समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - संशोधन
भारिबैंक/2013-14/241 10 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश–उदारीकरण/युक्तिकरण संबंधी 27 मई 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 69 के पैरा 2(iv)(बी) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो निम्नानुसार है: "(बी) इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया है कि सेकंड जनरेशन अथवा अनुवर्ती स्तर की स्टेप डाउन कार्यरत सहायक कंपनियों की ओर से कार्पोरेट गारंटी जारी करना अनुमोदित मार्ग के तहत समझा जाएगा बशर्ते भारतीय पार्टी ऐसी गारंटी जिस कंपनी के लिए जारी करना चाहती है उस समुद्रपारीय सहायक कंपनी में वह 51 प्रतिशत अथवा उससे अधिक स्टेक प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से धारण किये हो।" 2. पैराग्राफ की विषयवस्तु संशोधित की गयी है जिसे निम्नानुसार पढ़ा जाएगा: "(बी) इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया है कि सेकंड जनरेशन अथवा अनुवर्ती स्तर की स्टेप डाउन कार्यरत सहायक कंपनियों की ओर से कार्पोरेट गारंटी जारी करना अनुमोदित मार्ग के तहत समझा जाएगा बशर्ते भारतीय पार्टी ऐसी गारंटी जिस कंपनी के लिए जारी करना चाहती है उस समुद्रपारीय सहायक कंपनी में वह 51 प्रतिशत अथवा उससे अधिक स्टेक अप्रत्यक्ष रूप से धारण किये हो।" 3. 27 मई 2011 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 69 के सभी अन्य मदें अपरिवर्तित बनी रहेंगी। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (सी. डी. श्रीनिवासन) |
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