आरबीआई/2024-25/63
विवि.एफ़आईएन.आरईसी.35/03.10.124/2024-25
16 अगस्त 2024
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म
महोदय/महोदया,
मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 की समीक्षा
कृपया मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पीयर टू पीयर लेंडिंग) प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 (निदेश) देखें।
2. इन निदेशों के अंतर्गत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (एनबीएफसी-पी2पी लेंडिंग प्लेटफॉर्म) के बारे में अवधारणा की गई थी कि वह पीयर टू पीयर लेंडिंग में शामिल प्रतिभागियों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस/प्लेटफॉर्म प्रदान करने वाले मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगी। तदनुसार, निदेशों में एनबीएफसी-पी2पी लेंडिंग प्लेटफार्मों के कामकाज के विभिन्न पहलुओं के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश निर्धारित किए गए थे। तथापि, यह देखा गया है कि इनमें से कुछ प्लेटफार्मों के द्वारा कुछ ऐसी प्रथाओं को अपनाया गया है जो इन निदेशों का उल्लंघन हैं। इस तरह की प्रथाओं में अन्य बातों के अलावा, निर्धारित निधि अंतरण तंत्र का उल्लंघन, कार्यकाल से जुड़े निश्चित न्यूनतम रिटर्न जैसी सुविधाओं के साथ निवेश उत्पाद के रूप में पीयर टू पीयर लेंडिंग को बढ़ावा देना, चलनिधि विकल्प प्रदान करना और कभी-कभी प्लेटफॉर्म के बजाय जमाराशियाँ लेने वालों और ऋणदाताओं की तरह व्यवहार करना शामिल है। ऐसे उल्लंघन, जब पाए गये, तो उनमें सुधार लाने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इन्हें द्विपक्षीय रूप से निपटा गए है।
3. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, निदेशों के उचित कार्यान्वयन के लिए कुछ संशोधनों के साथ कुछ प्रावधानों को विस्तृत और स्पष्ट करने का निर्णय लिया गया है। निदेशों के संशोधित प्रावधान इस परिपत्र के अनुबंध में संलग्न हैं।
4. इस परिपत्र में शामिल संशोधित प्रावधान, संलग्न अनुबंध की मद I(एफ)(ii) को छोड़कर, तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। अनुलग्नक की मद I(एफ)(ii) इस परिपत्र की तारीख से नब्बे दिन से प्रभावी होगी।
5. मास्टर निदेश – गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 को तदनुसार संशोधित किया गया है।
भवदीय
(जे.पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
I. मास्टर निदेश (एमडी) के मौजूदा प्रावधानों में संशोधन
क्र सं. |
एमडी का पैरा |
मौजूदा प्रावधान |
संशोधित प्रावधान |
ए. |
6(1)(iv) |
कोई एनबीएफ़सी पी2पी ऋण वृद्धि अथवा ऋण गारंटी नहीं दे सकती अथवा इसकी व्यवस्था नहीं कर सकती है; |
कोई एनबीएफ़सी पी2पी ऋण वृद्धि अथवा ऋण गारंटी नहीं दे सकती अथवा इसकी व्यवस्था नहीं कर सकती है। एनबीएफसी-पी2पी द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए लेन-देन से उत्पन्न होने वाले किसी भी ऋण जोखिम को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से नहीं लिया जाएगा। दूसरे शब्दों में, ऋणदाताओं द्वारा प्लेटफॉर्म पर उधारकर्ताओं को दिए गए निधि के संबंध में मूलनिधि अथवा ब्याज या दोनों की संपूर्ण हानि, यदि कोई हो, ऋणदाताओं द्वारा ली जाएगी और इस आशय के पर्याप्त प्रकटीकरण ऋणदाताओं को निदेशों के पैरा 12 में निर्दिष्ट उचित व्यवहार संहिता के भाग के रूप में किए जाएंगे। |
बी. |
6(1)(vii) |
कोई एनबीएफ़सी पी2पी ऋण संबंधी बीमा उत्पादों के अतिरिक्त अन्य किसी उत्पाद का प्रति-विक्रय नहीं करेगी; |
कोई एनबीएफ़सी पी2पी ऋण संबंधी बीमा उत्पादों के अतिरिक्त अन्य किसी उत्पाद का प्रति-विक्रय नहीं करेगी। यह ध्यान दें कि एनबीएफसी-पी2पी किसी भी बीमा उत्पाद का प्रति-विक्रय नहीं करेगा जो ऋण वृद्धि या ऋण गारंटी की प्रकृति का हो। |
सी. |
7(2) |
किसी भी समय ऋणदाता के सभी पी2पी प्लेटफॉर्मस पर सकल एक्सपोजर की उच्चतम सीमा ₹50,00,000 होगी बशर्ते कि पी2पी प्लेटफॉर्म पर ऋणदाता के ये निवेश उनके निवल मालियत के अनुरूप हो। सभी पी2पी में ₹10,00,000 से अधिक निवेश करने वाले ऋणदाता को पी2पी प्लेटफॉर्म को चार्टर्ड अकाउंटेंट से इस बात का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा कि उसकी निवल मालियत न्यूनतम ₹50,00,000 है। |
किसी भी समय ऋणदाता के सभी पी2पी प्लेटफॉर्म पर सकल एक्सपोजर की उच्चतम सीमा ₹50,00,000 होगी बशर्ते कि पी2पी प्लेटफॉर्म पर ऋणदाताओं द्वारा ऋण में दी गई राशि उनके निवल मालियत के अनुरूप हो। यदि किसी ऋणदाता द्वारा पी2पी प्लेटफार्मों पर ऋण में दी गई राशि 10,00,000 रुपये से अधिक है, तो ऋणदाता को पी2पी प्लेटफॉर्म को एक अभ्यासरत चार्टर्ड अकाउंटेंट से 50,00,000 रुपये की न्यूनतम निवल मालियत प्रमाणित करने वाला एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। |
डी. |
8(1)(iii) |
एनबीएफ़सी-पी2पी बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति अपनाएगी की जो- ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं को समान तथा गैर-भेदभाव पूर्ण तरीके से मिलाने के लिए नियम बनाएगी। |
एनबीएफ़सी-पी2पी बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति अपनाएगी की जो - ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं को समान तथा गैर-भेदभाव पूर्ण तरीके से मिलाने/मैपिंग के लिए नियम बनाएगी। |
ई. |
8(3) |
कोई भी ऋण तबतक संवितरित नहीं किया जाएगा जबतक ऋणदाता/ऋणदाताओं द्वारा व्यक्तिगत उधारकर्ता/उधारकर्ताओं को ऋण अनुमोदित न कर दिया जाए और सभी संबंधित व्यक्तियों द्वारा ऋण करार पर हस्ताक्षर न कर दिया जाए। |
कोई भी ऋण तबतक संवितरित नहीं किया जाएगा जब तक ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं का पैराग्राफ 8(1)(iii) के अनुसार तैयार की गई बोर्ड अनुमोदित नीति के अनुसार मिलान/मैपिंग नहीं किया जाए, ऋणदाता/ऋणदाताओं द्वारा व्यक्तिगत उधारकर्ता/उधारकर्ताओं को ऋण अनुमोदित न कर दिया जाए और सभी संबंधित व्यक्तियों द्वारा ऋण करार पर हस्ताक्षर न कर दिया जाए। |
एफ. |
9 |
पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिभागियों के बीच निधि का अंतरण बैंक प्रायोजित न्यासी द्वारा संचालित एस्क्रो खाते के माध्यम से होगा। इसमें कम से कम दो एस्क्रो खातों को बनाए रखना चाहिए - एक ऋणदाता से प्राप्त निधि जिसका संवितरण बाकी है और दूसरा उधारकर्ता से प्राप्त निधि को संग्रहित करने के लिए। सभी निधि लेन-देन केवल बैंक खातों के से और मै ही होगा और नकद लेनदेन सर्वथा वर्जित है। यह प्रक्रिया अनुलग्नक-। में उल्लिखित है, जिसे एनबीएफ़सी-पी2पी ने अपनाना है। |
(i) पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिभागियों के बीच निधि का अंतरण बैंक प्रायोजित न्यासी द्वारा संचालित एस्क्रो खाते के माध्यम से होगा। इसमें कम से कम दो एस्क्रो खातों को बनाए रखना चाहिए - एक ऋणदाता से प्राप्त निधि जिसका संवितरण बाकी है (अर्थात, ऋणदाताओं का एस्क्रो खाता) और दूसरा उधारकर्ता से प्राप्त निधि को संग्रहित करने के लिए (अर्थात, उधारकर्ताओं का एस्क्रो खाता)। इस निर्धारित निधि अंतरण तंत्र के अंतर्गत, ऋणदाताओं के बैंक खातों से निधि केवल ऋणदाताओं के एस्क्रो खाते में अंतरित किया जाएगा और इन निदेशों के पैराग्राफ 8(3) का अनुपालन सुनिश्चित करने के बाद ही विशिष्ट उधारकर्ता के बैंक खाते में वितरित किया जाएगा। उधारकर्ता को ऋण की चुकौती हेतु राशि अपने बैंक खाते से उधारकर्ता के एस्क्रो खाते में अंतरित करनी होगी, जहां से निधि केवल संबंधित ऋणदाता के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। ‘ऋणदाताओं के एस्क्रो खाते’ के निधि का उपयोग ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए नहीं किया जाएगा तथा ‘उधारकर्ताओं के एस्क्रो खाते’ के निधि का उपयोग ऋणों के वितरण के लिए नहीं किया जाएगा। सभी निधि लेन-देन केवल बैंक खातों के द्वारा और उनमें ही होगा और नकद लेनदेन सर्वथा वर्जित होगा। यह प्रक्रिया अनुलग्नक-I में उल्लिखित है, जिसे एनबीएफ़सी-पी2पी को अपनाना है। (ii) ऋणदाताओं के एस्क्रो खाते और उधारकर्ताओं के एस्क्रो खाते में अंतरित निधि इन एस्क्रो खातों में ‘टी+1’ दिन से अधिक अवधि तक नहीं रहेगा, जहां ‘टी’ वह तारीख है जिस दिन इन एस्क्रो खातों में निधि प्राप्त हुआ है। |
जी. |
11(1)(i)(ए) |
एनबीएफसी-पी2पी को निम्नलिखित का प्रकटीकरण करना आवश्यक होगा: (i) ऋणदाता को a. उधारकर्ता की व्यक्तिगत पहचान, अपेक्षित राशि, ब्याज दर और एनबीएफसी-पी2पी द्वारा निर्धारित क्रेडिट स्कोर सहित विवरण। |
एनबीएफसी-पी2पी को निम्नलिखित का प्रकटीकरण करना आवश्यक होगा: (i) ऋणदाता को a. उधारकर्ता(ओं) के बारे में विवरण जिसमें उनकी सहमति (जिसे रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए) से व्यक्तिगत पहचान शामिल है, अपेक्षित राशि, मांगी गई ब्याज दर और एनबीएफसी-पी2पी निर्धारित क्रेडिट स्कोर। |
एच |
11(1)(iii)(डी) |
एनबीएफसी-पी2पी को निम्नलिखित का प्रकटीकरण करना होगा: (iii) वेबसाइट पर सार्वजनिक प्रकटीकरण: (d) मासिक तौरपर और अवधिअनुसार गैर-निष्पादित आस्तियों के प्रमाण सहित पोर्टफोलियो निष्पादन; एवं |
एनबीएफसी-पी2पी को निम्नलिखित का प्रकटीकरण करना होगा: (iii) अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक प्रकटीकरण: (डी) मासिक तौरपर और अवधिअनुसार गैर-निष्पादित आस्तियों(एनपीए) के प्रमाण सहित पोर्टफोलियो निष्पादन। यह ध्यान दें कि इस तरह के प्रकटीकरण में मूलनिधि अथवा ब्याज या दोनों पर ऋणदाताओं द्वारा वहन किए गए सभी नुकसान भी शामिल होंगे; एवं |
आई. |
12(2) |
एनबीएफसी-पी2पी को ऋणदाता से स्पष्ट घोषणा प्राप्त करनी होगी जिसमें कहा गया है कि उसने ऋण देने से जुड़े जोखिमों को समझा है और प्लेटफॉर्म ऋण की वापसी/ब्याज के भुगतान का आश्वासन नहीं देता। इस घोषणा मे यह उल्लिखित होगा की उधारकर्ता द्वारा डिफ़ाल्ट की स्थिति में पूरे मूलधन के नुकसान की संभावना है। प्लेटफॉर्म ऋण की वसूली के लिए कोई आश्वासन प्रदान नहीं करेगा। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म यह चेतावनी प्रदर्शित करेगा कि "भारतीय रिज़र्व बैंक एनबीएफसी-पी2पी द्वारा व्यक्त किए गए किसी भी बयान या अभ्यावेदन या राय की यथार्थता के लिए किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करता है, और इस पर दिए गए ऋणों की वापसी के लिए कोई आश्वासन नहीं देता है"। |
एनबीएफसी-पी2पी को ऋणदाता से स्पष्ट घोषणा प्राप्त करनी होगी जिसमें कहा गया है कि उसने ऋण देने से जुड़े जोखिमों को समझा है और प्लेटफॉर्म ऋण की वापसी/ब्याज के भुगतान का आश्वासन नहीं देता। इस घोषणा मे यह उल्लिखित होगा की उधारकर्ता द्वारा डिफ़ाल्ट की स्थिति में पूरे मूलधन के नुकसान की संभावना है। पी2पी प्लेटफॉर्म ऋण की वसूली के लिए कोई आश्वासन या गारंटी प्रदान नहीं करेगा। इसके अलावा, पी2पी प्लेटफॉर्म पीयर टू पीयर ऋण को निवेश उत्पाद के रूप में बढ़ावा नहीं देगा, जिसमें अवधि से जुड़े निश्चित न्यूनतम रिटर्न, चलनिधि विकल्प आदि जैसी विशेषताएं हों। |
जे. |
अनुबंध VI - 2 |
जो एनबीएफसी वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने का निर्णय लेते हैं उन्हें आंतरिक लेखा परीक्षा, कार्यनीतिक तथा अनुपालन कार्य और निर्णय लेने से संबंधी कार्य, उदाहरण के लिए जमा खाता खोलने के लिए ‘अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना, ऋण (खुदरा ऋण सहित) की मंजूरी देना और निवेश संविभाग का प्रबंध जैसे मुख्य प्रबंध संबंधी कार्यों की आउटसोर्सिंग नहीं करनी चाहिए। तथापि, समूह/संगुट में शामिल एनबीएफसी के लिए इन गतिविधियों का आउटसोर्सिंग अपने समूह में की जा सकती है, बशर्ते कि पैरा 6 में दिये गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए। इसके अतिरिक्त, आंतरिक लेखा परीक्षा कार्य जहां स्वयं में प्रबंधन प्रक्रिया है, वहां आंतरिक लेखा परीक्षक ठेके पर रखे जा सकते हैं। |
जो एनबीएफसी-पी2पी अपने किसी भी कार्य की आउटसोर्सिंग करने का निर्णय लेते हैं उन्हें आंतरिक लेखा परीक्षा, कार्यनीतिक तथा अनुपालन कार्य, ऋणदाताओं/ उधारकर्ताओं से ली जाने वाली सेवाओं/शुल्कों का मूल्य निर्धारण और निर्णय लेने से संबंधी कार्य, उदाहरण के लिए ‘अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना, जैसे मुख्य प्रबंध संबंधी कार्यों की आउटसोर्सिंग नहीं करनी चाहिए। तथापि, समूह/संगुट में शामिल एनबीएफसी-पी2पी के लिए इन गतिविधियों का आउटसोर्सिंग अपने समूह में की जा सकती है, बशर्ते कि पैरा 6 में दिये गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए। इसके अतिरिक्त, आंतरिक लेखा परीक्षा कार्य जहां स्वयं में प्रबंधन प्रक्रिया है, वहां आंतरिक लेखा परीक्षक अनुबंध पर रखे जा सकते हैं। |
II. एमडी में शामिल किए गए नये प्रावधान
(i) पैरा 6(1)(xi) – किसी भी एनबीएफसी-पी2पी द्वारा इन निदेशों में निर्दिष्ट तरीके के अलावा किसी अन्य तरीके से ऋणदाताओं के निधि का उपयोग नहीं किया जाएगा।
(ii) पैरा 6(1)(xii) – एनबीएफसी-पी2पी द्वारा किसी अन्य ऋणदाता के प्रतिस्थापन के लिए ऋणदाता के निधि का उपयोग नहीं किया जाएगा।
(iii) पैरा 8(4) - कीमत-निर्धारण नीति वस्तुनिष्ठ होगी और एनबीएफसी-पी2पी को शुरू से ही, अर्थात ऋण देते समय ही लिए जाने वाले शुल्क का प्रकटीकरण करना होगा। शुल्क एक निश्चित राशि या उधार लेनदेन में शामिल मूल राशि का एक निश्चित अनुपात होगा। शुल्क उधारकर्ता(ओं) द्वारा पुनर्भुगतान पर निर्भर नहीं होगा।
(iv) पैरा 8(5) किसी बंद उपयोगकर्ता समूह के भीतर प्रतिभागियों का मिलान/मैपिंग करने की प्रथा, चाहे वह आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से हो या अन्यथा, की अनुमति नहीं है। ‘सीमित उपयोगकर्ता समूह’ के उदाहरणों में एनबीएफसी-पी2पी के सहयोगी/सेवा प्रदाता के माध्यम से प्राप्त उधारकर्ता/ऋणदाता शामिल हैं।
(v) पैरा 11(4) - एनबीएफसी-पी2पी को अपने सभी संपर्क बिन्दुओं/ग्राहक इंटरफेसों में, प्रचार सामग्री और हितधारकों/प्रतिभागियों के साथ किसी भी संप्रेषण में अपने नाम (पंजीकरण प्रमाणपत्र में उल्लिखित) के साथ-साथ अपने ब्रांड नाम, यदि कोई हो, का स्पष्ट और प्रमुखता से उल्लेख करना होगा।
(vi) पैरा 12(6) - प्लेटफॉर्म को अपनी वेबसाइट, मोबाइल/वेब एप्लिकेशन सहित इसके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी भी अन्य प्रचार सामग्री पर प्रमुखता से यह चेतावनी प्रदर्शित करनी होगी कि “यह रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत एक एनबीएफसी-पी2पी ऋण देने वाला प्लेटफॉर्म है। तथापि, रिज़र्व बैंक एनबीएफसी-पी2पी द्वारा दिए गए किसी भी वक्तव्य अथवा अभ्यावेदन अथवा व्यक्त किए गए विचारों की यथार्थता के लिए कोई जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करता है और इस पर दिए गए ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए कोई आश्वासन नहीं देता है।