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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों के लिए एस्क्रो खाते खोलना

भारिबैंक/2010-11/498
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.58

02 मई 2011

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक

महोदया/महोदय

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों के लिए एस्क्रो खाते खोलना

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 तथा 24 मई 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 62 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी-।) बैंकों को अनुमति दी गयी थी कि वे संबंधित सेबी (सब्स्टैन्शियल एक्विजिशन ऑफ शेयर्स एण्ड टेक ओवर (एसएएसटी) ) विनियमावली, 1997 तथा अन्य लागू सेबी विनियमों के अनुपालन की शर्त के तहत खुले प्रस्ताव/ असूचीकरण / प्रस्ताव छोड़ने के माध्यम से किसी भारतीय कंपनी के शेयरों / परिवर्तनीय डिबेंचरों के अर्जन / अंतरण के लिए अनिवासी कार्पोरेट की ओर से एस्क्रो खाता और विशेष खाता खोल सकते हैं । प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित लेनदेनों के लिए एस्क्रो खाते खोलने/बनाये रखने के सभी अन्य मामलों में, रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन लेना आवश्यक है।

2. यह देखा गया है कि एस्क्रो व्यवस्था ऐसे मामलों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेनों को सुगम बनाती है जहां शेयर खरीद करने वाली पार्टियां उक्त करार को अंतिम रूप देने से पहले यथोचित सावधानी प्रक्रिया पूर्ण करने की इच्छुक होती हैं और तदनुसार सहमत शेयरों की खरीद के प्रतिफल के भुगतान और शेयरों की प्राप्ति के बीच अंतराल होता है । इस संबंध में परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करने तथा ऐसे लेनदेनों की प्रक्रिया सरल बनाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, अनुबंध में दी गयी शर्तों के अधीन, सहमत शेयरों की खरीद के भुगतान के लिए और/अथवा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेनदेन सुगम बनाने के लिए प्रतिभूतियां रखने हेतु एस्क्रो सुविधाएं प्रदान करने के लिए निवासियों और/अथवा अनिवासियों की ओर से भारत में भारतीय रूपयों में ब्याज रहित एस्क्रो खाता, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना, खोलने तथा बनाये रखने के लिए अनुमति दी जाए । यह निर्णय भी लिया गया है कि सेबी प्राधिकृत निक्षेपागार सहभागियों को अनुबंध में दी गयी शर्तों के तहत, प्रतिभूतियों के लिए, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना, एस्क्रो खाता खोलने/बनाये रखने की अनुमति दी जाए । दोनों मामलों में, एस्क्रो एजेंट आवश्यक रूप से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक अथवा सेबी प्राधिकृत निक्षेपागार सहभागी (प्रतिभूति खातों के मामले में) होंगे । ये सुविधाएं अनिवासियों को नये शेयर जारी करने तथा अनिवासियों से/को शेयरों के अंतरण करने, दोनों, के लिए लागू होंगी ।

3. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी (विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं ।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें ।

5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं ।

भवदीया

(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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