प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋणों की रिपोर्टिंग – "संवितरण" की परिभाषा - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋणों की रिपोर्टिंग – "संवितरण" की परिभाषा
भारिबै/2013-14/156 24 जुलाई, 2013 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / महोदय/ महोदया, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋणों की रिपोर्टिंग – "संवितरण" की परिभाषा कृपया आप प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार-संशोधित रिपोर्टिंग प्रणाली पर 7 जनवरी, 2013 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि .केका .प्लान बीसी 56/04.09.01/2012-13 देखें। 2. मासिक और वार्षिक रिपोर्टिंग फॉर्मेटों में सूचित किए जानेवाले संवितरणों को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है: (i) नकदी ऋण/ ओवरड्राफ़्ट खाता और इसी स्वरूप के चल खाते: विचाराधीन विशिष्ट अवधि (मासिक/ तिमाही/ छमाही/ वार्षिक) के लिए नामे जोड़ (डेबिट समेशन) में से ब्याज एवं अन्य प्रभार घटाकर प्राप्त की गई राशि अथवा मंजूर सीमा, इनमें से जो भी कम हो। (ii) मीयादी ऋण: विचाराधीन विशिष्ट अवधि (मासिक/तिमाही/छमाही/वार्षिक) के लिए नामे जोड़ (डेबिट समेशन) में से ब्याज एवं अन्य प्रभार घटाकर प्राप्त की गई राशि। भवदीय, (टी.वी. राव) |