कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा करार - अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को अनुमति देना - आरबीआई - Reserve Bank of India
कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा करार - अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को अनुमति देना
आरबीआइ/2012-13/270 30 अक्तूबर 2012 सभी बाज़ार सहभागी कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा करार - दिनांक 8 जनवरी 2010 के हमारे परिपत्र आंऋप्रवि.डीओडी.05/11.08.38/2009-10 की ओर आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है जिसके साथ कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2010 संलग्न किया गया था । उक्त निदेशों के पैरा 4 में निर्दिष्ट किये गये अनुसार निम्नलिखित इकाइयाँ कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा करार में भाग लेने के लिए पात्र हैं - (क) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों को छोड़कर कोई भी अनुसूचित वाणिज्य बैंक; (ख) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत कोई भी प्राथमिक व्यापारी; (ग) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत की गई कोई भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 617 में परिभाषित किये गये अनुसार सरकारी कंपनियों को छोडकर); (घ) अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएँ, जैसे एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, राष्ट्रीय आवास बैंक और सिडबी; (ङ) अन्य विनियमित इकाइयॉ, बशर्ते उन्हें संबंधित विनियामकों आदि द्वारा अनुमोदन प्राप्त हो:
(च) रिज़र्व बैंक द्वारा विशेष रूप से अनुमति दी गई कोई भी इकाई । 2. मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा (पैरा 77) में घोषित किये गये अनुसार और कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2010 के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, अब यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदाओं का कार्य करने के लिए अनुमति दी जाए बशर्ते शहरी बैंक विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित शर्तों का पालन किया गया हो । 3. दिनांक 8 जनवरी 2010 के परिपत्र आंऋप्रवि.डीओडी.05/11.08.38/2009-10 और 9 नवंबर 2010 के परिपत्र आंऋप्रवि.पीसीडी.22/11.08.38/2010-11 द्वारा जारी अधिसूचनाओं की अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी । भवदीय (के.के. वोहरा) |