RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

110533720

एचएफसी के लिए विनियामक फ्रेमवर्क की समीक्षा और एचएफसी एवं एनबीएफसी पर लागू नियमों का सामंजस्य

भा.रि.बैं./2024-25/61
विवि.एफआईएन.आरईसी.सं.34/03.10.136/2024-25

12 अगस्त 2024

 

सभी आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी)
सभी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी)

महोदया/महोदय,

एचएफसी के लिए विनियामक फ्रेमवर्क की समीक्षा और एचएफसी एवं एनबीएफसी पर लागू नियमों का सामंजस्य

कृपया परिपत्र वि.वि.गै.बैं.वि.क.(आ.वि.कं).कं.परि.सं.118/03.10.136/2020-21 दिनांक 22 अक्टूबर 2020 का संदर्भ लें। उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 4 के अनुसार, यह सलाह दी गयी थी कि एचएफसी और एनबीएफसी के नियमों के बीच सामंजस्य अगले दो वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्थापित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्यूनतम व्यवधानों के साथ परिवर्तन हासिल किया जा सके।

2. 09 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से रिज़र्व बैंक में एचएफसी के विनियमन के हस्तांतरण के प्रभावी उपरांत, एचएफसी को एनबीएफसी की श्रेणी के रूप में मानते हुए विभिन्न नियम जारी किए गए हैं। इस नीतिगत रुख की निरंतरता के लिए, जैसा कि उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 4 में कहा गया, एचएफसी और एनबीएफसी पर लागू नियमों का विश्लेषण किया गया, जिसका उद्देश्य एचएफसी की विशेष प्रकृति पर विधिवत विचार करते हुए इन नियमों को सुसंगत बनाना है।

3. तदनुसार, मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के तहत निर्धारित एचएफसी पर लागू मौजूदा विनियमों की समीक्षा के आधार पर, अनुबंध के भाग ए में विस्तृत रूप से संशोधित नियमों को जारी करने का निर्णय लिया गया है। इस गतिविधि के भाग के रूप में, एनबीएफसी पर लागू कुछ नियमों की भी समीक्षा की गई है और संशोधित नियमों का विवरण अनुबंध के भाग बी में दिया गया है। संशोधित नियम 01 जनवरी 2025 से लागू होंगे।

4. प्रासंगिक मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021, मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 को तदनुसार संशोधित किया जा रहा है।

भवदीय,

(जे. पी. शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

 

भाग

अनुभाग I: सार्वजनिक जमाराशियां स्वीकार करने के संबंध में दिशानिर्देश
(जमाराशी स्वीकार करने /रखने के लिए सीओआर रखने वाली एचएफसी पर लागू)

1. वर्तमान में, जनता से जमाराशि स्वीकार करने वाली एचएफसी पर एनबीएफसी की तुलना में जमा स्वीकृति पर अधिक शिथिल विवेकपूर्ण मापदंड लगाए जा रहे हैं। चूंकि जमा स्वीकृति से जुड़ी विनियामक चिंताएं एनबीएफसी की सभी श्रेणियों में समान हैं, इसलिए, एचएफसी को जमा स्वीकार करने पर जैसा कि जमा लेने वाली एनबीएफसी पर नियामक व्यवस्था लागू होते है, की ओर ले जाने का और मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के तहत निर्धारित विवेकपूर्ण मापदंडों को समान रूप से निर्दिष्ट करने का निर्णय लिया गया है । तदनुसार, बाद के पैराग्राफ में बताए गए संशोधित नियम सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने या रखने वाली एचएफसी पर लागू होंगे।

तरल परिसंपत्तियों का न्यूनतम प्रतिशत बनाए रखना

2. वर्तमान में, एनएचबी अधिनियम, 1987 की धारा 29बी के अनुसार, जमा स्वीकार करने वाली एचएफसी को उनके द्वारा रखी गई सार्वजनिक जमा राशि के मुकाबले 13 प्रतिशत तरल परिसंपत्ति बनाए रखना आवश्यक है। एनएचबी अधिनियम, 1987 की धारा 29बी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, अब यह निर्णय लिया गया है कि सभी जमा स्वीकार करने वाली एचएफसी, उनके द्वारा रखी गई सार्वजनिक जमा राशि के 15 प्रतिशत की सीमा तक, निरंतर आधार पर, चरणबद्ध तरीके से जैसा कि नीचे बताया गया है, तरल परिसंपत्ति बनाए रखेंगी:

समयसीमा

भार रहित अनुमोदित प्रतिभूतियां, सार्वजनिक जमा के प्रतिशत के रूप में रखी जाएंगी

भार रहित अनुमोदित प्रतिभूतियां के साथ -साथ कुल तरल परिसंपत्तियों , सार्वजनिक जमा के प्रतिशत के रूप में रखी जाएंगी

वर्तमान में

6.50%

13%

01 जनवरी 2025

8.00%

14%

01जुलाई 2025

10%

15%

तरल परिसंपत्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा

3. जमा स्वीकार करने वाली एचएफसी को एनएचबी अधिनियम की धारा 29बी के तहत तरल परिसंपत्ति बनाए रखने की आवश्यकता होती है और ऐसी तरल परिसंपत्ति को निर्दिष्ट संस्थाओं को सुरक्षित अभिरक्षा के लिए सौंपा जाएगा जैसा कि मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 40 में कहा गया है । यह निर्णय लिया गया है कि नियमों के सामंजस्य के हित में एचएफसी के लिए तरल परिसंपत्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा पर नियमों को एनबीएफसी के नियमों के साथ संरेखित किया जाएगा। तदनुसार, तरल परिसंपत्तियों की सुरक्षित हिरासत/ एसएलआर प्रतिभूतियों के ब्याज की वसूली पर मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 331 में निहित अनुदेश यथोचित परिवर्तनों के साथ जमाराशि लेने वाली एचएफसी पर लागू होंगे; तथा मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 40 में निहित अनुमोदित प्रतिभूतियों की सुरक्षित अभिरक्षा पर मौजूदा विनियम निरस्त कर दिए जाएंगे।

सार्वजनिक जमाराशि के लिए पूर्ण कवर

4. मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 42.1 के संदर्भ में एचएफसी यह सुनिश्चित करेगी कि हर समय उनके द्वारा स्वीकार की गई सार्वजनिक जमा के लिए पूर्ण परिसंपत्ति कवर उपलब्ध है। अब से, यदि उपरोक्त परिसंपत्ति कवर सार्वजनिक जमाराशि की देयता के कारण कम हो जाता है, तो संबंधित एचएफसी को एनएचबी को सूचित करना अनिवार्य होगा।

जमाराशियों की रेटिंग, जमाराशियों की मात्रा की उच्चतम सीमा और जमाराशियों की अवधि

5. सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने के पात्र होने के लिए, जमाराशि स्वीकार करने वाली एचएफसी को अनिवार्य रूप से मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 25 में निर्दिष्ट न्यूनतम निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग, वर्ष में कम से कम एक बार प्राप्त करेंगे। यदि उनकी क्रेडिट रेटिंग न्यूनतम निवेश ग्रेड से नीचे है, तो ऐसे एचएफसी मौजूदा जमा को नवीनीकृत नहीं करेंगे या उसके बाद तब तक नई जमाराशि स्वीकार नहीं करेंगे जब तक कि वे निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग प्राप्त नहीं कर लेते।

6. जमाराशि स्वीकार करने वाली एचएफसी, जो सभी विवेकपूर्ण मानदंडों और निर्दिष्ट न्यूनतम निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग का अनुपालन करती है, द्वारा धारित सार्वजनिक जमा की मात्रा की उच्चतम सीमा, शुद्ध स्वामित्व वाली निधि के 3 गुना से घटाकर 1.5 गुना कर दी जाएगी। संशोधित सीमा से अधिक जमाराशि रखने वाली, जमाराशि स्वीकार करने वाली एचएफसी तब तक नई सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार नहीं करेंगी या मौजूदा जमाराशि का नवीनीकरण नहीं करेंगी जब तक कि वे संशोधित सीमा के अनुरूप न हो जाएं। हालाँकि, मौजूदा अतिरिक्त जमाराशि को परिपक्वता तक चलाने की अनुमति दी गयी है।

7. वर्तमान में, एचएफसी को जमाराशि की स्वीकृति या नवीनीकरण की तारीख से बारह महीने या उससे अधिक की अवधि के बाद किंतु एक सौ बीस महीने के पूर्व चुकाए जाने वाले सार्वजनिक जमाराशि को स्वीकार या नवीनीकृत करने की अनुमति है। यह निर्णय लिया गया है कि अब से एचएफसी द्वारा स्वीकार या नवीनीकृत की गई सार्वजनिक जमा राशि बारह महीने या उससे अधिक की अवधि के बाद चुकानी होगी, लेकिन यह अवधि साठ महीने से अधिक नहीं होगी। साठ महीने से अधिक की परिपक्वता अवधि वाली मौजूदा जमाराशियों का भुगतान उनकी मौजूदा पुनर्भुगतान प्रोफ़ाइल के अनुसार किया जाएगा।

जमाराशियाँ एकत्रित करने के लिए शाखाएँ एवं एजेंटों की नियुक्ति

8. मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के पैरा 30 के अनुसार, जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी शाखाएं खोलने और जमा एकत्र करने के लिए एजेंटों की नियुक्ति पर विनियमों के अधीन हैं। परंतु, एचएफसी के मामले में इस तरह के नियम निर्धारित नहीं हैं। विनियमों के संरेखण के हित में, यह निर्णय लिया गया है कि अब से, शाखाओं और जमा एकत्र करने के लिए एजेंटों की नियुक्ति पर मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 302 में

निहित अनुदेश यथोचित परिवर्तनों के साथ जमाराशि स्वीकार करने वाली एचएफसी पर लागू होंगे, और एचएफसी द्वारा इन अनुदेशों में अपेक्षित आवश्यक सूचना एनएचबी को भेजी जाएगी।

स्पष्टीकरण:

(ए) मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैराग्राफ 30(1)(i)(बी) में निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली एचएफसी और जिनके पंजीकरण के राज्य के बाहर शाखाएँ या एजेंट हैं, वे इन शाखाओं में नए जमा स्वीकार नहीं करेंगी या मौजूदा जमाराशि का नवीनीकरण नहीं करेंगी, जब तक कि उपरोक्त मानदंड पूरे नहीं हो जाते। इन शाखाओं/ एजेंटों के माध्यम से स्वीकार की गई मौजूदा जमाराशियों को उनकी मौजूदा पुनर्भुगतान प्रोफ़ाइल के अनुसार सेवित किया जा सकता है।

(बी) उपरोक्त मानदंडों को पूरा न करने वाली एचएफसी अपने पंजीकरण के राज्य के बाहर की शाखाओं में जमा स्वीकार करने/ नवीनीकरण के अलावा अन्य अनुमेय व्यवसाय कर सकती हैं। हालांकि, जब तक वे उपरोक्त शर्तों को पूरा नहीं करतीं, तब तक वे इन शाखाओं/ एजेंटों के माध्यम से किसी भी तरह से जमा लेने की गतिविधि नहीं करेंगी।

गैर-उद्धृत शेयरों में निवेश पर प्रतिबंध

9. जमाराशि स्वीकार करने वाली एनबीएफसी मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 40 के अनुसार गैर-उद्धृत शेयरों में निवेश पर प्रतिबंध के अधीन हैं। ऐसे प्रतिबंध जमा स्वीकार करने वाले एचएफसी पर लागू नहीं हैं लेकिन मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021 के पैरा 23 के तहत पूंजी बाजार में एक्सपोज़र पर सीमाएं निर्धारित हैं। यह सूचित किया जाता है कि अब से, जमा लेने वाली एचएफसी किसी अन्य कंपनी, जो सहायक कंपनी नहीं है या एचएफसी के समान समूह की कंपनी नहीं है, के गैर-उद्धृत शेयरों में निवेश के लिए, प्रत्यक्ष निवेश की सीमा के भीतर बोर्ड द्वारा अनुमोदित आंतरिक सीमाएं अलग से तय करेंगी। ऐसी बोर्ड-अनुमोदित आंतरिक सीमा जमा स्वीकार करने वाली एचएफसी के लिए पूंजी बाजार में निवेश के लिए समग्र सीमा और उप-सीमा का हिस्सा बनेगी।

स्पष्टीकरण - गैर-उद्धृत शेयरों में निवेश की सीमा की गणना करते समय, सभी कंपनियों के ऐसे शेयरों में निवेश को एकत्रित किया जाएगा।

बशर्ते कि गैर-उद्धृत शेयरों में निवेश की सीमा, एचएफसी पर किसी बीमा कंपनी की इक्विटी पूंजी में निवेश के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा विशेष रूप से, लिखित में, अनुमत सीमा पर लागू नहीं होगी।

अनुभाग II: अन्य निर्देश
(एचएफ़सी पर लागू)

10. यह निर्णय लिया गया है कि एचएफसी को भी एनबीएफसी की तरह अपने परिचालन से उत्पन्न होने वाले जोखिमों से बचाव (हेजिंग) करने तथा सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, हितधारकों की प्रतिक्रिया के आधार पर, कुछ मौजूदा एचएफसी नियमों की समीक्षा भी की गई है। एचएफसी के लिए प्रासंगिक नियम निम्नलिखित पैराग्राफ में दिए गए हैं।

एक्सचेंज ट्रेडेड मुद्रा डेरिवेटिव में भागीदारी 3

11. अपने अंतर्निहित एक्सपोज़र का बचाव करने के लिए, एचएफसी को सेबी मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों में ग्राहक के रूप में, रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रासंगिक अनुदेशों के अनुपालन के अधीन, निम्नलिखित मे भाग लेने की अनुमति है:

11.1. मुद्रा वायदा में भागीदारी – सभी एचएफसी मुद्रा वायदा एक्सचेंजों में भाग ले सकते हैं, जो रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा मामले में जारी दिशानिर्देशों और सेबी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार बैलेंस शीट में आवश्यक प्रकटीकरण के अधीन है।

11.2 मुद्रा विकल्प में भागीदारी - ₹1000 करोड़ और उससे अधिक की आस्ति आकार वाली जमा न लेने वाली एचएफसी, रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग द्वारा मामले में जारी दिशानिर्देशों और सेबी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार बैलेंस शीट में आवश्यक प्रकटीकरण के अधीन, मुद्रा विकल्प एक्सचेंजों में भाग ले सकती हैं।

ब्याज दर वायदा में भागीदारी4

12.1. सभी एचएफसी अपने अंतर्निहित जोखिमों के बचाव के उद्देश्य से ग्राहक के रूप में सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त विनिर्दिष्ट ब्याज दर वायदा (आईआरएफ) एक्सचेंजों में भाग ले सकते हैं, जो दिनांक 26 जून 2019 के समय-समय पर संशोधित रूपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 में निहित अनुदेशों के अनुपालन के अधीन है।

12.2. ₹1,000 करोड़ और उससे अधिक की आस्ति आकार (तत्काल पिछले वित्तीय वर्ष की लेखापरीक्षित बैलेंस शीट के अनुसार) के साथ जमा स्वीकार नहीं करने वाली एचएफसी को दिनांक 26 जून 2019 के समय-समय पर संशोधित रूपया ब्याज दर डेरिवेटिव (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2019 में निहित अनुदेशों के अनुपालन के अधीन, मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों पर अनुमत ब्याज दर वायदा बाजार में ट्रेडिंग सदस्यों के रूप में भाग लेने की अनुमति है।

क्रेडिट चूक स्वैप (सीडीएस)

13. एचएफसी को सीडीएस बाजार में केवल उपयोगकर्ताओं के रूप में भाग लेने की अनुमति है और वे केवल अपने कॉर्पोरेट बांड पर अपने क्रेडिट जोखिम को कम करने के लिए क्रेडिट सुरक्षा खरीदेंगे। वे सुरक्षा नहीं बेचेंगे और इसलिए, सीडीएस अनुबंधों में शॉर्ट पोजीशन में प्रवेश नहीं करेंगे। हालाँकि, उन्हें अपने खरीदे गए सीडीएस पदों को मूल प्रतिपक्ष के साथ अनवाइन्द कर या उन्हें अंतर्निहित बांड के खरीदार के पक्ष में सौंपकर या किसी अन्य पात्र बाजार भागीदार को नवप्रवर्तन के माध्यम से5 (केवल समापन या विलय/अधिग्रहण जैसी घटनाओं के मामले में) अनुबंध सौंपकर बाहर निकलने की अनुमति है। सीडीएस को नियमित करने वाले प्रासंगिक अनुदेशों के अनुपालन करने के अलावा, एचएफसी, उपयोगकर्ताओं के रूप में, समय-समय पर संशोधित मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 के अनुबंध XIV में दिए गए दिशानिर्देशों का पालन भी सुनिश्चित करेंगे, जो उन पर यथोचित परिवर्तन सहित लागू होगा।

सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना

14. एचएफसी को मास्टर निदेश - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी करने और आचार संबंधी निदेश, 2022 (समय-समय पर संशोधित) में निर्धारित निर्देशों के अधीन सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति है।

लेखांकन वर्ष

15. लेखांकन वर्ष के संबंध में, सभी एचएफसी को 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अपने वित्तीय विवरण तैयार करने की आवश्यकता होती है। यह निर्णय लिया गया है कि एचएफसी संबंधित तारीख से 3 महीने के भीतर अपनी बैलेंस शीट को अंतिम रूप देगी। इसके अलावा, जब भी कोई एचएफसी कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अपनी बैलेंस शीट की तारीख बढ़ाने का इरादा रखता है, तो उसे इस उद्देश्य के लिए कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) से संपर्क करने से पहले एनएचबी की पूर्व मंजूरी लेनी होगी। ऐसे मामलों में जहां एनएचबी और आरओसी समय विस्तार की अनुमति देते हैं, एचएफसी, एनएचबी को 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए एक प्रोफार्मा बैलेंस शीट (अनऑडिटेड) और उक्त तिथि पर देय विवरणी प्रस्तुत करेगा।

आईएस लेखापरीक्षा की आवधिकता

16. मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – आवास वित्त कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2021, के पैरा 50.1.2 की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें आईएस लेखा परीक्षा की आवधिकता निर्धारित है। अब यह सूचित किया जाता है कि लेखा परीक्षा समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सूचना प्रौद्योगिकी प्रशासन, जोखिम, नियंत्रण और आश्वासन प्रथाओं पर मास्टर निदेश दिनांक 07 नवंबर 2023 (समय-समय पर संशोधित) में निर्धारित आवधिकता के अनुसार सूचना प्रणाली लेखा परीक्षा आयोजित किया जाए।

एनओएफ की गणना के लिए वैकल्पिक निवेश निधि के माध्यम से निवेश

17. राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 29ए के संदर्भ में, एचएफसी के निवल स्वामित्व वाले निधि (एनओएफ) पर पहुंचने के लिए, स्वामित्व वाली निधि के 10 प्रतिशत से अधिक अनुषंगी कंपनियों, एक ही समूह की कंपनियों और अन्य एचएफसी में निवेश/ ऋण/ एक्सपोज़र को स्वामित्व वाली निधि से घटा दिया जाता है। इस संदर्भ में, एनओएफ की गणणा के समय, एचएफसी द्वारा एक ही समूह की संस्थाओं में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, उदाहरण के लिए वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) के माध्यम से, किए गए निवेश को एक समान माना जाएगा, बशर्ते एआईएफ (कंपनी) में एचएफसी से धनराशि की 50% या अधिक की राशि आई हो; या जहां एआईएफ (ट्रस्ट) के मामले में लाभकारी स्वामित्व एचएफसी है और ट्रस्ट में 50% धनराशि एचएफसी से आई है। इस उद्देश्य के लिए, "लाभकारी स्वामित्व" का अर्थ ट्रस्ट में निर्णय लेने या प्रभावित करने की शक्ति रखना और ट्रस्ट की गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले लाभों का प्राप्तकर्ता होना होगा।

खाता एग्रीगेटर इकोसिस्टम के सभी प्रतिभागियों के लिए तकनीकी विशिष्टताएँ

18. मास्टर निर्देश - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - एकाउंट एग्रीगेटर (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2016 के पैरा 3(1)(xi) और 3(1)(xii) के प्रावधानों के अनुसार, एचएफसी, अकाउंट एग्रीगेटर (एए) इकोसिस्टम में 'वित्तीय सूचना प्रदाता' और 'वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता' की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं। एनबीएफसी-अकाउंट एग्रीगेटर (एए) विभिन्न आईटी प्रणालियों और इंटरफेस को अपनाने वाले वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों में फैले विभिन्न वित्तीय संस्थाओं के ग्राहक की, इन मास्टर निदेशों के पैरा 3(1)(ix) में परिभाषित वित्तीय जानकारी, को समेकित करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा की ऐसी आवाजाही सुरक्षित, विधिवत अधिकृत, सुचारू और निर्बाध हो, एए पारिस्थितिकी तंत्र के प्रतिभागियों के लिए मुख्य तकनीकी विशिष्टताओं का एक सेट स्थापित करने का निर्णय लिया गया। रिज़र्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड (रीबिट) ने इन विशिष्टताओं को तैयार किया है और इसे अपनी वेबसाइट (www.rebit.org.in) पर प्रकाशित किया है। 'वित्तीय सूचना प्रदाता' या 'वित्तीय सूचना उपयोगकर्ता' के रूप में कार्य करने वाली एचएफसी से अपेक्षा की जाती है कि वे समय-समय पर अद्यतन किए गए, रीबिट द्वारा प्रकाशित तकनीकी विशिष्टताओं को अपनाएं।

भाग बी

अनुभाग III: सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने संबंधी दिशानिर्देश
(केवल जमाराशि स्वीकार /धारण करने का सीओआर रखनेवाले एनबीएफ़सी पर लागू)

नामांकन नियम

19. मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 32 के अनुसार सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार कर रहे एनबीएफ़सी को बैंकिंग कंपनियाँ (नामांकन), 1985 के प्रावधानों का अनुपालन करने की आवश्यकता है। उक्त नियमों के नियम 2(9) के अनुसार, एनबीएफ़सी को जमाकर्ता/ओं को लिखित में पावती देनी होगी कि नामांकन, नामांकन को रद्द करने और/या परिवर्तन करने का विधिवत भरा गया फार्म को फाइल किया गया है। अब यह सूचित किया जाता है कि एनबीएफसी को नामांकन, रद्दीकरण और/या नामांकन के बदलाव के विधिवत भरे हुए फॉर्म की प्राप्ति को स्वीकार करने की एक उचित प्रणाली तैयार करनी चाहिए। ऐसी पावती सभी ग्राहकों को देनी चाहिए, भले ही ग्राहकों द्वारा उसकी मांग की जाती है या नहीं। इसके अलावा, एनबीएफसी को पासबुक/ रसीद के ऊपर नामांकन सुविधा का लाभ उठाने के संबंध में स्थिति को "नामांकन पंजीकृत" के साथ दर्ज करने की प्रथा शुरू करनी होगी और यदि ग्राहक की सहमति हो तो वे पासबुक/ रसीद में नामांकित व्यक्ति का नाम भी इंगित करेंगे।

आकस्मिक प्रकृति के कुछ खर्चों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक जमा का पुनर्भुगतान

20. मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के अध्याय V की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है। अब यह निर्णय लिया गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, जो समस्या मुक्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी6 हो, द्वारा आकस्मिक प्रकृति के कतिपय खर्चों की पूर्ति करने के लिए, ऐसी परिस्थितियों से संबंधित एनबीएफसी की संतुष्टि के अधीन–

20.1 ‘छोटी जमाराशि’7 का भुगतान, जमाकर्ता के अनुरोध पर, ऐसी जमाओं की स्वीकृति की तारीख से तीन महीने की समाप्ति से पहले, संपूर्ण रूप से, बिना ब्याज के, व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को किया जा सकता है;

20.2. अन्य सार्वजनिक जमाओं के मामले में, जमा की मूल राशि का पचास प्रतिशत से कम या ₹5 लाख, जो भी इनमे कम हो, जमाकर्ताओं के अनुरोध पर, ऐसी जमाओं की स्वीकृति की तारीख से तीन महीने की समाप्ति से पहले, बिना ब्याज के, व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को समय से पहले भुगतान किया जा सकता है; शेष राशि, अनुबंधित दर पर ब्याज के साथ, सार्वजनिक जमा के लिए लागू मौजूदा निर्देशों के प्रावधानों द्वारा शासित होगी;

बशर्ते कि गंभीर बीमारी के मामलों में, जमा की मूल राशि का सौ प्रतिशत राशि को जमाकर्ताओं के अनुरोध पर, ऐसी जमाराशि की स्वीकृति की तारीख से तीन महीने की समाप्ति से पहले, बिना किसी ब्याज के, व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को समय से पहले भुगतान किया जा सकता है।

स्पष्टीकरण :

ए. इस प्रयोजन के लिए, आकस्मिक प्रकृति के खर्चों में चिकित्सा आपातकाल या संबंधित सरकार/ प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं/ आपदा के कारण होने वाले खर्च शामिल हैं।

बी. 'गंभीर बीमारी' की परिभाषा के लिए, एनबीएफसी को समय-समय पर संशोधित आईआरडीएआई (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 और उसके तहत जारी निदेशों द्वारा निर्देशित किया जाएगा।

सी. इन प्रावधानों में उल्लिखित राशि, मौजूदा जमा अनुबंधों पर भी लागू होगी, जिसमें व्यक्तिगत जमाकर्ता को तीन महीने की समाप्ति से पहले जमा राशि की समयपूर्व निकासी का अधिकार नहीं है।

जमाकर्ताओं को जमा की परिपक्वता की सूचना

21. मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 17 के अनुसार, एनबीएफ़सी को जमाराशि की परिपक्वता की तारीख से कम से कम दो महीने पहले जमाकर्ता को जमाराशि की परिपक्वता संबंधी ब्योरा सूचित करने की आवश्यकता है। इस अवधि को दो महीने से घटाकर 14 दिन करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, एनबीएफसी का यह दायित्व होगा कि वह जमा की परिपक्वता की तारीख से कम से कम 14 दिन पहले जमाकर्ता को जमा की परिपक्वता का विवरण सूचित करें।

जमाराशियों का रजिस्टर

22. मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 29 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है। यह सूचित किया जाता है कि एनबीएफसी उपर्युक्त पैरा के तहत आवश्यक अनुसार जमाओं के विवरण/ ब्योरे को केंद्रीकृत कंप्यूटर डेटाबेस पर बनाए रख सकता है, बशर्ते सार्वजनिक जमाओं का प्रमाणित विवरण संबंधित शाखाओं को, हर साल त्रैमासिक आधार पर यानी 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को जानकारी अद्यतन हेतु, इस तथ्य के बावजूद कि शाखा जमा खाते नहीं खोलती है, भेजा जाए। किसी तिमाही से संबंधित जानकारी अगली तिमाही के 10वें दिन से पहले संबंधित शाखा तक पहुंच जानी चाहिए।

तरल परिसंपत्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा

23. जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी को आरबीआई अधिनियम की धारा 45-आईबी के तहत तरल परिसंपत्ति बनाए रखने की आवश्यकता होती है और ऐसी तरल परिसंपत्ति को मास्टर निदेश- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - जनता की जमाराशियों को स्वीकार करने संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 33 में बताए गए अनुसार निर्दिष्ट संस्थाओं के साथ सुरक्षित अभिरक्षा के लिए सौंपा जाएगा। चूंकि अनुमोदित प्रतिभूतियों को अब केवल डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखा जा रहा है, इसलिए इन निदेशों के पैरा 33(5) के प्रावधानों को वापस ले लिया गया है।

अनुभाग IV: अन्य अनुदेश
(एनबीएफ़सी पर लागू)

आईएस लेखापरीक्षा की आवधिकता

24. मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – स्केल आधारित विनियमन), 2023 के पैरा 94.1.2 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है जिसमें आईएस लेखापरीक्षा की आवधिकता का उल्लेख किया है। अब यह सूचित किया जाता है कि लागू एनबीएफसी की लेखापरीक्षा समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सूचना प्रौद्योगिकी प्रशासन, जोखिम, नियंत्रण और आश्वासन प्रथाओं पर मास्टर निदेश दिनांक 07 नवंबर, 2023 (समय-समय पर यथा संशोधित) में निर्धारित आवधिकता के अनुसार सूचना प्रणाली लेखापरीक्षण किया जाए।


1 33. तरल परिसंपत्तियों की सुरक्षित अभिरक्षा (1) प्रत्येक गैर -बैंकिंग वित्तीय कंपनी -
(i) बैंक के साथ एक सहायक सामान्य लेजर (एसजीएल) खाता या घटक के सहायक सामान्य लेजर (सीएसजीएल) खाताधारक के साथ एक गिल्ट खाता या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के साथ पंजीकृत एक डिपॉजिटरी भागीदार के माध्यम से एक डिपॉजिटरी के साथ एक डिमटेरियलाइज्ड खाता खोलें और आरबीआई अधिनियम की धारा 45-आईबी और इन निदेशों के अध्याय III में निर्दिष्ट निर्देशों के अनुसरण में इसके द्वारा बनाए रखने के लिए आवश्यक भार रहित अनुमोदित प्रतिभूतियों को ऐसे खाते में रखें;

(ii) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में से एक को, उस स्थान पर जहां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है, अपने नामित बैंकर के रूप में नामित करें और ऐसे बैंक या एसएचसीआईएल को इन निर्देशों के अध्याय III में निर्दिष्ट निर्देशों के अनुसरण में उनके द्वारा संचालित कोई भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के साथ भार रहित सावधि जमा को भौतिक रूप में सौंपें;

और ऐसी इकाई का नाम और पता जहां उसने अपना गिल्ट खाता खोला है या डिपॉजिटरी (और डिपॉजिटरी भागीदार) जहां उसने अपना डीमटेरियलाइज्ड खाता रखा है, का नाम और पता लिखित रूप में बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय को सूचित करें जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है, जैसा कि यहां पहली अनुसूची में निर्दिष्ट है:

बशर्ते कि जहां कोई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी उपरोक्त खंड (ii) में निर्दिष्ट प्रतिभूतियों को, जहां उसका पंजीकृत कार्यालय स्थित है उस स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थित इकाई के साथ सौंपने का इरादा रखती है, वह बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय, जैसा कि पहली अनुसूची में निर्दिष्ट है, जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय स्थित है पूर्व लिखित में अनुमोदन के साथ ऐसा कर सकती है,

बशर्ते कि उक्त एसजीएल खाते या गिल्ट खाते या डिमटेरियलाइज्ड खाते में रखी गई सरकारी प्रतिभूतियों का कारोबार, प्रक्रिया का पालन करने और सीमा, जैसा कि इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है, के अलावा रिवर्स रेडी फॉरवर्ड अनुबंध सहित तैयार वायदा अनुबंधों में प्रवेश करके या अन्यथा, नहीं किया जाएगा।

(2) उपरोक्त उप-पैराग्राफ (1) में उल्लिखित प्रतिभूतियों को जमाकर्ताओं के लाभ के लिए उसमें निर्दिष्ट अनुसार रखा जाना जारी रखा जाएगा और भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति से केवल जमाकर्ता के पुनर्भुगतान को छोड़कर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा इसे वापस नहीं लिया जाएगा या भुनाया नहीं जाएगा या अन्यथा व्यवहार नहीं किया जाएगा:

बशर्ते,

(i) कोई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी अपने लेखा परीक्षक द्वारा विधिवत प्रमाणित अपनी सार्वजनिक जमा राशि में कमी के अनुपात में ऐसी प्रतिभूतियों का हिस्सा वापस ले सकती है;

(ii) इन प्रतिभूतियों का बाजार मूल्य, किसी भी समय, इन निदेशों के अध्याय III में निर्दिष्ट निदेशों के अनुसार सार्वजनिक जमा के प्रतिशत से कम नहीं होगा।

(3) जहां गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी या तो रिवर्स रेडी फॉरवर्ड अनुबंधों सहित तैयार वायदा अनुबंधों में प्रवेश करके, या अन्यथा, सरकारी प्रतिभूतियों में व्यापार करने का इरादा रखती है, जो अधिनियम के धारा 45-आईबी और इन निदेशों के अध्याय III में निर्दिष्ट अधिनियम के तहत आवश्यकता से अधिक रखी गई हैं, ऐसी अतिरिक्त सरकारी प्रतिभूतियों को रखने के, मामले में बैंक के निदेशों के अधीन, एक अलग एसजीएल खाता या गिल्ट खाता या डिमटेरियलाइज्ड खाता खोलकर किया जाएगा।

(4) जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए, अधिनियम की धारा 45-आईबी के अनुपालन के उद्देश्य से रखी गई प्रतिभूतियों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों को रखने हेतु एक विशेष एसजीएल या गिल्ट खाता या डिमटेरियलाइज्ड खाता बनाए रखा जाएगा। यह खाता केवल सार्वजनिक जमा की मात्रा में वृद्धि या कमी के कारण प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री या परिपक्वता पर नकदीकरण के लिए प्रतिभूतियों की निकासी या विशेष परिस्थितियों में जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान के लिए संचालित किया जाएगा।

2 30. जमा एकत्र करने के लिए शाखाएँ और एजेंटों की नियुक्ति

(1) कोई भी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी यहां दिए गए प्रावधान के अलावा जमा राशि एकत्र करने के लिए अपनी शाखा नहीं खोलेगी या एजेंट नियुक्त नहीं करेगी :

(i) एक गैर -बैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसके पास आरबीआई अधिनियम की धारा 45-आईए के तहत जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र है और इन निदेशों के अनुच्छेद 12 के अनुसार सार्वजनिक जमा स्वीकार करने का हकदार है, अपनी शाखा खोलेगी या एजेंटों की नियुक्ति करेगी, अगर

 

(ए) एनओएफ रू .50 करोड तक है

राज्य में कहीं भी जहां उनका पंजीकृत कार्यालय स्थित है; अथवा

(बी) एनओएफ रू .50 करोड से अधिक है और उनकी क्रेडिट रेटिंग एए या उससे ऊपर है

भारत में कहीं भी

स्पष्टीकरण: एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसकी परिसंपत्ति का आकार ₹50 करोड़ से अधिक है और क्रेडिट रेटिंग एए से नीचे है, वह देश में कहीं भी शाखाएं खोलने के लिए पात्र नहीं होगी और केवल उस राज्य के भीतर शाखाएं खोल सकती है जहां उसका पंजीकृत कार्यालय स्थित है।

(2) (i) कोई शाखा खोलने के लिए, एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी प्रस्तावित शाखा खोलने के अपने इरादे के बारे में बैंक को सूचित करेगी;

(ii) ऐसी सूचना प्राप्त होने पर, बैंक, सार्वजनिक हित में या संबंधित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में या दर्ज किए जाने वाले किसी अन्य प्रासंगिक कारण के आधार पर, संतुष्ट होने पर प्रस्ताव को अस्वीकार कर सकता है और उसे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को सूचित कर सकता है;

(iii) यदि उपरोक्त (ii) के तहत प्रस्ताव को अस्वीकार करने की कोई सूचना बैंक द्वारा ऐसी सूचना प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर नहीं दी जाती है, तो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी अपने प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ सकती है।

3 एचएफसी रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए प्रासंगिक अनुदेशों के अनुपालन के अधीन, अपने अंतर्निहित एक्सपोजर की हेजिंग के लिए ओटीसी बाजार में अनुमत मुद्रा डेरिवेटिव में भाग लेना जारी रख सकते है।

4 रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए प्रासंगिक अनुदेशों के अनुपालन के अधीन, एचएफसी अपने अंतर्निहित एक्सपोजर की हेजिंग के लिए ओटीसी बाजार में फॉरवर्ड रेट समझौतों और ब्याज दर स्वैप में भाग लेना जारी रख सकते हैं।

5 नवप्रवर्तन पर विनियम एचएफसी के साथ-साथ एनबीएफसी पर भी लागू होते हैं।

6 'समस्याग्रस्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी' का अर्थ है एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो –

(i) परिपक्व सार्वजनिक जमाराशियों के पुनर्भुगतान के लिए किसी भी वैध मांग को पांच कार्य दिवसों के भीतर पूरा करने से इनकार कर देती है या विफल रहती है; या

(ii) कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 58एए के तहत सीएलबी को किसी छोटे जमाकर्ता को किसी सार्वजनिक जमाराशि या उसके हिस्से या उस पर किसी ब्याज के पुनर्भुगतान में अपनी चूक के बारे में सूचित करती है; या

(iii) अपनी जमाराशि दायित्वों को पूरा करने के लिए तरल परिसंपत्ति प्रतिभूतियों की वापसी के लिए बैंक से संपर्क करती है; या

(iv) सार्वजनिक जमाराशि या अन्य दायित्वों को पूरा करने में चूक से बचने के लिए इन निर्देशों के प्रावधानों या मास्टर निदेश - भारतीय रिजर्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 से किसी राहत या छूट या छूट के लिए बैंक से संपर्क करती है; या

(v) रिजर्व बैंक द्वारा या तो स्वप्रेरणा से या जमाकर्ताओं की सार्वजनिक जमाराशि की वापसी न करने की शिकायतों के आधार पर या कंपनी के ऋणदाताओं की बकाया राशि का भुगतान न करने की शिकायतों के आधार पर एक समस्याग्रस्त गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में पहचान की गई है;

7 छोटी जमाराशि का अर्थ है गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी की सभी शाखाओं में एक ही क्षमता में एकमात्र या प्रथम नामित जमाकर्ता के नाम पर जमा की गई कुल सार्वजनिक जमा राशि जो ₹10,000/- से अधिक नहीं है।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?