उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) को विप्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) को विप्रेषण
भा.रि.बैंक/2023-24/21 26 अप्रैल 2023 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) को विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 16 फरवरी 2021 के ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसका विषय “उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के तहत भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) में विप्रेषण” है। साथ ही ‘उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS)’ विषय पर जारी एवं समय-समय पर यथासंशोधित मास्टर निदेश सं. 7/2015-16 की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया जाता है। 2. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत स्थापित किए गए आईएफएससी हेतु उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) को अन्य विदेशी क्षेत्राधिकारों के समान श्रेणीबद्ध करने के उद्देश्य से मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा करते हुए 16 फरवरी 2021 के उक्त ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र के पैरा 2(ii) में जारी निदेशों को निम्न प्रकार संशोधित करने का निर्णय लिया गया है: “एलआरएस के तहत ऊपर उल्लिखित अनुमत निवेशों के लिए निवासी व्यष्टि आईएफ़एससी में विदेशी मुद्रा खाता (FCA) भी खोल सकते हैं।“ इसलिये ऐसे खातों में धारित राशि यदि उसकी प्राप्ति की तारीख से 15 दिनों तक निष्क्रिय पड़ी हो, तो उन निधियों को संप्रत्यावर्तित किए जाने संबंधी शर्त को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है, इस संबंध में अब एलआरएस संबंधी उपर्युक्त मास्टर निदेश में दिये गए योजना के विभिन्न प्रावधान लागू होंगे। 3. इन परिवर्तनों को दर्शाने के लिए मास्टर निदेश सं.7 को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/कानून के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। भवदीय (अजय कुमार मिश्र) |