 2. इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए दोनों विकल्प खुले हैं और वे अपनी पसंद के अनुसार निम्नलिखित में से किसी एक तरीके से एनईएफटी में सम्मिलित हो सकते हैं। (ए) वे आरआरबी जो हमारे दिनांक 21 सितंबर, 2011 के परिपत्र डीपीएसएस (सीओ) ओडी 494/04.04.009/2011-12 में निर्धारित केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों के लिए अभिगम हेतु मानदंड की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं और एनईएफटी प्रत्यक्ष सदस्यता प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए आवश्यक वित्तीय, तकनीकी और परिचालनगत संसाधन रखते हैं, यदि वे चाहें तो एनईएफटी के प्रत्यक्ष सदस्य बन सकते हैं। (बी) वे आरआरबी जो दिनांक 23 नवंबर 2009 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस (सीओ) ईपीपीडी सं. 1056/04.03.01/2009-10 में दिए दिशा-निर्देशों के अनुसार अपने प्रायोजक बैंक के माध्यम से भाग लेना जारी रखना चाहते हैं, इस परिपत्र में निर्दिष्ट व्यवस्था के तहत भाग ले सकते हैं। 3. अन्य दिशा-निर्देश यथावत रहेंगे। 4. कृपया प्राप्ति सूचना देंI भवदीय (जी. श्रीनिवास) |