मास्टर निदेश – गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 (29 दिसंबर 2022 को अद्यतन किया गया) - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश – गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 (29 दिसंबर 2022 को अद्यतन किया गया)
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भारिबैं/गैबैंविवि/2017-18/57 04 अक्तूबर, 2017 मास्टर निदेश – गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके पश्चात इसे “बैंक” कहा जाएगा) ने, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (इसके पश्चात इसे “अधिनियम” कहा जाएगा) की धारा 45आई के खंड (एफ) के उप खंड (iii) की शर्तों के तहत दिनांक 24 अगस्त 2017 को अधिसूचना सं.डीएनबीआर.045/सीजीएम (सीडीएस)-2017 जारी की थी और इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना आवश्यक है, अधिनियम की धारा 45आईए, 45जेए,45एल और 45एम द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म का कारोबार करने वाली प्रत्येक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा अनुपालन के लिए बैंक यहाँ निम्नलिखित निदेश जारी करता है। 1. लघु शीर्षक और निदेशों का प्रारंभ: (1) इन निदेशों को गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश 2017 कहा जाएगा। (2) यह निदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे। 2. निर्देशों की प्रयोज्यता यह निदेश इन निदेशों में परिभाषित प्रत्येक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म (एनबीएफसी-पी2पी) पर लागू होंगे। 3. क्षेत्र यह निदेश भारत में एनबीएफसी-पी2पी के पंजीकरण और परिचालन के लिए ढांचा प्रदान करेंगे। 4. परिभाषाएं (1) इन निदेशों में जब तक अन्यथा अपेक्षित न हो, यहाँ प्रयुक्त शब्दों का वही अर्थ होगा जैसा नीचे दिया गया है- (i) `कंपनी' का तात्पर्य कंपनी अधिनियम की धारा 2 के खंड (20) में यथा परिभाषित कंपनी से है; (i)(a) लाभांश भुगतान अनुपात का तात्पर्य, जिस वित्तीय वर्ष का लाभांश प्रस्तावित है उस वित्तीय वर्ष में देय लाभांश की राशि और लेखा परीक्षित वित्तीय विवरणों के अनुसार निवल लाभ के बीच का अनुपात, है। प्रस्तावित लाभांश में इक्विटी शेयरों और टियर 1 पूंजी में शामिल किए जाने के लिए अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय अधिमानी शेयर पर लाभांश शामिल होगा। यदि प्रासंगिक अवधि के लिए निवल लाभ में कोई विशेष और/या असाधारण लाभ/आय शामिल है या वित्तीय विवरण सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा शर्तें प्राप्त हैं ('मामले पर जोर' सहित), जो निवल लाभ के अधिक विवरण को इंगित करता है, लाभांश भुगतान अनुपात का निर्धारण करते समय उन्हें निवल लाभ से घटा दिया जाएगा। (ii) “लीवरेज अनुपात” का तात्पर्य है एनबीएफसी-पी2पी की कुल बाह्य देयताओं को उसकी स्वाधिकृत निधियों से विभाजित करना। (iii) “अनर्जक आस्ति” (एनपीए) का तात्पर्य है ऐसा ऋण जिसमें ब्याज और/अथवा मूल का किस्त 90 दिनों अथवा उससे अधिक अवधि के लिए बकाया रहा हो। (iv) “प्रतिभागी” का तात्पर्य है कोई ऐसा व्यक्ति जो एनबीएफसी-पी2पी पर ऋण देने अथवा पी2पी द्वारा प्रदत ऋण सुविधा सेवाएं लेने के लिए उस व्यवस्था से जुड़ा हो; (v) “पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म” का तात्पर्य है वह मध्यस्थ जो ऑनलाइन अथवा किसी अन्य माध्यम से इन निदेशों के पैराग्राफ 4 के उप पैराग्राफ (1) की मद संख्या (iv) में परिभाषित प्रतिभागीयों को ऋण सुविधा संबंधी सेवाएं प्रदान करता है; (vi) “गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म” (एनबीएफसी-पी2पी) का तात्पर्य है कोई गैर बैंकिंग संस्था जो पीयर टू पीयर लेंडिग प्लेटफार्म का कारोबार करती हो। (2) प्रयुक्त शब्दों या अभिव्यक्तियों के अर्थ, जिन्हें यहां परिभाषित नहीं किया गया है तथा अधिनियम अथवा कंपनी अधिनियम 2013 में परिभाषित हैं, वही होंगे जो उन अधिनियमों में दिए गए हैं। 5. पंजीकरण (1) पात्रता मानदंड (i) कंपनी के अतिरिक्त अन्य कोई भी गैर बैंकिंग संस्था पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म कारोबार नहीं करेगी। (ii) कोई भी एनबीएफसी-पी2पी बैंक से पंजीकरण प्रमाणपत्र (इसके पश्चात सीओआर से संबोधित किया जाएगा) प्राप्त किये बिना पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म का कारोबार आरंभ नहीं करेगा या उसे जारी नहीं रखेगा। तथापि, इन निदेशों के प्रभावी होने की तिथि को पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म का कारोबार कर रही संस्थाएं ऐसा करना जारी रख सकती हैं, बशर्ते कि इस पैराग्राफ के उप पैराग्राफ (2)(vii) में उल्लिखित शर्तों का अनुपालन किया जाए। (iii) बैंक से एनबीएफसी-पी2पी का पंजीकरण चाहनेवाली प्रत्येक कंपनी के पास कम से कम ₹20 मिलियन अथवा बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसी कोई उच्चतर राशि होनी चाहिए। (2) पंजीकरण की प्रक्रिया (i) प्रत्येक मौजूदा और प्रस्तावित एनबीएफसी-पी2पी को पंजीकरण के लिए, बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट फॉर्म में, बैंक के गैर बैंकिंग विनियमन विभाग, मुंबई में आवेदन करना होगा। मौजूदा एनबीएफसी-पी2पी को इन निदेशों के जारी होने के तीन माह के भीतर आवेदन करना होगा। (ii) बैंक को पंजीकरण के लिए आवेदन पर विचार करने के लिए अन्य के साथ निम्नलिखित शर्तों का अनुपालन अपेक्षित है-
भावी एनबीएफसी-पी2पी के मामले में (iii) पैराग्राफ 5(2)(ii) में विनिर्दिष्ट शर्तों के अनुपालन से संतुष्ट होने के पश्चात पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए बैंक सही माने गए शर्तों के अधीन सैद्धांतिक स्वीकृति दे सकता है। (iv) बैंक द्वारा दिये गए ऐसे सैद्धांतिक स्वीकृति की वैधता सैद्धांतिक स्वीकृति दिए जाने से बारह माह तक होगी। (v) बारह माह के भीतर कंपनी तकनीकी प्लेटफॉर्म स्थापित करेगी, सभी अन्य विधिक अपेक्षित दस्तावेज तैयार करेगी और सैद्धांतिक स्वीकृति की शर्तों के अनुपालन की स्थिति रिपोर्ट करेगी। (vi) इस बात से संतुष्ट होने के पश्चात कि कंपनी परिचालन करने के लिए तैयार है, बैंक सही माने गए शर्तों के अधीन एनबीएफसी-पी2पी को सीओआर जारी करेगा। मौजूदा एनबीएफसी-पी2पी की स्थिति में- (vii) इन निदेशों के पैराग्राफ 4(1)(v) में दी गई परिभाषा के अनुसार पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफार्म का कारोबार करने वाली कंपनियाँ इन निदेशों के प्रभाव में आने की तिथि से 3 माह के भीतर बैंक में एनबीएफ़सी-पी2पी के पंजीकरण के लिए आवेदन देंगी। ऐसी कंपनियाँ जिन्होंने बैंक में एनबीएफ़सी-पी2पी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया है; वे पीयर टू पीयर के लेंडिंग का कारोबार तब तक जारी रखेंगे जबतक कि सीओआर जारी करने संबंधी उनके आवेदन को कारोबार समाप्त करने या बैंक द्वारा लगाई गयी ऐसी शर्तों पर अस्वीकार न कर दिया गया हो। (viii) बैंक किसी एनबीएफ़सी-पी2पी को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर सकती है; यदि ऐसी कंपनी - a) भारत में पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म का कारोबार बंद कर देती है अथवा b) उन शर्तों का अनुपालन करने में विफल रहती है; जिनके आधार पर उसे पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया है; अथवा c) पंजीकरण प्रमाणपत्र धारण करने के लिए पात्र नहीं रह जाती है; अथवा d) किसी भी समय पैराग्राफ 5(2)(ⅱ) और 5(2)(ⅴ) में दिये गए शर्तों का अनुपालन करने में विफल रहती है; अथवा e) विफल रहती है कि -
(3) एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से निवेश1 (i) वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से एनबीएफसी- पी2पी में निवेश को एफएटीएफ अनुपालित क्षेत्राधिकारों से निवेश के समान नहीं माना जाएगा2। एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से अथवा उसके माध्यम से नए निवेशकों को, चाहे वह मौजूदा एनबीएफ़सी- पी2पी हो अथवा पंजीकरण प्रमाणीकरण की मांग करने वाली कंपनियों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निवेशिती में लागू लेखांकन मानकों में दी गई परिभाषानुसार ‘पर्याप्त प्रभाव’ प्राप्त नहीं करने देना चाहिए। दूसरे शब्दों में, ऐसे क्षेत्रों से नए निवेशक (प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष) सकल रूप में एनबीएफ़सी- पी2पी के वोटिंग अधिकार (संभावित3 वोटिंग अधिकार सहित) के 20 प्रतिशत की सीमा से कम होने चाहिए। (ii) स्रोत अथवा मध्यवर्ती क्षेत्रों के एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित के रूप में वर्गीकरण से पूर्व मौजूदा एनबीएफ़सी-पी2पी में धारित निवेश को जारी रखा जा सकता है अथवा भारत में कारोबार को जारी रखने के लिए अतिरिक्त निवेश किया जा सकता है। 6. गतिविधियों का क्षेत्र (1) कोई एनबीएफ़सी पी2पी निम्नलिखित कार्य करेगी -
(2) इसके अलावा, एनबीएफ़सी पी2पी निम्नलिखित कार्य करेंगे -
(3) एनबीएफ़सी पी2पी इन निदेशों के पैरा 6(1) और 6(2) में दिये गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य कोई गतिविधि नहीं करेगी। एनबीएफ़सी पी2पी द्वारा निवेशयोग्य निधि का विनियोजन बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट लिखतों में किया जा सकता है, किन्तु इसका प्रयोग ट्रेडिंग के लिए नहीं किया जा सकता। 7. विवेकपूर्ण मानदंड (1) एनबीएफ़सी-पी2पी अधिकतम 2 का लीवरेज अनुपात बनाए रखेगी। (2) किसी भी समय ऋणदाता के सभी पी2पी प्लेटफॉर्म पर सकल एक्सपोजर की उच्चतम सीमा ₹50,00,000 होगी बशर्ते कि पी2पी प्लेटफॉर्म पर ऋणदाता के ये निवेश उनके निवल मालियत के अनुरूप हो। सभी पी2पी में ₹10,00,000 से अधिक निवेश करने वाले ऋणदाता को पी2पी प्लेटफॉर्म को चार्टर्ड अकाउंटेंट से इस बात का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा कि उसकी निवल मालियत न्यूनतम ₹50,00,000 है। (3) किसी भी समय उधारकर्ता के सभी पी2पी प्लेटफॉर्म पर सकल ऋण की उच्चतम सीमा ₹10,00,000 होगी। (4) किसी भी समय ऋणदाता के सभी पी2पी प्लेटफॉर्म पर एक उधारकर्ता पर सकल एक्सपोजर की उच्चतम सीमा ₹50,000 होगी। (5) ऋण की परिपक्वता 36 माह से अधिक नहीं होगी। (6) एनबीएफ़सी-पी2पी, उधारकर्ता तथा ऋणदाता से इस बात का प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे कि ऊपर उल्लिखित सीमाओं का पालन किया जा रहा है। 7A. लाभांश की घोषणा4 एनबीएफसी-पी2पी लाभांश घोषित करने के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। (1) निदेशक मंडल लाभांश के प्रस्तावों पर विचार करते समय निम्नलिखित पहलुओं को ध्यान में रखेगा: (i) वित्तीय विवरण संबंधित लेखापरीक्षक की रिपोर्ट में शर्तें; और (ii) एनबीएफसी-पी2पी की दीर्घकालिक विकास योजनाएं। (2) निम्नलिखित न्यूनतम विवेकपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने वाली एनबीएफसी-पी2पी लाभांश घोषित करने के लिए पात्र होगी: (i) एनबीएफसी-पी2पी पिछले तीन5 वित्तीय वर्षों, जिसमें जिस वित्तीय वर्ष लिए लाभांश प्रस्तावित है वह शामिल हैं, में से प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए, इस निदेशों के पैरा 7 में निर्धारित, लीवरेज अनुपात की आवश्यकता को पूरा करती है। (ii) एनबीएफसी-पी2पी भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 झग के प्रावधानों का पालन करती है। (iii) एनबीएफसी--पी2पी रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विद्यमान नियमों/दिशानिर्देशों का अनुपालन करती है। रिज़र्व बैंक ने लाभांश की घोषणा पर कोई स्पष्ट प्रतिबंध नहीं लगाया है। (3) उपरोक्त पैरा 7A(2) में निर्दिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली एनबीएफसी-पी2पी 50 प्रतिशत तक लाभांश भुगतान अनुपात के साथ लाभांश घोषित कर सकती है। एनबीएफसी-पी2पी, जो सार्वजनिक निधि स्वीकार नही करती है, उसे लाभांश भुगतान अनुपात पर कोई सीलिंग नहीं होगी। (4) एनबीएफसी-पी2पी जो ऊपर लागू पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से प्रत्येक के लिए लीवरेज अनुपात आवश्यकता को पूरा नहीं करती है, 10 प्रतिशत तक लाभांश भुगतान अनुपात के साथ लाभांश घोषित कर सकती है बशर्ते की इस निदेश के अनुसार लागू लीवरेज अनुपात आवश्यकता को, वित्तीय वर्ष जिसके लिए यह लाभांश का भुगतान करने का प्रस्ताव, को वह पूरा करती है। (5) निदेशक मंडल यह सुनिश्चित करेगा कि वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित कुल लाभांश इन दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट सीमा से अधिक नहीं है। लाभांश की घोषणा पर अस्थायी छूट के लिए किसी भी अनुरोध पर रिजर्व बैंक विचार नहीं करेगा। (6) लाभांश की घोषणा करने वाली एनबीएफसी-पी2पी को वित्तीय वर्ष के दौरान घोषित लाभांश के विवरण की सूचना नीचे निर्धारित प्रारूप के अनुसार देनी होगी।
लाभांश की घोषणा के बाद एक पखवाड़े के भीतर पर्यवेक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। 8. परिचालन दिशानिर्देश (1) एनबीएफ़सी-पी2पी बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति अपनाएगी की जो-
(2) एनबीएफ़सी-पी2पी द्वारा किसी गतिविधि को आउटसोर्सिंग के कारण इसके दायित्वों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और एनबीएफ़सी-पी2पी वसूली एजेंट सहित उसके सेवा प्रदाताओं के कार्यों और उनके पास उपलब्ध प्रतिभागियों से संबंधित जानकारी की गोपनियता के लिए जिम्मेदार रहेगी। (3) कोई भी ऋण तबतक संवितरित नहीं किया जाएगा जबतक ऋणदाता/ऋणदाताओं द्वारा व्यक्तिगत उधारकर्ता/उधारकर्ताओं को ऋण अनुमोदित न कर दिया जाए और सभी संबंधित व्यक्तियों द्वारा ऋण करार पर हस्ताक्षर न कर दिया जाए। 9. निधि अंतरण प्रक्रिया पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिभागियों के बीच निधि का अंतरण बैंक प्रायोजित न्यासी द्वारा संचालित एस्क्रो खाते के माध्यम से होगा। इसमें कम से कम दो एस्क्रो खातों को बनाए रखना चाहिए - एक ऋणदाता से प्राप्त निधि जिसका संवितरण बाकी है और दूसरा उधारकर्ता से प्राप्त निधि को संग्रहित करने के लिए। सभी निधि लेन-देन केवल बैंक खातों के से और मै ही होगा और नकद लेनदेन सर्वथा वर्जित है। यह प्रक्रिया अनुलग्नक-। में उल्लिखित है, जिसे एनबीएफ़सी-पी2पी ने अपनाना है। 10. साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) को डेटा प्रस्तुत करना (1) एनबीएफ़सी-पी2पी सभी सीआईसी की सदस्य बनेगी और उन्हें डेटा (ऐतिहासिक सहित) प्रस्तुत करेगी; (2) एनबीएफ़सी-पी2पी निम्नलिखित कार्य करेगी:
11. पारदर्शिता और प्रकटीकरण आवश्यकताएं (1) एनबीएफसी-पी2पी को निम्नलिखित का प्रकटीकरण करना होगा: (i) ऋणदाता को
(ii) उधारकर्ता को - ऋणदाता की व्यक्तिगत पहचान और संपर्क विवरण के अलावा प्रस्तावित राशि, पेशकश ब्याज दर सहित उसका विवरण; (iii) वेबसाइट पर सार्वजनिक प्रकटीकरण:
(2) एनबीएफसी-पी2पी यह सुनिश्चित करेगा कि सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले प्रतिभागीयों को सेवाएं प्रदान करना प्रतिभागियों और एनबीएफसी-पी2पी के बीच उचित समझौतों द्वारा समर्थित हो। समझौतों में उधारकर्ता, ऋणदाता और एनबीएफसी-पी 2पी के बीच सभी नियमों और शर्तों को स्पष्ट रूप से विनिर्दिष्ट किया जाएगा। (3) प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित ब्याज दरें वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) प्रारूप में होंगी। 12. उचित व्यवहार संहिता (1) एनबीएफसी-पी2पी, यहां उल्लिखित दिशा-निर्देशों के आधार पर, अपने बोर्ड के अनुमोदन से, उचित व्यवहार संहिता लागू करेगी। विभिन्न हितधारकों की जानकारी के लिए इसे अपनी वेब-साइट पर रखा जाएगा। (2) एनबीएफसी-पी2पी को ऋणदाता से स्पष्ट घोषणा प्राप्त करनी होगी जिसमें कहा गया है कि उसने ऋण देने से जुड़े जोखिमों को समझा है और प्लेटफॉर्म ऋण की वापसी/ब्याज के भुगतान का आश्वासन नहीं देता। इस घोषणा मे यह उल्लिखित होगा की उधारकर्ता द्वारा डिफ़ाल्ट की स्थिति में पूरे मूलधन के नुकसान की संभावना है। प्लेटफॉर्म ऋण की वसूली के लिए कोई आश्वासन प्रदान नहीं करेगा। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म यह चेतावनी प्रदर्शित करेगा कि "भारतीय रिज़र्व बैंक एनबीएफसी-पी2पी द्वारा व्यक्त किए गए किसी भी बयान या अभ्यावेदन या राय की यथार्थता के लिए किसी भी जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करता है, और इस पर दिए गए ऋणों की वापसी के लिए कोई आश्वासन नहीं देता है"। (3) ऋणों की वसूली के मामले में, एनबीएफसी-पी2पी यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारियों को प्रतिभागियों से उचित तरीके से व्यवहार करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया गया है और वे उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे; जैसे कि लगातार असुविधाजनक समय पर उधारकर्ताओं को परेशान करना, ऋण की वसूली के लिए दबाव का उपयोग करना आदि। (4) एनबीएफसी-पी2पी यह सुनिश्चित करेगा कि इसके द्वारा प्राप्त प्रतिभागियों से संबंधित किसी भी जानकारी का प्रकटन किसी तीसरे पक्ष को प्रतिभागियों की सहमति के बिना न किया जाए। (5) निदेशक मंडल उचित व्यवहार संहिता के अनुपालन और प्रबंधन के विभिन्न स्तरों पर शिकायत निवारण प्रणाली के कामकाज की आवधिक समीक्षा का भी प्रावधान करेगा। ऐसी समीक्षाओं की एक समेकित रिपोर्ट उसके द्वारा निर्धारित नियमित अंतराल पर बोर्ड को प्रस्तुत की जाएगी। 13. प्रतिभागी शिकायत निवारण (1) एनबीएफसी-पी2पी प्रतिभागियों की शिकायतों के समाधान के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति लागू करेगा। एनबीएफसी-पी2पी द्वारा शिकायतों का ऐसे समय में और इस तरह से निपटाया जाएगा, जैसा कि उसके बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति में प्रदान किया गया है, किन्तु किसी भी स्थिति में इसमें शिकायत प्राप्ति की तारीख से एक महीने से अधिक अवधि नहीं लगना चाहिए। (2) परिचालन स्तर पर, एनबीएफसी-पी 2पी वेबसाइट पर प्रतिभागियों के हित में निम्नलिखित जानकारी को विशिष्टता से प्रदर्शित करेगा: (i) शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण (टेलीफोन/मोबाइल नंबर और ईमेल पता भी) जिसे एनबीएफसी-पी2पी के विरुद्ध शिकायतों के समाधान के लिए संपर्क किया जा सकता है। (ii) कि यदि शिकायत/मतभेद का समाधान एक माह की अवधि के भीतर नहीं किया जाता है तो प्रतिभागी रिज़र्व बैंक के उपभोक्ता शिक्षण और संरक्षण विभाग को अपील कर सकता है। 13ए. नोडल अधिकारी/ मुख्य नोडल अधिकारी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना 2018 के अंतर्गत शामिल एनबीएफ़सी अनुलग्नक VII में दिये निर्देश के अनुसार नोडल अधिकारी/मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्त करें। 14. सूचना तकनीकी प्रणाली, डेटा सुरक्षा और कारोबार निरंतरता योजना (1) किसी एनबीएफ़सी पी2पी का कारोबार मुख्यतः सूचना तकनीकी पर (आईटी) आधारित है। इस हेतु तकनीकी प्रणाली कारोबार के विकास को संभालने योग्य होनी चाहिए। (2) इसके सूचना तकनीकी प्रणाली में पर्याप्त सुरक्षा होनी चाहिए ताकि रिकॉर्ड एवं डेटा को किसी प्रकार के अनधिकृत प्रवेश, छेडछाड, नष्ट करने, प्रकटन अथवा प्रसार से रोककर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैंक समय-समय पर आवश्यकतानुसार तकनीकी विनिर्दिष्टीकरण निर्धारित कर सकता है। (3) एनबीएफ़सी-पी2पी को अपनी जानकारी एवं दस्तावेज़ को सुरक्षित रखने और प्लेटफॉर्म बंद होने पर सम्पूर्ण अवधि के लिए ऋण संबंधी सेवा प्रदान करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित कारोबार निरंतरता योजना लागू करना चाहिए। (4) आंतरिक प्रणालियों और प्रक्रियाओं पर सूचना प्रणाली लेखा-परीक्षा लागू होगी और कम से कम दो वर्ष में एक बार CISA प्रमाणीकृत बाह्य लेखा परीक्षकों से लेखा परीक्षण करवाना होगा। बाह्य लेखा परीक्षक की रिपोर्ट मिलने के एक माह के भीतर बैंक के गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी जिसके क्षेत्राधिकार में एनबीएफ़सी-पी2पी स्थित है। (5) यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए कि यदि एनबीएफ़सी-पी2पी, पी2पी गतिविधि को जारी रखना बंद कर देता है, तो प्लेटफॉर्म पर सम्पन्न ऋण समझौतों का प्रबंधन और संचालन करार की शर्तों के अधीन तीसरे पक्ष द्वारा जारी किया जाता रहेगा। (6) एनबीएफसी-पी2पी को स्थापना की तिथि से ही एनबीएफसी क्षेत्र के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे पर 8 जून, 2017 को जारी मास्टर निदेश डीएनबीएस.पीपीडी संख्या 04/66.15.001/2016-17 का पालन करना होगा। 15. उपयुक्त और उचित मापदंड (1) एनबीएफसी-पी2पी - (i) यह सुनिश्चित करे कि निदेशक मंडल के अनुमोदन से एक नीति लागू की जाए, जिसमें इसके निदेशकों द्वारा पूरा किए जाने वाले 'उचित और उपयुक्त' मानदंड निर्धारित किए जाएं। ये मानदंड अनुलग्नक II से IV में निहित अपेक्षाओं के अनुरूप होंगे; (ii) यह सुनिश्चित करे कि निदेशक अपनी नियुक्ति के समय और निरंतर आधार पर उपयुक्त और उचित मानदंडों को पूरा करें, छमाही आधार पर इसे प्रमाणित करें और बैंक को सूचित करें; (iii) अतिरिक्त जानकारी देने वाले घोषणा और वचन निदेशकों से प्राप्त करे। घोषणा और वचन अनुलग्नक III में दिए गए प्रारूप से अनुरूप होंगे; (iv) निदेशकों द्वारा हस्ताक्षरित वचनपत्र करार प्राप्त करे, जो अनुलग्नक IV में दिए गए प्रारूप में होगा; (v) निदेशकों या प्रमुख प्रबंधन कर्मी मे किसी भी परिवर्तन की सूचना बैंक को दे, और एनबीएफसी-पी 2पी के प्रबंध निदेशक/सीईओ से यह प्रमाणपत्र जारी करे कि निदेशकों के चयन में उपयुक्त और उचित मानदंडों का पालन किया गया है। यह प्रमाणपत्र इस परिवर्तन के 15 दिनों के भीतर बैंक के गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को पहुंच जाना चाहिए, जिसके अधिकार क्षेत्र में एनबीएफसी-पी2पी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है। एनबीएफसी-पी2पी के सीईओ द्वारा 31 मार्च को समाप्त तिमाही पर लेखा-परीक्षकों द्वारा प्रमाणित उसके निदेशकों के नाम देते हुए एक वार्षिक विवरण उक्त क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बैंक जनहित को ध्यान में रखते हुए एवं अगर उचित पाएँ, तो स्वतंत्र रूप से इसका मूल्यांकन कर सकता है कि क्या निदेशक व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से, उपयुक्त और उचित हैं और बैंक द्वारा उन्हें हटाए जाने की सूचना दिये जाने पर एनबीएफसी-पी 2पी संबंधित निदेशक को हटा देगा। 16. एनबीएफसी-पी2पी के शेयरों के आवंटन, अधिग्रहण या नियंत्रण हस्तांतरण के लिए बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता (1) बैंक की पूर्व लिखित अनुमति निम्नलिखित के लिए आवश्यक होगी – (i) शेयरों का ऐसा कोई आवंटन जो किसी व्यक्ति या समूह की कुल धारिता को एनबीएफसी-पी2पी की प्रदत्त पूंजी के 26 प्रतिशत के बराबर अथवा अधिक की कर दे; स्पष्टीकरण: इस पैराग्राफ के लिए, शब्द का तात्पर्य निम्नलिखित है -
(ii) एनबीएफसी-पी2पी का अधिग्रहण अथवा नियंत्रण का कोई अधिग्रहण, जिसके परिणामस्वरूप प्रबंधन में परिवर्तन हो अथवा न हो; (iii) एनबीएफसी-पी2पी की शेयरधारिता में कोई ऐसा परिवर्तन, जिसमें समय के साथ उत्तरोत्तर वृद्धि भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप एनबीएफसी-पी2पी की प्रदत्त शेयर पूंजी के 26 प्रतिशत या उससे अधिक को किसी संस्था द्वारा अधिग्रहण/ को अंतरित किया जाएगा; बशर्ते कि, जहां किसी सक्षम न्यायालय के अनुमोदन के उपरांत शेयरों के वापसी खरीद/पूंजी में कमी के कारण शेयरधारिता के 26 प्रतिशत से अधिक हो जाने के मामले में पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। ऐसी घटना की सूचना बैंक को घटना से अधिकतम एक माह के भीतर दी जानी है; (iv) एनबीएफसी-पी2पी के प्रबंधन में कोई ऐसा परिवर्तन जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर 30 प्रतिशत से अधिक निदेशकों में परिवर्तन होगा; (v) शेयरधारिता में कोई भी परिवर्तन जो अधिग्रहण करने वाले को निदेशक नामित करने का अधिकार देगा। पूर्व अनुमोदन के लिए आवेदन (2) एनबीएफसी-पी2पी बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ कंपनी लेटर हेड पर आवेदन प्रस्तुत करेगा: (i) अनुलग्नक V में दिये अनुसार प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों के बारे में जानकारी; (ii) एनबीएफसी-पी2पी में शेयर प्राप्त करने वाले प्रस्तावित शेयरधारकों के धन के स्रोत; (iii) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों द्वारा घोषणा कि वे किसी भी ऐसे अनिगमित निकाय से नहीं जुड़े हैं जो जमाराशि स्वीकार कर रहा है; (iv) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों द्वारा घोषणा कि वे किसी ऐसी कंपनी से संबद्ध नहीं हैं, जिसके लिए सीओआर प्राप्त करने हेतु आवेदन बैंक द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है; (v) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों द्वारा घोषणा कि उन्हें किसी अपराध का दोषी नहीं ठहराया गया है और उनके विरुद्ध परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत शुरू की गई कार्यवाही सहित कोई लंबित आपराधिक मामले नहीं हैं; और (vi) प्रस्तावित निदेशकों/शेयरधारकों पर बैंकरों की रिपोर्ट। (3) इस संबंध में आवेदन बैंक के गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय में जमा किए जाएंगे जहां कंपनी पंजीकृत है। नियंत्रण/प्रबंधन में परिवर्तन के बारे में सार्वजनिक सूचना (4) बिक्री, शेयरों की बिक्री द्वारा स्वामित्व के हस्तांतरण या नियंत्रण के हस्तांतरण में, चाहे वह शेयरों की बिक्री के बिना या सहित हो, के लिए कम से कम 30 दिनों की एक सार्वजनिक नोटिस पहले दी जाएगी। इस तरह के सार्वजनिक नोटिस बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद एनबीएफ़सी पी2पी और अन्य पार्टी द्वारा या संबंधित पार्टियों द्वारा संयुक्त रूप से दी जाएगी। (5) सार्वजनिक नोटिस में बिक्री या स्वामित्व/नियंत्रण हस्तांतरण का इरादा, अंतरिती के ब्यौरे और इस तरह की बिक्री या स्वामित्व/नियंत्रण के हस्तांतरण के लिए कारणों का संकेत होगा। नोटिस कम से कम एक प्रमुख राष्ट्रीय और एक अग्रणी स्थानीय भाषा के अखबार (पंजीकृत कार्यालय की जगह को कवर करने वाला) में प्रकाशित किया जाएगा। पता, निदेशकों, लेखा परीक्षकों, आदि के बदलने के लिए प्रस्तुत की जाने वाली सूचना (6) प्रत्येक एनबीएफसी-पी2पी किसी भी परिवर्तन की घटना से एक महीने भीतर इसकी सूचना देगा:
एफ़एटीएफ़ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से में निवेश (7) एनबीएफसी-पी2पी इन निदेश के पैरा 5(3) में निर्दिष्ट अनुदेशों का अनुपालन भी सुनिश्चित करेंगे। 17. एनबीएफ़सी-पी2पी द्वारा वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग के लिए जोखिम और आचार संहिता का प्रबंधन। एनबीएफ़सी-पी2पी अपने मौजूदा आउटसोर्सिंग व्यवस्थाओं का स्व-मूल्यांकन करेंगे और उसे अनुलग्नक VI में दिये निर्देशों के अनुरूप करेंगे। 18. अकाउंट एग्रीगेटर परिवेश तंत्र के सभी प्रतिभागियों के लिए तकनीकी विनिर्देश अकाउंट एग्रीगेटर (एए), मास्टर निदेश-गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-अकाउंट एग्रीगेटर(रिजर्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 3.(1)ix में परिभाषा के अनुसार ग्राहक की वित्तीय जानकारी समेकित करता है जो वित्तीय क्षेत्र के नियामकों में फैले और विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली और इंटरफेस को अपनाने वाले एवं, विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के पास रखी हुई है, को । यह सुनिश्चित करने के लिए कि उक्त डेटा का आदान-प्रदान सुरक्षित, अधिकृत, सुचारु और निर्बाध हो, यह निर्णय लिया गया कि एए परिवेश तंत्र के सभी प्रतिभागियों के लिए मूल तकनीकी विनिर्देश निर्धारित किए जाएं। रिजर्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (ReBIT), ने इन विनिर्देशों को तैयार किया है और इन्हें अपनी वेबसाइट (www.rebit.org.in) पर प्रकाशित किया है। वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी)6 या वित्तीय सूचना उपयोगकर्ताओं (एफआईयू) के रूप में कार्य करने वाले लागू एनबीएफसी से यह अपेक्षित है कि वे ReBIT द्वारा प्रकाशित तथा समय-समय पर अद्यतन किए अनुसार तकनीकी विनिर्देशों को अपनाएं। 19. रिपोर्टिंग आवश्यकताएं (1) रिज़र्व बैंक समय-समय पर, उसे सही पाए गए, विवरण एनबीएफ़सी-पी2पी द्वारा प्रस्तुत किए जाने के लिए, निर्धारित कर सकता है। (2) निम्नलिखित त्रैमासिक विवरण उपरोक्त क्षेत्रीय कार्यालय को तिमाही की समाप्ति के 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत किए जाएंगे। (i) ऋण के संबंध में संख्या और राशि दर्शाने वाला विवरण;
(ii) तिमाही के लिए जमा और कटौती के योग सहित विभाजित आधार पर ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं से प्राप्त एस्क्रो खाते में राशि। (iii) तिमाही के शुरुआत और अंत में बकाया और तिमाही के दौरान प्रेषकवार निपटान किए गए शिकायतों की संख्या
(iv) अंश एवं भाजक के विवरण सहित लिवरेज अनुपात। 20. पर्यवेक्षण बैंक, किसी भी समय, अपने एक या अधिक अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा या बैंक के अनुसार उपयुक्त किसी अन्य एजेंसी द्वारा एनबीएफ़सी पी2पी का निरीक्षण करवा सकता है। 21. अपवाद बैंक, यदि किसी कठिनाई से बचने के लिए या किसी अन्य उचित और पर्याप्त कारण के लिए आवश्यक समझता है, तो किसी एनबीएफसी-पी2पी या एनबीएफसी-पी2पी के किसी वर्ग या सभी एनबीएफसी-पी2पी को अनुपालन के लिए समय-सीमा में वृद्धि कर सकता है अथवा इन निर्देशों के सभी या किसी भी प्रावधान के, सामान्य तौर पर या विशेष रूप से और ऐसी शर्तों के अधीन जो वह लागू करे, अनुपालन करने से छूट प्रदान कर सकता है। 22. स्पष्टीकरण यदि इन निर्देशों की आकलन से संबंधित कोई प्रश्न उठता है, तो मामले को बैंक को भेजा जाएगा और बैंक का निर्णय अंतिम होगा। (जे पी शर्मा) 1 दिनांक 12 फरवरी 2021 का परिपत्र विवि.केंका.एलआईसी.कंपरि.सं.119/03.10.001/2020-21 के अनुसार 2 एफएटीएफ समय-समय पर अपने निम्नलिखित प्रकाशनों में धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) से निपटने के लिए कमजोर उपायों वाले क्षेत्राधिकारों की पहचान करता है: i) कार्रवाई के अधीन उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार, और ii) बढ़ी हुई निगरानी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्राधिकार । ऐसा क्षेत्राधिकार, जिसका नाम उपरोक्त दो सूचियों में शामिल नहीं है, को एफएटीएफ अनुपालित क्षेत्राधिकार माना जाएगा। 3 संभावित मतदान शक्ति ऐसे लिखतों से उत्पन्न हो सकती है, जो इक्विटी में परिवर्तनीय हैं, आकस्मिक मताधिकार वाले अन्य लिखत, संविदात्मक व्यवस्थाएं, आदि जो भविष्य में निवेशकों को मताधिकार (आकस्मिक मताधिकार सहित) प्रदान करते हैं । ऐसे मामलों में, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एफएटीएफ गैर-अनुपालित क्षेत्राधिकारों से नए निवेश (i) मौजूदा मतदान शक्तियों के 20 प्रतिशत और (ii) संभावित मताधिकार को मूर्त रूप देने वाले मौजूदा और संभावित मतदान शक्तियों के 20 प्रतिशत दोनों से कम हैं । 4 दिनांक 24 जून 2021 का परिपत्र डीओआर.एसीसी.आरईसी.सं.23/21.02.067/2021-22 के अनुसार 5 जहां एनबीएफसी-पी2पी तीन वित्तीय वर्षों से कम समय से अस्तित्व में है, यह पंजीकरण के बाद से होगा। 6 एफआईपी और एफआईयू का तात्पर्य अपडेट किए गए मास्टर निदेश- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - अकाउंट एग्रीगेटर(रिजर्व बैंक) निदेश, 2016 के अनुसार होगा |