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कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

भारिबैं/2014-15/595
एफएमआरडी.डीआइआरडी.08/14.03.002/2014-15

14 मई 2015

सभी बाजार प्रतिभागी

कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

हमारे परिपत्र सं. एफएमआरडी.डीआइआरडी.04/14.03.002/2014-15 दिनांक 3 फरवरी 2015 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जिसके साथ कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 संलग्न किया गय़ा था । जैसाकि निदेश के पैराग्राफ 4 में उल्लिखित है, निम्नलिखित प्रतिष्ठान कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा करने के लिए पात्र होते हैं :

i. कोई अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, जिसमें आरआरबी और एलएबी शामिल नहीं हैं;

ii. कोई प्राथमिक व्यापारी, जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किया गया हो;

iii. कोई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी. जो भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकृत हो (कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 की उपधारा (45) में यथा परिभाषित सरकारी कंपनियों से भिन्न);

iv. अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएँ, यथा, एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी;

v. इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी लिमिटेड;

vi. कोई अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक, बशर्ते कि वह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करता हो;

vii. अन्य विनियमित प्रतिष्ठान, बशर्ते कि उनका अनुमोदन संबंधित विनियामकों द्वारा किया गया हो, यथा,

  1. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में पंजीकृत कोई म्युचुअल फंड;
  2. राष्ट्रीय आवास बैंक में पंजीकृत कोई आवास वित्त कंपनी;
  3. बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण में पंजीकृत कोई बीमा कंपनी;

viii. कोई अन्य प्रतिष्ठान, जिसे रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट रूप से अनुमति दी गयी है ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि आरबीआई में पंजीकृत एनबीएफसी को, जिनमें कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 की उप धारा (45) में यथा परिभाषित सरकारी कंपनियाँ शामिल हैं, जो गैर बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, द्वारा एनबीएफसी के लिए निर्धारित विवेकपूर्ण मानदंडों का पालन करती हैं, कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा करने की अनुमति दी जाये ।

3. इस संबंध में एफएमआरडी.डीआइआरडी.07/14.03.002/2014-15 दिनांक 14 मई 2015 द्वारा जारी किया गया निदेश (कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रेपो (संशोधन) निदेश, 2015) संलग्न है । ये संशोधन 14 मई 2015 से प्रभावी माने जायेंगे ।

भवदीय,

(आर सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्तीय बाजार विनियमन विभाग
23वीं मंजिल केंद्रीय कार्यालय
फोर्ट मुम्बई 400 001
मुम्बई 14 मई 2015

कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रेपो (संशोधन) निदेश, 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम,1934 की धारा 45 डब्लू द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और अधिसूचना सं एफएमआरडी.डीआइआरडी.03/14.03.002/2014-15 दिनांक 3 फरवरी 2015 में आंशिक संशोधन करते हुए रिज़र्व बैंक इसके द्वारा कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रेपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 दिनांक 3 फरवरी 2015 (इसके बाद उक्त निदेश के रूप में निर्दिष्ट किया जायेगा) में निम्नलिखित संशोधन करता है, यथा :

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :

  1. इन निदेशों को कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रेपो (संशोधन) निदेश, 2015 कहा जा सकेंगा
  2. ये 14 मई 2015 से प्रभावी माने जायेंगे ।

2. उक्त निदेश के पैराग्राफ 4 में, मद (ग), के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जायेगा, यथा:

" (ग) भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकृत कोई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, जिनमें कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 की उप धारा (45) में यथा परिभाषित सरकारी कंपनियाँ शामिल हैं, जो गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, द्वारा समय-समय पर एनबीएफसी के लिए निर्धारित विवेकपूर्ण मानदंडों का पालन करती हैं "

(जी पद्मनाभन)
कार्यपालक निदेशक

संदर्भ एफएमआरडी.डीआइआरडी.07/14.03.002/2014-15

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