भारिबैंक/2013-14/293 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 54 25 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा ओवरसीज़ विदेशी मुद्रा उधार – सीमा में वृद्धि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 10 सितंबर 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.40 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, अन्य बातों के साथ-साथ, उनकी अक्षत टियर I पूंजी के 50% से अधिक उधार लेने की अनुमति दी गयी थी, बशर्तें उधार की परिपक्वता अवधि न्यूनतम तीन वर्ष होगी। 2. पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक से स्वाप सुविधा लेने के प्रयोजन के लिए 30 नवंबर 2013 को अथवा उससे पहले लिए गए उल्लिखित उधारों की न्यूनतम परिपक्वता अवधि की अपेक्षा तीन वर्षों से कम करते हुए एक वर्ष तक कर दी जाए। यह नोट किया जाए कि उक्त तारीख के बाद, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों द्वारा उनकी टियर I पूंजी के 50% से अधिक विदेशी मुद्रा उधार की न्यूनतम परिपक्वता अवधि तीन वर्ष होगी। 3. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए है । भवदीय, (रूद्र नारायण कर) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |