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वेतन का प्रेषण - ढील

भा.रि.बैं/2009-288
ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.26

14 जनवरी 2010

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया / महोदय

वेतन का प्रेषण - ढील

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान, 20 सितंबर 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.17 और 3 मई, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 7 के उप-विनियम 8 अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध(भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता ) विनियमावली,2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार किसी विदेशी कंपनी का कर्मचारी होने के कारण , किसी विदेशी राज्य का भारत में निवासी कोई नागरिक, अथवा कंपनी द्वारा भारत से बाहर नियुक्त भारत का कोई नागरिक और धदोनों ही मामलों में, इस प्रकार किसी विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर कोई व्यक्ति भारत से बाहर किसी ब्ाक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है , धारित कर सकता है और खाते का रखरखाव कर सकता है और वह इस प्रकार की विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में की गई सेवाओं के लिए उसे देय समग्र वेतन निर्धारित शर्तों के अधीन ऐसे खाते में जमा करते हुए प्राप्त कर सकता है बशर्ते ऐसी राशि विदेशी कंपनी से अर्जित अथवा प्राप्त वेतन का 75 प्रतिशत से अधिक न हो।

2. भारत सरकार द्वारा सरकारी राजपत्र के भाग-II, उप-खंड- (i)में 23 नवंबर के सा.का.नि.सं. 838(अ) [30 सितंबर,2009 की अधिसूचना सं. फेमा 199/2009-आरबी द्वारा अधिसूचित करते हुए अब उपर्युक्त सुविधा को निम्नवत् उदार बना दिया गया है :-

(i) किसी विदेशी कंपनी का कर्मचारी होने के कारण , किसी विदेशी राज्य का भारत में निवासी कोई नागरिक, अथवा कंपनी द्वारा भारत से बाहर नियुक्त भारत का कोई नागरिक और धदोनों ही मामलों में, इस प्रकार किसी विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर कोई व्यक्ति भारत से बाहर किसी ब्ाक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है , धारित कर सकता है और खाते का रखरखाव कर सकता है और इस प्रकार की विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक कंपनी/संयुक्त उद्यम में की गई सेवाओं के लिए उसे देय समग्र वेतन ऐसे खाते में जमा करते हुए प्राप्त कर सकता है बशर्ते भारत में अर्जित किये थये अनुसार समग्र वेतन पर आयकर अधिनियम 1961के तहत प्रभार्य कर अदा किया जाता है ।

(ii) भारत में निगमित किसी नियुक्त होने के कारण भारत में निवासी विदेशी राज्य का नागरिक, भारत से बाहर किसी ब्ाक़ में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है, धारित कर सकता है और खाते का रखरखाव कर सकता है और इस प्रकार की विदेशी कंपनी में की गई सेवाओं के लिए भारत में भारतीय रुपयों में प्राप्त समग्र वेतन इस खाते में प्रेषित कर सकता है बशर्ते भारत में अर्जित किये थये अनुसार समग्र वेतन पर आयकर अधिनियम 1961के तहत पभार्य कर अदा किया जाता है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी-मुख्य महाप्रबंधक

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