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वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा - मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण संबंधी अपेक्षा

आरबीआइ/2009-10/209
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 58 /21.04.048/2009-10

5 नवंबर 2009
13 कार्तिक 1931 (शक)

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)

महोदय

वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा -
मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण संबंधी अपेक्षा

कृपया 27 अक्तूबर 2009 को घोषित वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैरा 158 देखें (पैराग्राफ की प्रतिलिपि संलग्न)।

2. हमारे 15 नवंबर 2008 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 83/21.01.002/2008-09 के पैरा 2(क) के अनुसार सभी प्रकार की मानक आस्तियों के संबंध में प्रावधनीकरण अपेक्षा को घटाकर 0.40 प्रतिशत के एकरूप स्तर तक लाया गया था, केवल कृषि तथा छोटे और मझोले उद्यम (एसएमई) क्षेत्रों को दिये गये प्रत्यक्ष अग्रिमों के संबंध में 0.25 प्रतिशत का प्रावधान जारी रखा गया था।

3. पिछले एक वर्ष के दौरान वाणिज्यिक स्थावर संपदा (सीआई) क्षेत्र को दिये गये ऋण में भारी वृद्धि और इस क्षेत्र में पुनर्रचित अग्रिमों की व्यापकता को देखते हुए यह विवेकसम्मत होगा की संभावित अनर्जक आस्तियों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किये जाएँ । अत:, अब यह निर्णय लिया गया है कि सीआरई क्षेत्र को दिये गये ऐसे अग्रिमों के संबंध में प्रावधानीकरण अपेक्षा 0.40 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 1.00 प्रतिशत की जाए, जिन्हें ‘मानक आस्तियों’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

4. उपर्युक्त परिवर्तन के बाद सभी संवर्गों की मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण अपेक्षा नीचे संक्षेप में दी गयी है :

क्रम सं.

 मानक आस्ति का संवर्ग

प्रावधानीकरण की दर

(क)

कृषि और एसएमई क्षेत्रों को प्रत्यक्ष अग्रिम

0.25%

(ख)

वाणिज्यिक स्थावर संपदा (सीआरई) क्षेत्र

1.00%

(ग)

अन्य सभी ऋण और अग्रिम जिन्हें उपर्युक्त (क) और (ख) में शामिल नहीं किया गया है

0.40%

भवदीय

(बी. महापात्र)
मुख्य महाप्रबंधक


वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की
दूसरी तिमाही समीक्षा का पैराग्राफ 158

पिछले एक वर्ष के दौरान वाणिज्यिक स्थावर संपदा (सीआई) क्षेत्र को दिये गये ऋण में भारी वृद्धि और इस क्षेत्र में पुनर्रचित अग्रिमों की व्यापकता को देखते हुए यह विवेकसम्मत होगा की संभावित अनर्जक आस्तियों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किये जाएँ। अत:, अब यह निर्णय लिया गया है कि सीआरई क्षेत्र को दिये गये ऐसे अग्रिमों के संबंध में प्रावधानीकरण अपेक्षा 0.40 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 1.00 प्रतिशत की जाए, जिन्हें ‘मानक आस्तियों’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

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