आरबीआई/2020-21/74 डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.754/02.14.003/2020-21 04 दिसंबर, 2020 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / भुगतान बैंक / लघु वित्त बैंक / स्थानीय क्षेत्र के बैंक / गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता / प्राधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क / भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदया/महोदय, आवर्ती लेनदेन के लिए ई-मैनडेट का प्रसंस्करण कृपया हमारे दिनांक 21 अगस्त 2019 के परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं.447/02.14.003/2019-20 का संदर्भ ग्रहण करें जिसके अंतर्गत 2000/- रुपये तक के आवर्ती लेनदेन के लिए, उसमें सूचीबद्ध शर्तों के अधीन कार्ड और प्रीपेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) में ई-मैनडेट और स्थायी अनुदेशों के प्रसंस्करण के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफ़ए) में छूट की अनुमति दी गई थी। बाद में इन अनुदेशों के अंतर्गत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को भी शामिल कर लिया गया। 2. हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों और ग्राहकों को उपलब्ध पर्याप्त सुरक्षा के आधार पर, 4 दिसंबर, 2020 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी कि उपरोक्त लेनदेन की सीमा बढ़ाई जाएगी। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 1 जनवरी 2021 से एएफए में छूट के लिए उपरोक्त सीमा को बढ़ाकर रुपये 5,000/- प्रति लेनदेन कर दिया जाए। 3. पूर्वोक्त निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाली व्यवस्थाओं / प्रेक्टिसेज के अंतर्गत कार्ड / पीपीआई / यूपीआई का उपयोग करके आवर्ती लेनदेन (घरेलू या क्रॉस-बॉर्डर) का प्रसंस्करण 31 मार्च, 2021 से आगे जारी नहीं रखा जाएगा। 4. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 के अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है। भवदीय, (पी.वासुदेवन) मुख्य महाप्रबंधक |