समाधान ढांचा - 2.0: व्यक्तिगत और छोटे व्यवसायों के कोविड-19 संबंधित दबाव का समाधान - आरबीआई - Reserve Bank of India
समाधान ढांचा - 2.0: व्यक्तिगत और छोटे व्यवसायों के कोविड-19 संबंधित दबाव का समाधान
भारिबैं/2021-22/31 05 मई 2021 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदया/ महोदय समाधान ढांचा - 2.0: व्यक्तिगत और छोटे व्यवसायों के कोविड-19 संबंधित दबाव का समाधान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 06 अगस्त 2020 को "कोविड-19-संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचा" ("समाधान ढांचा - 1.0") विषय पर जारी परिपत्र डीओआर सं.बीपी.बीसी/3/21.04.048/2020-21 के माध्यम से ऋणदाताओं को स्वामित्व में बदलाव के बिना योग्य कॉरपोरेट एक्सपोजर और व्यक्तिगत ऋण के संबंध में, कुछ विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, ऐसे एक्सपोजर को मानक के रूप में वर्गीकृत करते हुए, एक समाधान योजना को लागू करने हेतु सक्षम बनाने के लिए एक अवसर प्रदान किया गया था । 2. हाल के सप्ताहों में भारत में कोविड-19 महामारी के दोबारा उभार और महामारी के प्रसार को रोकने के लिए परिणामी रोकथाम उपायों से वसूली प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और नई अनिश्चितताएं पैदा हो सकती हैं । व्यक्तिगत उधारकर्ताओं और छोटे व्यवसायों के लिए संभावित दबाव को कम करने के उद्देश्य से, निम्नलिखित उपायों की घोषणा की जा रही है । ये उपाय मोटे तौर पर उपयुक्त संशोधनों के साथ समाधान ढांचे -1.0 की रूपरेखा के अनुरूप हैं। 3. इस परिपत्र का भाग ‘क’ व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों के लिए अग्रिमों के समाधान के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं से संबंधित है और भाग ‘ख’ निम्नलिखित के लिए कार्यशील पूंजी सहयोग से संबंधित है: (i) व्यक्ति, जिसने व्यापार प्रयोजनों के लिए ऋण का लाभ उठाया है, और (ii) छोटे व्यवसाय, जिसके लिए समाधान योजनाओं को पहले लागू किया गया था । भाग ‘ग’ इस सुविधा के अंतर्गत लागू समाधान योजनाओं के संबंध में ऋण देने वाली संस्थाओं के लिए प्रकटीकरण आवश्यकताओं को सूचीबद्ध करता है। ए . व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों के लिए प्रदत्त अग्रिमों का समाधान 4. उधारदाता संस्थाओं को व्यक्तिगत उधारकर्ताओं और छोटे व्यवसायों को अपने ऋण एक्सपोजर के संबंध में समाधान योजना के कार्यान्वयन के पश्चात इन्हें नीचे विर्दिष्ट शर्तों के अधीन मानक के रूप में वर्गीकृत करते हुए समाधान योजनाओं को लागू करने के लिए एक सीमित सुविधा प्रदान करने की अनुमति है। 5. उधारदाता संस्थाओं द्वारा लागू किए जाने वाले समाधान के अवसर के अंतर्गत निम्नलिखित उधारकर्ता योग्य होंगे: ए. अपने स्वयं के कर्मियों/ कर्मचारियों को उधारदाता संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई ऋण सुविधाओं को छोड़कर ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने व्यक्तिगत ऋण का लाभ उठाया है (जैसा कि ‘एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना’ विषय पर 04 जनवरी 2018 को जारी परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 में परिभाषित किया गया है) । बी. जिन व्यक्तियों ने व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए ऋण और अग्रिमों का लाभ उठाया है और जिनपर 31 मार्च 2021 तक ऋण देने वाली संस्थाओं का सकल एक्सपोजर 25 करोड़ रुपये से अधिक का नहीं है। सी. 31 मार्च, 2021 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के रूप में वर्गीकृत के सिवाय खुदरा और थोक व्यापार में लगे कारोबारियों सहित छोटे व्यवसाय जिनपर 31 मार्च, 2021 तक उधारदाता संस्थाओं का सकल एक्सपोजर 25 करोड़ रुपये से अधिक का नहीं है। बशर्ते कि उधारकर्ता खाता/ऋण सुविधाएं कोविड-19 संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न के क्रम संख्या 2 (12 दिसंबर, 2020 को संशोधित) के साथ पठित समाधान ढांचा 1.0, के खंड 2 के उप-खंड (क) से (ङ) तक में सूचीबद्ध श्रेणियों के अंतर्गत शामिल नहीं हो। बशर्ते कि उधारकर्ता खातों को नीचे खंड 22 पर उल्लिखित विशेष छूट के अतिरिक्त, समाधान ढांचा 1.0 की शर्तों के अनुसार किसी समाधान का लाभ नहीं मिला है। बशर्ते कि उधारकर्ता को प्रदत्त ऋण सुविधाओं/ निवेश एक्सपोज़र को 31 मार्च 2021 को ऋण देने वाली संस्था द्वारा मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था। 6. इस परिपत्र की शर्तों के उल्लंघन में लागू की गई कोई भी समाधान योजना 7 जून 2019 को जारी दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकपूर्ण ढांचा (विवेकपूर्ण ढांचा) द्वारा या जहां विवेकपूर्ण ढांचा लागू नहीं है, ऋण देने वाली ऐसी संस्थाओं की विशिष्ट श्रेणी पर लागू प्रासंगिक निर्देश द्वारा पूरी तरह से नियंत्रित की जाएगी। समाधान प्रक्रिया का सक्रिय किया जाना 7. उधारदाता संस्थाएं इस ढांचे के अंतर्गत योग्य उधारकर्ताओं के लिए व्यवहार्य समाधान योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित बोर्ड अनुमोदित नीतियां यथाशीघ्र (इस परिपत्र की तिथि से चार सप्ताह के अंदर) तैयार करेंगी, तथा वे यह सुनिश्चित करेंगी कि इस सुविधा के अंतर्गत समाधान केवल कोविड-19 के कारण दबावग्रस्त उधारकर्ताओं को प्रदान किया जाए। बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति में अन्य बातों के साथ-साथ उन उधारकर्ताओं की योग्यता का विवरण होगा, जिनके संबंध में उधारदाता संस्थाएं समाधान पर विचार करने के लिए तैयार होंगी, और संबंधित उधारकर्ता के संबंध में समाधान योजना लागू करने की आवश्यकता स्थापित करने के साथ-साथ इस सुविधा के अंतर्गत समाधान के लिए अनुरोध करने वाले और/अथवा इस सुविधा के अंतर्गत समाधान प्रक्रिया के अधीन वाले उधारकर्ताओं की शिकायत को दूर करने की प्रणाली स्थापित करने के लिए उधारदाता संस्थाओं द्वारा अपनाई जाने वाली समुचित सावधानी मानदंड निर्धारित करेगी। बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को पर्याप्त रूप से प्रचारित किया जाएगा और उधारदाता संस्था की वेबसाइट पर सुलभ रूप से उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। 8. इस सुविधा के तहत समाधान प्रक्रिया को तब सक्रिय माना जाएगा जब उधारदाता संस्था और उधारदाता इस तरह के उधारदाताओं के संबंध में लागू की जाने वाली समाधान योजना को अंतिम रूप देने के प्रयासों के साथ आगे बढ़ने के लिए सहमत हों। इस सुविधा के तहत समाधान प्रक्रिया को सक्रिय करने के लिए अपने ग्राहकों से ऋण संस्थाओं द्वारा प्राप्त आवेदनों के संबंध में, इस परिपत्र में दिए गए अनुदेशों के अनुसार समाधान के लिए योग्यता का मूल्यांकन और उपर्युक्त वर्णित बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुरूप पूरा किया जाएगा, और इस तरह के आवेदनों की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर आवेदन पर निर्णय के संबंध में उधारदाता संस्थाओं द्वारा आवेदक को लिखित रूप में सूचित किया जाएगा। प्रोसेसिंग समय को सुसंगत बनाने के लिए, उधार देने वाली संस्थाएँ उपर्युक्त अनुसार इस सुविधा के तहत समाधान के लिए उत्पाद-स्तरीय मानकीकृत टेमपलेट को अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों के भाग के रूप में तैयार कर सकती हैं। 9. इस सुविधा के तहत समाधान प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय प्रत्येक उधारदाता संस्था द्वारा लिया जाएगा, जो उसी उधारकर्ता के साथ एक्सपोज़र होने पर अन्य उधार देने वाले संस्थाओं द्वारा समाधान प्रक्रिया को लागू करने का निर्णयों, यदि कोई हो, से स्वतंत्र हो। 10. इस सुविधा के तहत अनुमत समाधान के प्रारम्भ होने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2021 है। समाधान योजनाओं और कार्यान्वयन की अनुमत सुविधाएँ 11. इस सुविधा के तहत लागू की गई समाधान योजनाओं में अन्य बातों के साथ-साथ भुगतानों का पुनर्निर्धारण, अर्जित हुए या होने वाले किसी भी ब्याज का किसी अन्य क्रेडिट सुविधा में रूपांतरण, कार्यशील पूंजी सीमाओं में संशोधन, उधारकर्ता के आय के माध्यमों के आकलन के आधार पर स्थगन इत्यादि देना शामिल हैं। हालांकि, इस उद्देश्य के लिए समाधान योजना के रूप में साम समझौते (compromise settlement) की अनुमति नहीं है। 12. स्थगन अवधि, यदि दी गई है, तो अधिकतम दो वर्ष हो सकती है, और समाधान योजना के कार्यान्वयन के तुरंत बाद लागू होगी। ऋण सुविधाओं के शेष अवधि का विस्तार उधारकर्ताओं को भुगतान स्थगन के साथ या उसके बिना भी किया जा सकता है। यदि कोई स्थगन अनुमति दी गई है, तो स्थगन अवधि को शामिल करते हुए शेष अवधि के विस्तार की समग्र सीमा, दो वर्ष होगी। 13. समाधान योजना,जहां भी लागू हो, ऋण के किसी भाग को उधारकर्ता द्वारा जारी इक्विटी या अन्य विपणन योग्य, गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों में रूपांतरण की सुविधा भी प्रदान कर सकता है, और उक्त को समाधान ढांचा-1.0 के अनुबंध के पैरा 30-32 के अनुसार अभिशासित किया जाएगा। 14. "कोविड-19-संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचा - वित्तीय मानदंड" पर दिनांक 7 सितंबर, 2020 के परिपत्र बैविवि.सं.बीपी.बीसी/13/21.04.048/2020-21 में निहित अनुदेश इस सुविधा के तहत कार्यान्वित इन समाधान योजनाओं पर लागू नहीं होंगे। 15. इस सुविधा के तहत समाधान योजना को इस समाधान प्रक्रिया के प्रारम्भ की तारीख से 90 दिनों के भीतर अंतिम रूप दिया जाना और लागू किया जाना चाहिए। समाधान योजना को केवल तभी लागू माना जाएगा जब अनुबंध के पैरा 10 में समाधान ढांचा-1.0 में निहित सभी शर्तों को पूरा किया जाएगा। आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण 16. यदि इस परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार समाधान योजना को लागू किया जाता है, तो मानक के रूप में वर्गीकृत किए गए उधारकर्ताओं के खातों के आस्ति वर्गीकरण को कार्यान्वयन पर उसी रूप में रखा जा सकता है, जबकि उधारकर्ताओं के खाते जो कि प्रारम्भ और कार्यान्वयन के बीच एनपीए में परिवर्तित हुए होंगे वह समाधान योजना के कार्यान्वयन की तारीख को मानक के रूप में उन्नत किए जा सकते हैं। 17. इस तरह के एक्सपोज़र के बाद के आस्ति वर्गीकरण को दिनांक 1 जुलाई 2015 को 'अग्रिमों से संबंधित आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड' पर मास्टर परिपत्र में निर्धारित मानदंडों या उधारदाता संस्थाओं की विशिष्ट श्रेणी के लिए लागू प्रासंगिक अनुदेश ("मौजूदा आईआरएसी मानदंड") द्वारा अभिशासित किया जाएगा। 18. उधारकर्ताओं के संबंध में जहां समाधान प्रक्रिया को सक्रिय किया गया है, उधारदाता संस्थाओं को योजना के कार्यान्वयन से पहले अतिरिक्त उधार देने की अनुमति है ताकि उधारकर्ता की अंतरिम चलनिधि आवश्यकताओं को योजना को लागू करने के पहले भी पूरा किया जा सके। अंतरिम अवधि में उधारकर्ता के वास्तविक प्रदर्शन को न देखते हुए भी योजना के कार्यान्वयन तक अतिरिक्त वित्त की इस सुविधा को 'मानक' के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। हालाँकि, यदि समाधान योजना को निर्धारित समय -सीमा के भीतर लागू नहीं किया जाता है, तो स्वीकृत अतिरिक्त वित्त की आस्ति का वर्गीकरण उधारकर्ता के इस तरह के अतिरिक्त वित्त या शेष ऋण सुविधाओं के वास्तविक प्रदर्शन के अनुसार , जो भी खराब हो, के अनुसार होगा। 19. उधारदाता संस्थाएँ कार्यान्वयन की तारीख से प्रावधान करेंगी, जो कार्यान्वयन से ठीक पहले मौजूदा आईआरएसी मानदंडों के अनुसार रखे गए प्रावधानों, या ऋण देने वाली संस्था कार्यान्वयन के बाद (अवशिष्ट ऋण) के पुन: प्राप्त ऋण एक्सपोज़र का 10 प्रतिशत है, जो भी अधिक रहेंगी, वो होंगी । इस उद्देश्य के लिए अवशिष्ट ऋण, गैर-निधि आधारित सुविधाओं के हिस्से को भी शामिल करेगा जो कार्यान्वयन की तिथि के बाद निधि आधारित सुविधाओं में परिवर्तित हुए होंगे। 20. उपरोक्त प्रावधानों में से आधे को योजना के कार्यान्वयन होने पर बिना एनपीए में बदले हुए, उधारकर्ता द्वारा शेष ऋण का कम से कम 20 प्रतिशत भुगतान करने पर वापिस लिखा जा सकता है, और शेष आधे को उधारकर्ता द्वारा शेष ऋण, जोकि बाद में एनपीए में परिवर्तित न हुआ हो, के 10 प्रतिशत का भुगतान करने पर वापिस लिखा जा सकता है। बशर्ते कि व्यक्तिगत ऋणों के अलावा अन्य एक्सपोज़र के संबंध में, उपरोक्त प्रावधानों को ऋण सुविधा पर स्थगन की सबसे लंबी अवधि के साथ ब्याज या मूलधन के पहले भुगतान (जो भी बाद में हो) के शुरू होने से एक साल पहले वापिस लिखा नहीं जाएगा। 21. इस सुविधा के तहत बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रावधान पहले से ही वापस नहीं की गई सीमा तक, प्रावधान आवश्यकताओं के लिए उपलब्ध होंगे, जहां पर कोई भी खाता, समाधान योजना लागू होने के बाद एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पहले समाधान किए गए ऋणों के मानदंडों का अभिरूपता 22. ऊपर दिए गए खंड 5 में विनिर्दिष्ट उधारकर्ताओं के ऋण के मामलों में जहां समाधान उपायों को समाधान ढांचा- 1.0 के संदर्भ में लागू किया गया था, और जहां समाधान उपायों में दो साल से कम समय के लिए कोई स्थगन या स्थगन की अनुमति नहीं दी गई थी और / या अवशिष्ट कार्यकाल का विस्तार दो वर्ष से कम की अवधि के लिए है, उधारदाता संस्थाओं को इस तरह की योजनाओं को संशोधित करने की अनुमति दी जाती है ताकि ऊपर के खंड 12 में अधिकतम सीमा के अधीन स्थगन अवधि/ अवशिष्ट टेनर की अवधि को बढ़ाया जा सके, और इसके परिणामस्वरूप इस तरह के विस्तार को लागू करने के लिए ऋण की शर्तों में आवश्यक परिवर्तन किए जा सकें। संयुक्त रूप से समाधान ढांचा - 1.0 तथा इस ढांचे के तहत स्थगन और / या अवशिष्ट टेनर के विस्तार पर समग्र अधिकतम सीमा, दो साल का होगा। 23. यह संशोधन उपर्युक्त खंड 7, 10 और 15 में विनिर्दिष्ट समयसीमा का भी पालन करेगा। ऋणों के लिए जहां संशोधनों को खंड 22 के अनुरूप कार्यान्वित किया जाता है, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान संबंधी अनुदेश समाधान ढांचा 1.0 के अनुसार जारी रहेंगे। बी. छोटे व्यवसायों के लिए कार्यशील पूंजी सहयोग जहां समाधान योजनाएं 24. ऊपर दिए गए खंड 5 के उपखंड (ख) और (ग) में विनिर्दिष्ट उधारकर्ताओं के संबंध में जहां समाधान योजना- 1.0 के संदर्भ में समाधान योजना लागू की गई थीं, उधारदाता संस्थानों को, एक-बारगी उपाय के रूप में, कार्यशील पूंजी स्वीकृत सीमाएं और/ या कार्यशील पूंजी चक्र के पुनर्निर्धारण आधार पर आहरण शक्ति, मार्जिन में कमी आदि की समीक्षा पुनरसंरचित के रूप में माने बिना करने की अनुमति है। उक्त के संदर्भ में निर्णय उधारदाता संस्थाओं द्वारा 30 सितंबर 2021 तक लिया जाएगा, ताकि समाधान ढांचा- 1.0 के तहत कार्यान्वित समाधान योजना के अनुसार मार्जिन और कार्यशील पूजी की सीमा के स्तर को 31 मार्च 2022 तक पुनस्थापित किया जा सकें। 25. उपरोक्त उपाय उधार संस्थानों पर आकस्मिक होंगे जब वह स्वसंतुष्ट होंगे कि कोविड-19 से आर्थिक गिरावट के कारण उसकी आवश्यकता है। इसके अलावा, इन निर्देशों के तहत राहत प्रदान करने वाले खाते कोविड -19 से आर्थिक गिरावट के कारण उनकी औचित्य के संबंध में बाद की पर्यवेक्षी समीक्षा के अधीन होंगे। 26. तदनुसार, उधारदाता संस्थान उपरोक्त उपायों को लागू करने के लिए एक बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को लागू कर सकते हैं, जिसे सार्वजनिक डोमेन में प्रदर्शित किया जाना चाहिए और अपनी वेबसाइटों पर एक प्रमुख और आसानी से सुलभ तरीके से रखा जाना चाहिए। सी. प्रकटीकरण और क्रेडिट रिपोर्टिंग 27. तिमाही वित्तीय विवरण प्रकाशित करने वाली वित्तीय संस्थाएं, कम से कम, 30 सितंबर, 2021 और 31 दिसंबर 2021 को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिए अपने वित्तीय विवरणों में प्रारूप-एक्स में निर्धारित प्रारूप के अनुसार खुलासे करेंगी। इस ढांचे के भाग ए के संदर्भ में कार्यान्वित समाधान योजना को भी संकल्प ढांचा- 1.0 में निर्धारित प्रारूप-बी के अनुसार आवश्यक निरंतर खुलासों में शामिल किया जाना चाहिए। 28. उधारकर्ताओं के खातों की संख्या जहां संशोधनों को उक्त खंड 22 के रूप में स्वीकृत और कार्यान्वित किया गया था और ऐसे उधारकर्ताओं को उधार देने वाले संस्थान के समग्र एक्सपोज़र का भी तिमाही आधार पर खुलासा किया जा सकता है, जो कि 30 जून 2021 को समाप्त होने वाली तिमाही से शुरू होगा। 29. केवल वार्षिक वित्तीय विवरणों को प्रकाशित करने के लिए आवश्यक संस्थानों को अन्य निर्धारित खुलासे के साथ अपने वार्षिक वित्तीय वक्तव्यों में आवश्यक खुलासे करने होंगे। 30. उधारकर्ताओं के संबंध में उधारदाता संस्थाओं द्वारा क्रेडिट रिपोर्टिंग, जहां समाधान योजना इस सुविधा के भाग ए के तहत लागू की जाती है, उस खाते में स्थिति1 “कोविड -19 के कारण पुनरसंरचना" को प्रतिबिंबित करेगी। उधारकर्ताओं का क्रेडिट इतिहास इसके बाद से क्रेडिट सूचना कंपनियों की संबंधित नीतियों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा जो पुनरसंरचित किए गए खातों पर लागू होते हैं। भवदीय, (मनोरंजन मिश्रा) 30 सितंबर, 2021 और 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने वाली तिमाहियों में किए जाने वाले
1 कृपया 12 मार्च 2021 के परिपत्र सं विवि.एफ़आईएन.आरईसी.46/20.16.056/2020-21 देखें |