प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण
भारिबैं/2017-18/203 19 जून 2018 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय / महोदया, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण कृपया दिनांक 06 जून 2018 को जारी दूसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2018-19 के विकासात्मक एवं विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 6 और दिनांक 07 जुलाई 2016 को ‘प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार – लक्ष्य और वर्गीकरण’ पर जारी मास्टर निदेश (16 अप्रैल 2018 को अद्यतन) के पैरा 10.1 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के तहत वर्गीकरण हेतु आवास ऋण संबंधी योग्यता मानदंड निर्धारित किया गया है। 2. उक्त मास्टर निदेश के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को महानगरीय केंद्रों (दस लाख और उससे अधिक की आबादी वाले) में ₹ 28 लाख तक के ऋण और अन्य केंद्रों में ₹ 20 लाख तक के ऋण प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के तहत वर्गीकरण हेतु पात्र हैं, बशर्ते निवासी यूनिट की लागत क्रमशः ₹ 35 लाख और ₹ 25 लाख से अधिक न हो। 3. किफायती आवास योजना के साथ आवास ऋण के लिए प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों में अभिरूपता लाने तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों एवं कम आय वाले समूहों के लिए कम लागत वाले आवास को साकार करने हेतु, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के तहत पात्रता के लिए आवास ऋण सीमा को महानगरीय केंद्रों (दस लाख और उससे अधिक की आबादी वाले) में ₹ 35 लाख और अन्य केंद्रों में ₹ 25 लाख रूपए के रूप में संशोधित किया जाएगा, बशर्ते निवासी यूनिट की समग्र लागत महानगरीय केंद्रों और अन्य केंद्रों में क्रमश: ₹ 45 लाख और ₹ 30 लाख से अधिक न हो। 4. इसके अतिरिक्त, उपरोक्त मास्टर निदेश के पैरा 10.4 में निर्धारित किए गए अनुसार केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्लूएस) और निम्न आय समूह (एलआईजी) के लोगों के लिए मकान बनवाने के प्रयोजन संबंधी आवास परियोजनाओं हेतु मौजूदा पारिवारिक आय सीमा वार्षिक ₹ 2 लाख को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत निर्दिष्ट आय मानदंडों के साथ संरेखण करते हुए उसे ईडब्लूएस के लिए ₹ 3 लाख प्रति वर्ष और एलआईजी के लिए ₹ 6 लाख प्रति वर्ष के रूप में संशोधित किया गया है। 5. मास्टर निदेश के तहत निर्दिष्ट सभी अन्य नियम एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उक्त मास्टर निदेश को इसके साथ में ही उपर्युक्त परिवर्तनों को दर्शाने हेतु अद्यतन किया जा रहा है। 6. संशोधित दिशानिर्देश परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे। भवदीय (गौतम प्रसाद बोरा) |