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एनईएफटी - ग्राहक सेवा और प्रभार - प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशो और परिपत्रों का अनुपालन

आरबीआई/2013-14/457
डीपीएसएस.सीओ.ईपीपीडी सं.1583/04.03.01/2013-14

21 जनवरी 2014

एनईएफटी में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों के
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदय/महोदया,

एनईएफटी - ग्राहक सेवा और प्रभार - प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशो और परिपत्रों का अनुपालन

नवंबर 2005 से कार्य कर रही नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली ने लेनदेनों की मात्रा में काफी वृद्धि दर्ज की है जिसमें अपनी धनराशि अंतरण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एनईएफ़टी का प्रयोग करने वाले ग्राहकों की बड़ी संख्या (व्यक्ति, कंपनियां और सरकारें) शामिल है। समय के साथ-साथ, एनईएफटी के उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रणाली में कई दक्षता बढ़ाने वाली विशेषताओं और ग्राहक सेवा आवश्यकताओं को लागू किया है।

2. उपर्युक्त उपायों में से कुछ निम्नलिखित हैं (i) हमारे दिनांक 03 अप्रैल 2008 के परिपत्र डीपीएसएस (सीओ ) सं. 1591/04.03.01/2007-08 के अंतर्गत वाक इन ग्राहक (जिस ग्राहक का खाता उस बैंक में नहीं है) को किसी भी बैंक खाते में एनईएफ़टी लेनदेन करने के संबंध में सुविधा प्रदान करना; (ii) हमारे दिनांक 5 फरवरी 2010 के परिपत्र डीपीएसएस सीओ ईपीपीडी सं. 168 / 04.03.01 / 2009-2010 के अंतर्गत लाभग्राही के खाते में धन क्रेडिट हो जाने के पश्चात धन प्रेषण करने वाले ग्राहक को धन क्रेडिट हो जाने की पुष्टि एसएमएस अथवा ई-मेल द्वारा दी जाए; (iii) हमारे दिनांक 1 सितंबर 2010 के परिपत्र डीपीएसएस सीओ ईपीपीडी सं. 477/ 04.03.01 / 2010-11 के अंतर्गत लाभाग्राही के खाते में जमा में हुई देरी अथवा जमा न की गई राशि की धनप्रेषक को वापसी में हुई देरी के लिए बैंकों द्वारा दंड स्वरूप ब्याज का भुगतान; (iv) हमारे दिनांक 8 अक्टूबर 2010 के परिपत्र डीपीएसएस सीओ ईपीपीडी सं. 788/ 04.03.01 / 2010-11 के अंतर्गत एनईएफटी के माध्यम से ग्राहकों द्वारा भेजे गए/प्राप्त क्रेडिट के लिए पास बुक / खाता विवरण में सही जानकारी उपलब्ध करना;   (v) हमारे दिनांक 13 जुलाई 2012 के परिपत्र डीपीएसएस सीओ ईपीपीडी 98/04.03.01/2012-13 के अंतर्गत ग्राहकों से एनईएफ़टी लेनदेन के संबंध में लिए जाने वाले प्रभारों को न्यायसंगत बनाना और यह निर्दिष्ट करना कि बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों से अधिकतम कितनी वसूली की जा सकती है।

3. तथापि, हाल के दिनों में, हमें इनमें से कई मुद्दों पर ग्राहकों की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए विभिन्न सर्वेक्षणों और विभिन्न स्थानों पर बैंक शाखाओं का गुप्त दौरा करने पर पता चला कि कई बैंक शाखाएँ उक्त दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं। यह भी पाया गया कि कई मामलों में विभिन्न शाखाओं में एनईएफटी डेस्क का कार्य देखने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों को एनईएफटी की उक्त कई विशेषताओं के बारे में जानकारी नहीं थी और ग्राहकों को ठीक से मार्गदर्शन नहीं दिया जा रहा था।

4. जहां तक एनईएफटी लेनदेन के लिए प्रभावी शुल्क का संबंध है, यह पाया गया कि कई शाखाओं में एनईएफटी का कार्य देखने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों को एनईएफटी के वास्तविक प्रभारों के बारे में नहीं पता था और धन प्रेषण करने वाले ग्राहकों के लिए  एनईएफटी शुल्क प्रदर्शित करने वाला कोई बोर्ड सामग्री भी उपलब्ध नहीं थी। यह भी पाया गया कि कुछ बड़े बैंक वाक इन ग्राहकों/ खाता धारक ग्राहकों से इतर ग्राहकों / गैर गृह शाखा ग्राहकों को ऐसे लेनदेनों कों निपटाने के लिए ग्राहक सेवा स्थलों/ एजेन्टों के पास भेजते हैं जहां ग्राहकों से एनईएफ़टी के अंतर्गत लिए जाने वाले शुल्क से कहीं अधिक शुल्क लिया जाता है।

5. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत जारी किए गए लेनदेन शुल्क के संबंध में दिये गए निर्देशों सहित अन्य निर्देशों का पालन न करने को गंभीरता से लिया जाएगा क्योंकि, इसके कारण एनईएफटी प्रणाली की प्रतिष्ठा की हानि होती है।  अत: यह पुन: दुहराया जाता है कि एनईएफ़टी के सदस्य और साथ ही साथ उप सदस्य बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए।

6. इस संदर्भ में, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे:

क. अपने सभी कर्मचारियों / अधिकारियों को एनईएफटी प्रक्रिया के बारे में सामान्य जानकारी दें और विषेशतौर पर उन्हें इस बात से भी अवगत कराएं कि यह सुविधा वाक इन ग्राहकों को भी उपलब्ध है और साथ ही एनईएफ़टी में लगने वाले शुल्क से भी उन्हें अवगत कराएं, जैसा कि एनईएफ़टी के प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों में वर्णित है।

ख. इस बात को सुनिश्चित करें कि उचित निर्देशों के साथ एनईएफटी फॉर्म सभी शाखाओं में उपलब्ध हों। जहां एनईएफटी लेनदेन किया जाता है वहाँ एनईएफटी लेनदेन पर लागू मौजूदा शुल्क को सभी शाखाओं / स्थानों पर प्रदर्शित किया जाए। यथोचित स्थानीय भाषा में मुद्रित “शुल्क कार्ड”  बैंक के एजेंट / व्यवसाय प्रतिनिधि के पास अनिवार्यत: उपलब्ध होना चाहिए।

ग. इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि, शाखा स्थानों और सीएसपी / बीसी / एजेंट स्थानों दोनों में अंतर - बैंक लेनदेन के लिए ग्राहकों से अंतर बैंक एनईएफटी लेनदेन पर लगने वाला शुल्क एक समान हो। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ग्राहकों को एनईएफटी लेनदेन करने के लिए शाखाओं से जबरन बीसी / सीएसपी / एजेंट स्थानों में न भेजा जाए।

घ. यह बात सुनिश्चित की जाए कि उनके द्वारा प्राप्त सभी आवक लेनदेनों के लिए लाभाग्राही के खाते में क्रेडिट किए जाने की सकारात्मक पुष्टि की सूचना उसे अनिवार्य रूप से भेजी जाए। उसी  प्रकार एनईएफ़टी लेनदेन करने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस संबंध में हमारे दिशानिर्देशों के अनुसार लेनदेन संबंधी इस प्रकार की सकारात्मक पुष्टि मोबाइल नंबर / ई - मेल आईडी प्रदान करने वाले वाक-इन ग्राहकों सहित सभी धन प्रेषक ग्राहकों को भेजी जाने चाहिए। विफल / वापस हुए लेनदेनों से संबन्धित सूचना भी धन प्रेषक ग्राहक को दी जानी चाहिए एवं खाते में धन तुरंत क्रेडिट किया जाना चाहिए/जल्द से जल्द धन प्रेषक को वापस कर दिया जाना चाहिए।

ङ. इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि, देरी से किए गए क्रेडिट अथवा देरी से की गई वापसियों के मामले में ग्राहक द्वारा अनुरोध किए जाने की अपेक्षा किए बगैर स्वयं प्रेरित होकर यथा लागू दंडस्वरूप ब्याज का भुगतान ग्राहक को किया जाए। इस प्रकार के विलंब से हुए भुगतानों के संबंध में विलंब की अवधि के संबंध में बैक डेटिंग अथवा वैल्यू डेटिंग का सहारा लेने वाले बैंकों को दंड स्वरूप ब्याज के भुगतान के मामले में कोई छूट नहीं प्राप्त होगी एवं इस प्रकार की प्रथा को अपनाए जाने को गंभीरता से लिया जाएगा।

7. बैंक, इस विभाग को संलग्न प्रपत्र में 31 मार्च 2014 को समाप्त तिमाही से, तिमाही आधार पर अगले एक वर्ष तक वाक इन ग्राहकों (जिस ग्राहक का खाता उस बैंक में नहीं है) द्वारा किए गए एनईएफ़टी लेनदेन से संबन्धित आंकडों को भेजने की व्यवस्था करें।

8. इन निर्देशों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी गया है।

9. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें एवं अनुपालन सुनिश्चित करें।

भवदीय,


(विजय चुग)
मुख्य महाप्रबंधक


.............को समाप्त तिमाही में बैंक द्वारा संसाधित वाक-इन ग्राहकों द्वारा किए गए एनईएफ़टी लेनदेन की संख्या दर्शाने वाली रिपोर्ट।

(भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, केंद्रीय कार्यालय , भारतीय रिजर्व बैंक , मुंबई को प्रत्येक तिमाही की समाप्ती के पश्चात महीने  की 10 तारीख से पहले एनईएफटी सदस्य बैंकों के कॉर्पोरेट / प्रधान कार्यालय द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली समेकित रिपोर्ट)

1. बैंक का नाम:

तिमाही के दौरान बैंक द्वारा संसाधित कुल जावक एनईएफटी लेनदेन की संख्या :

2. इनमें से वाक इन ग्राहकों (जिस ग्राहक का खाता उस बैंक में नहीं है) द्वारा एनईएफटी लेनदेन की संख्या

क) बैंक की शाखाओं पर संसाधित:

ख) बीसी / सीएसपी / एजेंट स्थानों पर संसाधित :

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