अनिवासियों को प्रेषण - स्त्रोत पर कर कट - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासियों को प्रेषण - स्त्रोत पर कर कट
आरबीआइ/ 2007-08 / 100 19 जुलाई 2007 सेवा में सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया / महोदय अनिवासियों को प्रेषण - स्त्रोत पर कर कटौती प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों और प्राधिकृत बैंकों का ध्यान नवंबर 26, 2002 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 56 की ओर आकर्षित किया जाता ह,ठ जिसके साथ अनिवासियों को प्रेषण के समय प्रेषक द्वारा प्रस्तुत किये जानेवाले वचनपत्र के फार्मेट में संशोधन और प्रमाणपत्र के संबंध में अक्तूबर 9, 2002 का प्रत्यक्ष कर के केंद्रीय बोर्ड का परिपत्र सं. 10 / 2002 (एफ.सं.500 / 152 /96- एफ टी डी) संलग्न था। 2. हमसें प्राधिकृत व्यापारियों इस आशय के प्रश्न पूछ रहे हैं कि क्या व्यापार भुगतान के लिए प्रेषण सहित अनिवासियों को विदेशी मुद्रा प्रेषण के सभी मामलों में ऐसे वचनपत्र और प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेगे ? प्रत्यक्ष कर के केंद्रीय बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त पत्राचार के आधार पर यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर नियमावली के नियम 29 आ के साथ पठित आयकर अधिनियम की धारा 195 के तहत किसी भी अनिवासी अथवा किसी विदेशी कंपनी को ब्याज अथवा आयकर अधिनियम के तहत प्रभार्य अन्य राशि के भुगतान करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति, राशि के भुगतान अथवा जमा के समय उस पर लागू दर पर आयकर की कटौती करेगा । आयकर अधिनियम की धारा 195 का दायरा ब्याज आय तक ही सीमित नहीं है और यह व्यापार आय को भी अपने हिसाब में लेता है । इसके अलावा, सनदी लेखाकार के प्रमाणपत्र का मद 7 और 8 क्रमश: वस्तु अथवा माल (संयत्र, मशीनरी, उपकरण, आदि) अथवा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और व्यापार आय से संबंधित है । 3. तदनुसार, विदेशी मुद्रा के प्रेषक को, प्रेषण, जो आयात भुगतानों जैसे व्यापार लेन देनों के स्वरूप के हैं, सहित अनिवासियों को विदेशी मुद्रा में प्रेषण करते समय अक्तूबर 9, 2002 के परिपत्र सं. 10/2002 द्वारा प्रत्यक्ष कर, केंद्रीय बोर्ड द्वारा निर्धारित फार्मेट में एक वचनपत्र और सनदी लेखाकार का प्रमाण पत्र प्राधिकृत व्यापारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 5. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |