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भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – युक्तिकरण/उदारीकरण

भारिबैंक/2014-15/371
ए.पी.(डीआईआरसीरीज) परिपत्रसं. 54

29 दिसंबर 2014

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – युक्तिकरण/उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारी (श्रेणी I) बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2004] (अधिसूचना) के विनियम 18 एवं 18ए तथा 28 मार्च 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 96 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. भारतीय पार्टी को और लचीलापन उपलब्ध कराने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि अधिसूचना के कतिपय विनियमों को और उदार बनाया जाए जिनका ब्योरा नीचे दिया गया है:

(i) घरेलू/समुद्रपारीय (ओवरसीज़) उधारदाता के पक्ष में संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) के शेयरों पर प्रभार का सृजन

वर्तमान फेमा उपबंधों अनुसार, किसी भारतीय पार्टी और/अथवा संबंधित संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS) द्वारा उसकी/उनकी (निधि अथवा गैर निधि आधारित) सुविधाओं की पूर्ति के लिए भारतीय पार्टी के संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS) के शेयरों पर घरेलू/समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में प्रभार (गिरवी) का सृजन, स्वचालित मार्ग के तहत, किया जा सकता है।

यह निर्णय लिया गया है कि नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक किसी भारतीय पार्टी और/ अथवा उसकी समूह कंपनियों/सहयोगी संस्था/एसोसियएट संस्था अथवा उसके किसी संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) (भले ही उसका स्तर कुछ भी क्यों न हो) द्वारा उसकी निधि आधारित अथवा गैर निधि आधारित सुविधाओं के लिए भारतीय पार्टी के संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) (भले ही उसका स्तर कुछ भी क्यों न हो) के शेयरों पर, स्वचालित मार्ग के तहत, घरेलू अथवा समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में प्रभार का सृजन करने/गिरवी रखने की अनुमति निम्नलिखित शर्तो के तहत प्रदान कर सकता है:

  1. भारतीय पार्टी वित्तीय प्रतिबद्धत्ता के लिए उक्त अधिसूचना के विनियम 6 (और 7 यदि लागू हो) का अनुपालन करती है;

  2. उक्त अधिसूचना के विनियम 18 के उपबंधों का अनुपालन करती है;

  3. सृजित प्रभार की अवधि, यदि पहले से सूचित न हो, तो जिस प्रयोजन हेतु प्रभार सृजित किया गया है, उसके अंतिम उपयोग (जैसे ऋण अथवा अन्य सुविधा) की अवधि के साथ समाप्त होनी चाहिए;

  4. संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा घरेलू/समुद्रपारीय उधारदाता से लिए गए ऋण/ली गई सुविधा का उपयोग समुद्रपारीय मूल (कोर) कारोबारी गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा एवं किसी भी भांति उसे भारत में वापस निवेश करने के लिए नहीं किया जाएगा;

  5. नामित प्राधिकृत व्यापारी द्वारा भारतीय पार्टी के सांविधक लेखापरीक्षक से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त कर रखा जाए कि संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा लिए गए ऋण/ली गई सुविधा का उपयोग भारत में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष निवेश के लिए नहीं किया गया है;

  6. घरेलू उधारदाता द्वारा प्रभार के आह्वान के परिणामस्वरूप समुद्रपारीय संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) के शेयरों के अर्जन मौजूदा फेमा उपबंधों/समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विनियमों से नियंत्रित होंगे;

  7. घरेलू उधारदाता द्वारा भारतीय पार्टी अथवा उसकी समूह/सहयोगी/एसोसियएट संस्था अथवा उसके किसी समुद्रपारीय संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) को दी गई (निधि आधारित अथवा गैर निधि आधारित) सुविधा/सुविधाएं बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग (डीबीआर, पूर्ववर्ती डीबीओडी), भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विवेकपूर्ण मानदण्डों एवं अन्य दिशानिर्देशों द्वारा भी नियंत्रित होंगी;

  8. भारतीय पार्टी द्वारा मल्टी-लेयर्ड संरचना वाली समुद्रपारीय संस्था/कंपनी की स्थापना/अर्जन, जहां कहीं लागू है, से संबंधित मामला रिज़र्व बैंक के पास विचाराधीन है और इस संबंध में लिए गए निर्णय से प्राधिकृत व्यापारी/भारतीय पार्टी को, आवश्यक अनुपालन हेतु, यथा समय अवगत कराया जाएगा।

(ii) समुद्रपारीय (ओवरसीज़) उधारदाता के पक्ष में संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) की घरेलू परिसंपत्तियों पर प्रभार का सृजन

वर्तमान फेमा उपबंधों अनुसार, किसी भारतीय पार्टी (अथवा उसके प्रवर्तक व्यक्ति/निदेशक सहित समूह/सहयोगी/एसोसिएट संस्था) की घरेलू परिसंपत्तियों(चल/अचल/वित्तीय/अन्य) पर संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी(SDS) के समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में प्रभार सृजित करने के लिए रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति लेना आवश्यक होगा।

यह निर्णय लिया गया है कि नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक किसी भारतीय पार्टी (अथवा उसके प्रवर्तक व्यक्ति/निदेशक सहित समूह/सहयोगी/एसोसिएट संस्था) की घरेलू परिसंपत्तियों पर भारतीय पार्टी के संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी(SDS)(भले ही उसका स्तर कुछ भी क्यों न हो) हेतु, स्वचालित मार्ग से निधि आधारित और/अथवा गैर निधि आधारित सुविधा लेने के लिए समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में (गिरवी, दृष्टिबंधक, बंधक, अथवा अन्य प्रकार से) प्रभार सृजित करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तो के तहत प्रदान कर सकता है:

  1. भारतीय पार्टी वित्तीय प्रतिबद्धत्ता के लिए उक्त अधिसूचना के विनियम 6 (और 7 यदि लागू हो) का अनुपालन करती है;

  2. उक्त अधिसूचना के विनियम 18(ए)(1) के उपबंधों का अनुपालन करती है;

  3. घरेलू परिसंपत्तयों जिन पर प्रभार सृजित किया जाना है वे प्रतिभूतिकृत (सिक्चुरिटाइज्ड) नहीं हैं;

  4. सृजित प्रभार की अवधि, यदि पहले से सूचित न हो, तो जिस प्रयोजन हेतु प्रभार सृजित किया गया है, उसके अंतिम उपयोग (जैसे ऋण अथवा अन्य सुविधा) की अवधि के साथ समाप्त होनी चाहिए;

  5. संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा समुद्रपारीय लिए गए ऋण/ली गई सुविधा का उपयोग समुद्रपारीय मूल (कोर) कारोबारी गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा एवं किसी भी भांति उसे भारत में वापस निवेश करने के लिए नहीं किया जाएगा;

  6. नामित प्राधिकृत व्यापारी द्वारा भारतीय पार्टी के सांविधक लेखापरीक्षक से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त कर रखा जाए कि संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा लिए गए समुद्रपारीय ऋण/ली गई निधियों का उपयोग भारत में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष निवेश के लिए नहीं किया गया है;

  7. समुद्रपारीय उधारदाता यह वचन दे कि प्रभार को लागू (कार्यान्वित) करने की दशा में वह घरेलू परिसंपत्तियों को बिक्री के मार्फत केवल निवासी को अंतरित करेगा;

  8. प्रभार के आह्वान के परिणामस्वरूप आगम की विप्रेषणीय राशि भारतीय पार्टी की वित्तीय प्रतिबद्धता (प्रभार के सृजन के समय प्रचलित) विनिर्दिष्ट सीमा से अधिक होने के मामले में रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन लेने की आवश्यकता होगी;

  9. जहां प्रभार सृजन में भारतीय कंपनी के शयरों का गिरवी रखा जाना शामिल हो, वहां गिरवी मौजूदा फेमा उपबंधों/रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विनियमों तथा भारत सरकार द्वारा, समय-समय पर, जारी समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति द्वारा नियंत्रित होगी;

  10. भारतीय पार्टी द्वारा मल्टी-लेयर्ड संरचना वाली समुद्रपारीय संस्था/कंपनी की स्थापना/अर्जन, जहां कहीं लागू है, से संबंधित मामला रिज़र्व बैंक के पास विचाराधीन है और इस संबंध में लिए गए निर्णय से प्राधिकृत व्यापारी/भारतीय पार्टी को, आवश्यक अनुपालन हेतु, यथा समय अवगत कराया जाएगा।

(iii) घरेलू उधारदाता के पक्ष में समुद्रपारीय परिसंपत्तियों पर प्रभार का सृजन

किसी भारतीय पार्टी अथवा उसके समूह/सहयोगी/एसोसिएट संस्था के घरेलू उधारदाता के पक्ष में भारतीय पार्टी के समुद्रपारीय संयुक्त उद्द्यम (JV)/की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) की समुद्रपारीय परिसंपत्तियों पर प्रभार सृजित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति लेनी आवश्यक होगी।

यह निर्णय लिया गया है कि नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक किसी भारतीय पार्टी और/ अथवा उसकी समूह कंपनियों/सहयोगी संस्था/एसोसियएट संस्था अथवा उसके किसी समुद्रपारीय संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) (भले ही उसका स्तर कुछ भी क्यों न हो) द्वारा उसकी निधि आधारित अथवा गैर निधि आधारित सुविधाओं के लिए भारतीय पार्टी के संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) (भले ही उसका स्तर कुछ भी क्यों न हो) की समुद्रपारीय परिसंपत्तियों (शेयरों को छोड़कर) पर, स्वचालित मार्ग के तहत, घरेलू उधारदाता के पक्ष में (दृष्टिबंधन, बंधन, अथवा अन्य प्रकार से) प्रभार सृजित करने की अनुमति निम्नलिखित शर्तो के तहत प्रदान कर सकता है:

  1. भारतीय पार्टी वित्तीय प्रतिबद्धत्ता के लिए उक्त अधिसूचना के विनियम 6 (और 7 यदि लागू हो) का अनुपालन करती है;

  2. उक्त अधिसूचना के विनियम 18ए(2) के उपबंधों का अनुपालन करती है;

  3. समुद्रपारीय परिसंपत्तियां जिन पर प्रभार सृजित किया जाना है प्रतिभूतिकृत नहीं हैं;

  4. सृजित प्रभार की अवधि, यदि पहले से सूचति न हो, तो जिस प्रयोजन हेतु प्रभार सृजित किया गया है, उसके अंतिम उपयोग (जैसे ऋण अथवा अन्य सुविधा) की अवधि के साथ समाप्त होनी चाहिए;

  5. संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा घरेलू उधारदाता से लिए गए ऋण/ली गई सुविधा का उपयोग समुद्रपारीय मूल (कोर) कारोबारी गतिविधियों के लिए ही किया जाएगा एवं किसी भी भांति उसे भारत में वापस निवेश करने के लिए नहीं किया जाएगा;

  6. नामित प्राधिकृत व्यापारी द्वारा भारतीय पार्टी के सांविधक लेखापरीक्षक से इस आशय का प्रमाणपत्र प्राप्त कर रखा जाए कि संयुक्त उद्द्यम (JV)/पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी(WOS)/स्टेप डाउन सहायक कंपनी (SDS) द्वारा लिए गए ऋण/ली गई सुविधा का उपयोग भारत में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष निवेश के लिए नहीं किया गया है;

  7. प्रभार के आह्वान के परिणामस्वरूप घरेलू उधारदाता द्वारा समुद्रपारीय परिसंपत्तियों के अर्जन हेतु रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाए; और

  8. भारतीय पार्टी द्वारा मल्टी-लेयर्ड संरचना वाली समुद्रपारीय संस्था/कंपनी की स्थापना/अर्जन, जहां कहीं लागू है, से संबंधित मामला रिज़र्व बैंक के पास विचाराधीन है और इस संबंध में लिए गए निर्णय से प्राधिकृत व्यापारी/भारतीय पार्टी को, आवश्यक अनुपालन हेतु, यथा समय अवगत कराया जाएगा।

3. 14 अक्तूबर 2014 की अधिसूचना सं.फेमा. 322/2014-आरबी के द्वारा उपर्युक्त अधिसूचना में आवश्यक संशोधन कर दिए गए हैं और वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख अर्थात 3 दिसंबर 2014 से लागू हैं।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबन्धित घटकों एवं ग्राहकों को अवगत कराएं।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(ए) के अंतर्गत तथा किसी अन्य विधि के अधीन अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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