गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नियंत्रण का अधिग्रहण / अंतरण के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नियंत्रण का अधिग्रहण / अंतरण के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता
भारिबैं/2015-16/122 09 जुलाई 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएससी) महोदय, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के नियंत्रण का अधिग्रहण / अंतरण के मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता कृपया गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (अर्जन अथवा नियंत्रण के अंतरण हेतु अनुमति) निदेश, 2014 पर जारी 26 मई 2014 का परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं.376/03.10.001/2013-14 और अधिसूचना सं: गैबैंपवि(नीप्र)275/जीएम(एएम) का अवलोकन करें। उद्योगजगत से प्राप्त अभ्यावेदनों और 30 मार्च 2015 को जारी प्रारूप दिशानिदेश पर प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैक ने उक्त निदेश को संशोधित करने का निर्णय लिया है। संशोधित दिशानिदेश निम्नलिखित है। 2. रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति लेने की आवश्यकता (i) इसके बाद से, निम्नलिखित के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी- ए) एनबीएफसी के नियंत्रण में किसी प्रकार का अधिग्रहण अथवा अर्ज़न, जिसके फलस्वरूप प्रबंधन में परिवर्तन होता हो अथवा नहीं; बी) समय के साथ प्रगतिशील वृद्धि सहित, एनबीएफसी की शेयरधारिता में किसी प्रकार का परिवर्तन, जिसके परिणाम स्वरूप एनबीएफसी की शेयर धारिता का अंतरण/ अर्जन प्रदत्त इक्विटी कैपिटल का 26 प्रतिशत अथवा उससे अधिक होता है। तथापि, ऐसे मामलों में पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी जहां शेयरों की वापसी खरीद/ पूंजी में कमी के कारण शेयरधारिता में 26% से अधिक का परिवर्तन, सक्षम न्यायालय के अनुमोदन से हो। तथापि इस घटना के एक माह के अंदर भारतीय रिज़र्व बैंक को इसकी रिपोर्ट करनी होगी; (सी) एनबीएफसी के प्रबंधन में किसी प्रकार का परिवर्तन जिसके कारण स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर, 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक परिवर्तित हो जाते है। ऐसे निदेशकों के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं है जो रोटेशन से सेवानिवृत्ति होने पर पुन: निर्वाचित होते है। (ii) यद्यपि खंड (i) में किसी बात के होते हुए भी, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करना (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998, गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश 2015 तथा प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश 2015 की अपेक्षानुसार एनबीएफसी को अपने निदेशकों/ प्रबंधन में किसी प्रकार के परिवर्तन के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचना देना जारी रहेगा। 3. पूर्वानुमति के लिये आवेदन (i) एनबीएफसी को पैराग्राफ 2 के तहत बैंक से पूर्वानिमति प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ कंपनी के पत्रशीर्ष में आवेदन प्रस्तुत करना होगा: ए) अनुबंध के अनुसार प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारको के संबंध में सूचना; बी) एनबीएफसी के शेयरों का अर्जन करने वाले प्रस्तावित शेयरधारकों के निधि का स्रोत; सी) प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारकों से घोषणा पत्र जिसमें यह कहा गया हो कि वे ऎसी किसी अनिगमित निकाय से संबंद्ध नहीं रखते है जो जमाराशि स्वीकार करती है; डी) प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारकों से घोषणा पत्र जिसमें यह कहा गया हो कि वे किसी ऐसी कंपनी से संबंद्ध नहीं रखते है जिनका पंजीकरण प्रमाण पत्र (सीओआर) हेतु आवेदन, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अस्वीकार किया गया हो; ई) प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारकों से घोषणा पत्र जिसमें यह कहा गया हो कि उनपर परक्राम्य लिखत अधिनियम, की धारा 138 के तहत अपराध सहित कोई आपराधिक मामला नहीं है; और एफ) प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारकों के संबंध में बैंकर्स रिपोर्ट। (ii) इस संबंध में आवेदन गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किया जाए जिसके अधिकार क्षेत्र में एनबीएफसी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है। 4. नियंत्रण/ प्रबंधन में परिवर्तन के संबंध में पूर्व सार्वजनिक सूचना देने की आवश्यकता i. शेयर की बिक्री अथवा नियंत्रण के अंतरण, जो शेयर की बिक्री या बिना बिक्री के साथ हो, द्वारा स्वामित्व में अंतरण या उसकी बिक्री के न्यूनतम 30 दिन पूर्व सार्वजनिक सूचना दी जाए। ऐसी सार्वजनिक सूचना एनबीएफसी द्वारा तथा दूसरी पार्टी अथवा संबंधित पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति प्राप्त होने के बाद दी जाये। ii. सार्वजनिक सूचना में स्वामित्व की बिक्री/ अंतरण का प्रयोजन, अंतरिती का ब्योरा तथा स्वामित्व/ नियंत्रण के ऐसे बिक्री अथवा अंतरण का कारण दर्शाया जाना चाहिए। सार्वजनिक सूचना एक राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख समाचार पत्र तथा एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र (जो पंजीकृत कार्यालय के स्थान को कवर करता हो) में प्रकाशित किया जाए। 5. उक्त विनिर्दिष्ट निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे अर्थात यह, किसी अधिग्रहण अथवा अर्ज़न, शेयर धारण में कोई परिवर्तन या प्रबंधन में किसी प्रकार का परिवर्तन, इस परिपत्र की तारीख के बाद से लागू होंगे। 6. उक्त निदेशों के उल्लंघन पर पंजीकरण प्रमाण पत्र निरस्तिकरण सहित प्रतिकूल विनियामक कार्यवाई की जा सकती है। 7. 09 जुलाई 2015 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि (नीप्र) 029/ सीजीएम (सीडीएस)-2015 इसके साथ संलग्न है। भवदीय, (सी डी श्रीनिवासन) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंविवि(नीप्र)029/सीजीएम(सीडीएस)-2015 09 जुलाई 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए निम्नलिखित निदेश देना आवश्यक है सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ट तथा 45 ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित निदेश देता है: निदेशों का संक्षिप्त शीर्षक तथा उसे प्रयोग में लाना 1. (1) इन निदेशों को ‘गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (अर्जन अथवा नियंत्रण के अंतरण हेतु अनुमति) निदेश, 2015 के नाम से जाना जाएगा। (2) यह निदेश प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) को छोड़कर जमाराशि स्वीकार करने वाली तथा जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली प्रत्येक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर लागू होगा। (3) यह निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। परिभाषा 2. इन निदेशों में जब तक प्रसंग से अन्यथा अपेक्षित न हो,- (ए) “नियंत्रण” का अर्थ वही होगा जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (शेयरों का भारी मात्रा में अर्जन तथा अधिग्रहण) विनियमावली, 2011 के विनियम 2 के उप विनियम (1) के खंड (ई) में यथा परिभाषित है। (बी) “एनबीएफसी” का अर्थ, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 झ के खंड (ई) में परिभाषित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के अर्थ से है। 3. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के नियंत्रण के अर्जन या अंतरण हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की आवश्यकता – (i) निम्नलिखित के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी- ए) एनबीएफसी के नियंत्रण में किसी प्रकार का अधिग्रहण अथवा अर्ज़न, जिसके फलस्वरूप प्रबंधन में परिवर्तन होता हो अथवा नहीं; बी) समय के साथ प्रगतिशील बढोत्तरी सहित, एनबीएफसी की शेयरधारिता में किसी प्रकार का परिवर्तन, जिसके परिणाम स्वरूप एनबीएफसी की शेयर धारिता का अर्ज़न/अंतरण प्रदत्त इक्विटी कैपिटल का 26 प्रतिशत अथवा उससे अधिक होता है। बशर्ते कि, ऐसे मामलों में पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी जहां शेयरों की वापसी खरीद/ पूंजी में कमी के कारण शेयरधारिता में 26% से अधिक का परिवर्तन, सक्षम न्यायालय के अनुमोदन से हो। तथापि इस घटना के एक माह के अंदर भारतीय रिज़र्व बैंक को इसकी रिपोर्ट करनी होगी; (सी) एनबीएफसी के प्रबंधन में किसी प्रकार का परिवर्तन जिसके कारण 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक, स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर, परिवर्तित हो जाते है। बशर्ते कि, ऐसे निदेशकों के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं है जो रोटेशन से सेवानिवृत्ति होने पर पुन: निर्वाचित होते है। (ii) यद्यपि खंड (i) के होते हुए भी, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करना (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998, गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश 2015 तथा प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश 2015 की अपेक्षानुसार एनबीएफसी को अपने निदेशकों/ प्रबंधन में किसी प्रकार के परिवर्तन के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचना देना जारी रहेगा। 4. पूर्वानुमति के लिये आवेदन (i) एनबीएफसी को पैराग्राफ 2 के तहत बैंक से पूर्वानिमति प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ कंपनी के पत्रशीर्ष में आवेदन प्रस्तुत करना होगा: ए) अनुबंध के अनुसार प्रस्तावित निदेशकों/ शेयरधारको के संबंध में सूचना; (ii) इस संबंध में आवेदन गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किया जाए जिसके अधिकार क्षेत्र में एनबीएफसी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है। 5. नियंत्रण/ प्रबंधन में परिवर्तन के संबंध में पूर्व सार्वजनिक सूचना देने की आवश्यकता i. शेयर की बिक्री अथवा नियंत्रण के अंतरण, जो शेयर की बिक्री या बिना बिक्री के साथ हो, द्वारा स्वामित्व में अंतरण या उसकी बिक्री के न्यूनतम 30 दिन पूर्व सार्वजनिक सूचना दी जाए। ऐसी सार्वजनिक सूचना एनबीएफसी द्वारा तथा दूसरी पार्टी अथवा संबंधित पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति प्राप्त होने के बाद दी जाये। ii. सार्वजनिक सूचना में स्वामित्व की बिक्री/ अंतरण का प्रयोजन, अंतरिती का ब्योरा तथा स्वामित्व/ नियंत्रण के ऐसे बिक्री अथवा अंतरण का कारण दर्शाया जाना चाहिए। सार्वजनिक सूचना एक राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख समाचार पत्र तथा एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र (जो पंजीकृत कार्यालय के स्थान को कवर करता हो) में प्रकाशित किया जाए। 6. अन्य विधियों की प्रयोज्यता वर्जित न होना: इस निदेश का प्रावधान अतिरिक्त होगा तथा यह किसी अन्य कानून, नियम, विनियम अथवा मौजूदा निदेशों के प्रावधानों का अवमानना में नहीं होगा। 7. निरसत और व्यावृत्ति (i) 26 मई 2014 के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (अर्जन या अंतरण हेतु अनुमति) निदेश, 2014 निरसत होंगे। (ii) यद्यपि, ऐसे निरसत के होते हुए भी, एतदद्वारा निरसरित निदेशों के तहत कृत अथवा प्रारंभ की गई कार्रवाई उक्त निदेशों के प्रावधान के तहत विनियमित होना जारी रहेगा। (सी.डी.श्रीनिवासन) |