हितलाभों का इलेक्ट्रानिक माध्यम से अंतरण (ईबीटी) और इसे वित्तीय समावेशन योजना (एफआईपी) के साथ जोड़ने के संबंध में परिचालनात्मक दिशा-निर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
हितलाभों का इलेक्ट्रानिक माध्यम से अंतरण (ईबीटी) और इसे वित्तीय समावेशन योजना (एफआईपी) के साथ जोड़ने के संबंध में परिचालनात्मक दिशा-निर्देश
भारिबैं /2011-12/153 12 अगस्त 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के अध्यक्ष / सीएमडी / सीईओ महोदय / महोदया, हितलाभों का इलेक्ट्रानिक माध्यम से अंतरण (ईबीटी) और इसे जैसाकि आपको ज्ञात है "एक जिला-एक बैंक" मॉडल के अंतर्गत चयनित जिलों में प्रायोगिक आधार पर आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, उड़िसा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब आदि राज्यों में न्यून मूल्य खातों की सर्विसिंग तथा कम सेवा प्राप्त करने वाले न्यूनतम आय क्षेत्रों में बैंकिंग की मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु ईलेक्ट्रानिक बेनिफिट ट्रांसफर (ईबीटी) कार्यान्वित किया गया है। हिताधिकारियों द्वारा मॉडल को बढ़ावा देने में मुश्किलें व्यक्त की गई हैं। 2. अब तक प्राप्त अनुभव से यह सुझाव है कि "एक जिला – एक बैंक" मॉडल वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाया है। वित्तीय समावेशन योजना (एफआईपी) अर्थात् 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु रोडमैप के अंतर्गत बैंकों के बीच गांवों का आबंटन सामान्यतः सेवा क्षेत्र दृष्टिकोण के आधार पर किया गया है। इससे यह स्थिति उत्पन्न हो गई कि एक ही गांव में ईबीटी और एफआईपी के लिए पदापित बैंक भिन्न-भिन्न थे। यह मामला राज्य सरकारों और बैंकों द्वारा विभिन्न मंचों पर उठाया गया। स्पष्टतः प्रत्यायात्मक समझ के लिए तथा हिताधिकारियों के साथ विस्तृत परामर्शी बैठकों और चर्चा के आधार पर " हितलाभों का इलेक्ट्रानिक माध्यम से अंतरण (ईबीटी) और इसे वित्तीय समावेशन योजना (एफआईपी) के साथ जोड़ने के संबंध में परिचालनात्मक दिशा-निर्देश" तैयार किया गया है। इन दिशा-निर्देशों से अपेक्षित है कि यह वित्तीय समावेशन प्रयासों को प्रोत्साहित करेगा तथा एक बढ़ती हुई और एक कायम वित्तीय समावेशन मॉडल की ओर अग्रसर करेगा। 3. परिचालनगत दिशा-निर्देशों की एक प्रति आवश्यक कार्रवाई हेतु संलग्न है। भवदीया ( दीपाली पन्त जोशी ) |