एनबीएफसी द्वारा अग्रिम पुनर्रचना पर दिशानिदेश की समीक्षा
भारिबैं/2013-14/459 23 जनवरी 2014 सभी एनबीएफसी प्राथमिक डीलरों (पीडी) को छोड़कर महोदय एनबीएफसी द्वारा अग्रिम पुनर्रचना पर दिशानिदेश की समीक्षा 29 अक्तूबर 2013 को घोषित मौद्रिक नीति 2013-14 के द्वितीय तिमाही की समीक्षा के पैराग्राफ 42 में जैसा सूचित किया गया था, एनबीएफसी द्वारा अग्रिम पुनर्रचना पर मौजूदा निदेशों को रिज़र्व बैंक कार्य समूह ( श्री बी महापात्रा की अध्यक्षता में) की सिफारिशो के तर्ज पर, समीक्षा की गई, जोकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा अग्रिम पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिदेश और इस संबंध में बैंकों द्वारा जारी प्रासंगिक दिशानिदेश की समीक्षा हेतु गठित की गई थी। 2. एनबीएफसी जोकि वित्तीय संस्थाओं का भाग होती है जो कभी सहायता समूह का भाग बन कर अथवा अन्य रूप में विभिन्न क्षेत्रों में ऋण देने तथा अग्रिमों की पुनर्रचना का कार्य करती है। अत: यह निर्णय लिया गया कि अग्रिमों की पुनर्रचना पर दिशानिदेशों को बैंकों के अनुरूप बनाया जाए। प्राथमिक डीलरों को छोड़कर सभी एनबीएफसी इसके बाद संलग्न अधिसूचना में निहित निदेशों का अनुवर्तन करें। 3. निर्देशो के प्रमुख प्रावधानों में छूट शामिल है जिसमें एक निर्धारित अवधि तक वाणिज्यिक परिचालन के प्रारंभ की तारीख (डीसीसीओ) की सीमा विस्तार मात्र से है तथा इसमें इंफ्रा, गैर इंफ्रा तथा वाणिज्यिक स्थावर संपदा (सीआरई) परियोजनाओं के पुनर्रचना के लिए समान नहीं होगा। विशेष आस्ति वर्गीकरण लाभ, सीडीआर के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर और कुछ शर्तों के अधीन गैर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना ऋण से एसएमई कर्ज पुनर्रचना पद्धति सहित सहायता संघ मामलों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। तथापि इंफ्रास्ट्रक्चर और गैर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना ऋणों के संबंध में विशेष आस्ति वर्गीकरण लाभ को डीसीसीओ में परिवर्तन संबंधित प्रावधानों के अपवाद सहित प्रभावी 1 अप्रैल 2015 से वापस ले लिया जाएगा। भवदीय, (एन एस विश्वनाथन) |
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