पंजीकृत न्यासों /सोसाइटीज द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
पंजीकृत न्यासों /सोसाइटीज द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश
आरबीआइ/2007-08/387 27 जून, 2008 श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय पंजीकृत न्यासों /सोसाइटीज द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान समय समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी -2004 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार भारत में निगमित कोई कंपनी अथवा संसद के किसी अधिनियम के अधीन सृजित किसी निकाय अथवा इंडियन पार्टनरशिप ऐक्ट के अधीन पंजीकृत पार्टनरशिप फर्म अथवा किसी अन्य संस्थान को , जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित किए जा सके , विदेश स्थित संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक संस्थाओं में निवेश की अनुमति है । 2. समुद्रपारीय निवेश नीति को और अधिक उदार बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति से उत्पादन/ शैक्षिक क्षेत्र में निवेश करने हेतु पंजीकृत न्यासों और सोसाइटीज भारत से बाहर के संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक संस्थाओं में निवेश की अनुमति है । अनुबंध में दिये गये पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले ट्रस्टों /सोसाइटियां अपने श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक/ बैंकों के माध्यम से फार्म ओडीई- भाग-I में अपने आवेदनपत्र प्रस्तुत करें। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस बात से संतुष्ट होने पर कि आवेदक निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करता है , अपनी सिफारिशों/अभिमतों के साथ आवेदनपत्र मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, समुद्रपारीय निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय , अमर भवन, पांचवी मंजिल , फोर्ट, मुंबई -400 001 को अग्रेसित करें । 3. 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (अंतरण अथवा किसी विदेशी प्रतिभूति का निर्गम) विनियमावली 2004] में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राकों को अवगत करा दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हठं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) प्रभारीमुख्यमहाप्रबंधक
अनुबंध
[27 जून, 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.53 का अनुबंध] ट्रस्ट (i) ट्रस्ट, इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1882 के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए। सोसाइटी (i) सोसाइटी , इंडियन ट्रस्ट ऐक्ट 1882 के अंतर्गत पंजीकृत होना चाहिए। पंजीकरण के अतिरिक्त , वे कार्यकलाप जिनके लिए या तो गृह मंत्रालय, भारत सरकार अथवा आवश्यक स्थानीय प्राधिकरण से , यथा स्थिति, विशेष लाइसेस /अनुमति लेना अपेक्षित हो, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, सुनिश्चित करे कि इस प्रकार का विशेष लाइसेस /अनुमति आवेदक द्वारा प्राप्त किया गया है । |