RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79142532

प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा ओवरसीज़ विदेशी मुद्रा उधार

भारिबैंक/2013-14/323
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 61

10 अक्तूबर 2013

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महेदया/महोदय,

प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा ओवरसीज़ विदेशी मुद्रा उधार

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के विनियम सं. (4)(2)(i) तथा 15 अक्तूबर 2008 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 23 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार, अन्य बातों के साथ-साथ, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक अपने प्रधान कार्यालय, समुद्रपारीय शाखाओं और तदनुरूपी बैंकों से निधियाँ उधार ले सकते हैं तथा नास्ट्रो खाते में ओवरड्राफ्ट प्राप्त कर सकते हैं, जो पिछली तिमाही के अंत में उनकी कुल अक्षत टियर-I पूंजी के सौ प्रतिशत (100%) अथवा 10 मिलियन अमरीकी डालर (अथवा उसके समतुल्य) में से, जो भी अधिक हो, (विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण के वित्तपोषण हेतु लिए गए उधारों और पूँजी लिखतों को छोड़कर) से अधिक नहीं होंगे।

2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को समुद्रपारीय निधियां प्राप्त करने में और अधिक लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने 1 अक्तूबर 2013 के जी.एस.आर. सं. 668 (ई) के जरिये सरकारी राजपत्र में प्रकाशित 26 सितंबर 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 288/2013-आरबी द्वारा विनियम सं. (4)(2)(i) में संशोधन किया है। अब से प्राधिकृत व्यापारी, अपने प्रधान कार्यालय अथवा समुद्रपारीय शाखाओं अथवा भारत से बाहर के तदनुरूपी बैंकों अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा यथा अनुमत किसी अन्य एंटिटी से रिज़र्व बैंक द्वारा यथा निर्देशित शर्तों के अंतर्गत, अपनी कुल अक्षत टियर-I पूंजी के सौ प्रतिशत (100%) अथवा 10 मिलियन अमरीकी डालर में से, जो भी अधिक हो, तक उधार ले सकते हैं। संशोधक अधिसूचना की प्रतिलिपि इस परिपत्र के संलग्नक के रूप में दी गयी है।

3. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को एतद्द्वारा 30 नवंबर 2013 तक सीमित अवधि के लिए अंतर्राष्ट्रीय/बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं से उधार लेने की अनुमति दी जाती है। ऐसे उधार सामान्य बैंकिंग कारोबार के प्रयोजन हेतु लिए जा सकेंगे और वे पूँजी-वृद्धि के लिए नहीं होंगे तथा 10 सितंबर 2013 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 40 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन होंगे। इसके अलावा, ऐसे उधार 10 सितंबर 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 40 और 25 सितंबर 2013 के परिपत्र सं. 54 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक की रियायती स्वाप सुविधा के लिए पात्र होंगे।

4. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं।

भवदीय

(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?