परियोजना कार्यालय- भारत में विदेशी मुद्रा खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
परियोजना कार्यालय- भारत में विदेशी मुद्रा खाते
आरबीआई /2008-09/109 31 जुलाई , 2008 सभी श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय परियोजना कार्यालय- भारत में विदेशी मुद्रा खाते श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान समय समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध ( भारत में अथवा भारत से बाहर अथवा शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार की जगह से अलग व्यवस्था ) विनियमावली 2000 और 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली 2000 और 17 मई 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.44 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. वर्तमान समय में भारत में परियोजना कार्यालयो वाली विदेशी कंपनियों को 17 मई 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.44 में उल्लिखत शर्तों के तहत अपने प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिए केवल एक विदेशी मुद्रा खाता खोलने की अनुमति है । करेंसी जोखिम से बचाव के उद्देश्य से तमाम विदेशी कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक से इस आशय से संपर्क कर रही हैं कि उन्हें सामान्यत: स्वदेशी करेंसी में और दूसरा खाता अमरीकी डॉलर में खोलने की अनुमति प्रदान की जाये । अत: यह निर्णय लिया गया है कि प्रक्रिया को और अधिक उदार बनाया जाये और श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को ऐसे प्रत्येक प्रोजेक्ट कार्यालय (जो भारतीय रिजर्व बैंक की सामान्य/ विशिष्ट अनुमति से खुला हो ) के लिए वर्तमान खाते के लिए लागू शर्तों पर ही एक अतिरिक्त विदेशी मुद्रा खाता खोलने की अनुमति दी जाये बशर्ते कि विदेशी मुद्रा के दोनो खाते एक ही श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक में रखें जायें । उपर्युक्त परिपत्र में उल्लिखत अन्य शर्तें यथावत् लागू रहेंगी । 3. उपर्युक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । 4. श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक , कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संघटकों तथा ग्राहकों को अवगत करादें। 5. 03 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10 /2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में रहने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता)विनियमावली 2000 में किये गये आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर हैं। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |