विविध विप्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
विविध विप्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना
भा.रि.बैंक/2024-25/47 03 जुलाई 2024 सेवा में विदेशी मुद्रा विनिमय से जुड़े सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विविध विप्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करना दिनांक 12 सितंबर 2002 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.16, दिनांक 23 दिसंबर 2003 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.55 और दिनांक 07 मई 2012 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.118 के अंतर्गत जारी निदेशों के अनुसार, एक साधारण पत्र जिसमें सामान्य जानकारी प्रदान की गयी हो, के आधार पर प्राधिकृत व्यापारी किसी भी चालू खाता लेनदेन के लिए अधिकतम 25,000 अमेरिकी डालर या समतुल्य विदेशी मुद्रा जारी कर सकते हैं। यह भी सूचित किया गया था कि प्राधिकृत व्यापारियों को इसके लिए फॉर्म ए2 सहित कोई अन्य दस्तावेज माँगने की आवश्यकता नहीं है और भुगतान आवेदक द्वारा उसके बैंक खाते पर आहरित डिमांड ड्राफ्ट या चेक के माध्यम से किया जाना है। 2. विनियामक अनुपालनों और परिचालन-प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी सभी प्रकार के सीमा-पार विप्रेषणों के लिए अब फॉर्म ए2 भौतिक या डिजिटल रूप में ले सकते हैं, चाहे लेनदेन की राशि कुछ भी हो। परिणामस्वरूप, उपर्युक्त परिपत्रों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है। विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(5) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी इस बात से आश्वस्त हो जाने के लिए आवश्यक कदम उठाना जारी रखें कि लेनदेन में फेमा के प्रावधानों का कोई उल्लंघन न किया गया हो। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएँ। 4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। भवदीय (एन सेंथिल कुमार) |