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जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन – पण्य हेजिंग (Commodity Hedging)

भारिबैं/2011-12/353
एपी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 68

17 जनवरी 2012

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन – पण्य हेजिंग (Commodity Hedging)

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएँ) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000) और 28 दिसंबर 2010 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32 की ओर आकृष्ट किया जाता है । वर्तमान में, निर्यात और आयात के व्यापार में लगे अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अन्यथा अनुमोदित भारत में निवासी व्यक्तियों/कंपनियों (entities) को अनुमत वस्तुओं के मूल्य संबंधी जोखिम को अंतर्राष्ट्रीय पण्य मंडियों /बाज़ारों में हेज करने की अनुमति दी गई है । इसके अलावा, कतिपय न्यूनतम मानदंड पूर्ण करने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को रिज़र्व बैंक द्वारा निम्नलिखित के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा यथा विनिर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अधीन अनुमति प्रदान करने हेतु विशेष रूप से प्राधिकृत (उल्लिखित परिपत्र के खंड ई का पैरा । देखें) किया गया है

ए. मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्स्चेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय पण्य मंडियों/ बाज़ारों में किसी पण्य (सोना, चांदी, प्लैटिनम को छोड़कर) के संबंध में आयात/निर्यात की कीमत से संबंधित जोखिम की हेजिंग के लिए;

बी. कच्चे तेल के परिष्करण संबंधी कार्य करनेवाली घरेलू कंपनियों को पूर्व कार्यनिष्पादन के आधार पर किये जाने वाले कच्चे तेल के आयात की कीमत से संबंधित जोखिम की हेजिंग के लिए;

सी. (i) एल्युमिनियम, तांबा, शीशा, निकिल और जिंक के घरेलू उत्पादकों/के यूजरों को जो मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबध्द हैं;

(ii) घरेलू खरीद पर आधारित विमानन टर्बाइन ईंधन के संबंध में आर्थिक ऋण जोखिमों (exposures) की हेजिंग के लिए विमानन टर्बाइन ईंधन के वास्तविक              घरेलू यूजरों/उपयोगकर्ताओं को;

(iii) कच्चे तेल की घरेलू खरीद तथा पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री, जो अंतर्राष्ट्रीय कीमतों से संबद्ध होती हैं, संबंधी (पण्य) कीमतों के बाबत जोखिम की हेजिंग के       लिए कच्चे तेल की घरेलू परिष्करण कंपनियों को; और

डी. माल सूची में दर्ज पण्य कीमतों के जोखिम की हेजिंग के लिए घरेलू तेल विपणन तथा परिष्करण कंपनियों को ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय पण्य मंडियों/ बाज़ारों में किसी पण्य (सोना, चांदी, प्लैटिनम को छोड़कर) की कीमत से संबंधित जोखिमों की हेजिंग के लिए कंपनियों को मंजूरी प्रदान करने के लिए सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को अनुमति दी जाए जैसा कि प्रत्यायोजित मार्ग के तहत विनिर्दिष्ट है ।

3. इसके अलावा, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक संलग्नक में यथा विनिर्दिष्ट दिशानिर्देशों के अधीन अंतर्राष्ट्रीय पण्य मंडियों/ बाज़ारों में किसी पण्य (सोना, चांदी, प्लैटिनम को छोड़कर) के संबंध में किये जाने वाले आयात/निर्यात की कीमत संबंधी जोखिम की हेजिंग के लिए       गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को भी अनुमति दे सकते हैं ।

4.  प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक प्रत्येक वर्ष हेतु 31 मार्च तक की स्थिति के अनुसार एक वार्षिक रिपोर्ट एक माह में (30 अप्रैल से पहले) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाजार प्रभाग, अमर बिल्डिंग, 5वीं मंज़िल, मुंबई -400001 को प्रस्तुत करेंगे जिसमें पण्य हेजिंग के लिए अनुमति दी गयी कंपनियों के नाम तथा हेज किये गये पण्यों के नाम शामिल होंगे ।

5. प्रत्यायोजित मार्ग के तहत न आनेवाले हेज लेनदेन करने के लिए ग्राहकों से प्राप्त आवेदन पत्र अब तक की तरह अनुमोदन के लिए प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा रिज़र्व बैंक को प्रेषित किये जाते रहेंगे।

6. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएँ) विनियमावली, 2000] में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं।

7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

8. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीया,

(मीना हेमचंद्र)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक

[17 जनवरी 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज़)
परिपत्र सं. 68 का संलग्नक ]

हेज लेनदेन करने के लिए कंपनियों को अनुमति देने से पहले प्राधिकृत व्यापारी को प्रस्तावित हेजिंग कार्यनीति का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करना अपेक्षित है, अर्थात  :

  • व्यवसाय/ कार्यकलाप का विवरण और जोखिम का स्वरूप,

  • हेजिंग के उपयोग में लाए जानेवाले प्रस्तावित लिखत,

  • पण्य मंडियों और ब्रोकरों के नाम जिनके माध्यम से जोखिम की हेजिंग के लिए प्रस्ताव किया जा रहा है और ली जाने वाली प्रस्तावित ऋण सीमा (क्रेडिट लाइन)। संबंधित देश के विनियामक प्राधिकारी का नाम और पता भी दिया जाए,

  • जोखिम (एक्सपोज़र)की मात्रा/औसत अवधि और/अथवा वर्ष में कुल पण्यावर्त और साथ ही उसकी अनुमानित (प्रत्याशित) चरम स्थितियां और गणना का आधार

प्रबंध-तंत्र द्वारा अनुमोदित बोर्ड जोखिम प्रबंधन नीति की प्रति जिसमें निम्नलिखित शामिल हो, उक्त विवरण के साथ प्रस्तुत की जाए;

  • जोखिम  की पहचान

  • जोखिम की माप

  • हेजिंग स्थिति के पुनर्मूल्यांकन और/अथवा निगरानी के संबंध में पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश और  प्रक्रिया

  • लेनदेन के लिए प्राधिकृत अधिकारियों के नाम और पदनाम तथा लेनदेन की सीमाएं।

लेनदेन की सत्यता (सद्भाव) पर संदेह होने अथवा कंपनी के मूल्य जोखिम से संबंधित न होने की स्थिति में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक किसी हेजिंग लेनदेन से मना कर सकता है। वे शर्तें, जिनके अधीन प्राधिकृत व्यापारी हेजिंग की अनुमति देंगे और लेनदेन पर निगरानी के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत नीचे दिए गए हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि अंतर्राष्ट्रीय मंडियों/ बाज़ारों में घरेलू बिक्री/खरीद लेनदेनों के संबंध में हेजिंग, रिज़र्व बैंक द्वारा यथा अनुमोदित/ अनुमोदन किये जाने वाले कतिपय विनिर्दिष्ट लेनदेनों को छोड़कर, की अनुमति नहीं है बावजूद इसके कि घरेलू कीमत (मूल्य) पण्य के अंतरराष्ट्रीय मूल्य से संबद्ध है। ग्राहक द्वारा हेजिंग कार्यकलाप शुरू करने से पहले उन्हें आवश्यक परामर्श दिया जाए।

ए. अंतर्राष्ट्रीय मंडियों/ बाज़ारों में हेजिंग लेनदेन करने की लिए शर्तें/ मार्गदर्शी सिद्धांत

1. हेजिंग लेनदेन का केन्द्र जोखिम नियंत्रण पर होगा। केवल प्रति संतुलन हेतु हेजिंग की अनुमति है।

2. सभी मानक विदेशी मुद्रागत व्यापारिक (स्टैंडर्ड एक्स्चेंज ट्रेडेड) भावी सौदे और ऑप्शन्स (केवल खरीद) की अनुमति है। यदि जोखिम प्रोफाइल के लिए आवश्यक हो तो कंपनी/ फर्म ओटीसी संविदा का भी उपयोग कर सकती है। कंपनी/ फर्म, जब तक प्रीमियम का सीधे अथवा निहित निवल आवक न हो, तब तक नीचे पैरा बी में विस्तृत रूप से दिये गये दिशा-निर्देशों की शर्त के तहत विकल्प (Options) की खरीद और बिक्री दोनों को साथ-साथ शामिल कर विकल्प (Options) कार्यनीति का मिश्रित उपयोग कर सकती है। कंपनी/ फर्म को उसी ब्रोकर के पास प्रति लेनदेन करके विकल्प को रद्द करने की अनुमति है।

3. कंपनी/ फर्म, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के पास एतदर्थ एक विशेष खाता खोले। हेजिंग के परिणामस्वरूप होने वाले सभी भुगतान/ प्राप्तियाँ, रिज़र्व बैंक को भेजे बगैर, इसी खाते से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक द्वारा किये जाएं।

4. कंपनी के वित्तीय नियंत्रक द्वारा विधिवत पुष्टिकृत/प्रतिहस्ताक्षरित ब्रोकर द्वारा दी गयी माह के अंत की रिपोर्ट (रिपोर्टों) की एक प्रति बैंक द्वारा सत्यापित की जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी ऑफ-शोर स्थितियां फिज़िकल एक्सपोजरों द्वारा समर्थित हैं/थीं।

5. ब्रोकर द्वारा प्रस्तुत आवधिक विवरण, विशेषकर बुक किए गए लेनदेन और क्लोज़्ड आऊट संविदाएं और अंतिम निपटान में प्राप्य/ देय राशि के ब्योरे प्रस्तुत करनेवाले विवरणों की कंपनी/ फर्म जांच करें। ब्रोकरों से असमायोजित (Unreconciled) मदों को तीन महीने के अंदर समायोजित करने को कहा जाए।

6. कंपनी/ फर्म अंतरपणन/ सट्टा लेनदेन न करें। इस संबंध में लेनदेनों की निगरानी की जिम्मेदारी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक की होगी।

7. कंपनी/फर्म सांविधिक लेखा परीक्षक से वार्षिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को प्रस्तुत करें। प्रमाणपत्र में इस बात की पुष्टि की गयी हो कि निर्धारित शर्तों का अनुपालन किया गया है और कंपनी/ फर्म का आंतरिक नियंत्रण संतोषजनक है। ये प्रमाणपत्र आंतरिक लेखापरीक्षा/ निरीक्षण के लिए रिकार्ड में रखे जाएं।

बी. यूजर को समुद्रपारीय पण्य की हेजिंग के लिए एक साथ खरीद तथा बिक्री के द्वारा संयुक्त ओटीसी विकल्प रणनितियों को अपनाने की अनुमति देने संबंधी शर्तें :

1. उपयोगकर्ता (यूजर)-सूचीबद्ध कंपनियाँ या न्यूनतम रु. 100 करोड़ की निवल मालियत वाली गैर सूचीबद्ध कंपनियाँ, जो निम्नलिखित बातों का अनुपालन/शर्तें पूरी करती हैं:

  • लेखांकन मानक 30 और 32 को अपनाए हैं। (ऐसी कंपनियाँ जो लेखांकन मानक 30 और 32 का पूर्णत: अनुपालन नहीं करती हैं, वे लेखांकन मानक 30/32 में परिकल्पित लेखांकन सुधार तथा डिरिवेटिव संविदाओं के संबंध में मानक प्रकटीकरण का अनुसरण करें)।

  • जिनके पास जोखिम प्रबंधन नीति है तथा उसमें इस आशय की विशिष्ट शर्त/प्रावधान हो जो उपर्युक्त में उल्लिखित ओटीसी विकल्प रणनितियों के संयोजन का उपयोग करने की अनुमति देते हों।

2. परिचालनात्मक दिशानिर्देश, शर्तें

ए) यूजरों द्वारा, अकेले /एकल आधार पर, आप्शंस लिखने की अनुमति नहीं है। तथापि, यूजर कॉस्ट रिडक्शन स्ट्रक्चर के भाग के रूप में आप्शंस लिख सकते हैं, बशर्ते प्रीमियम की निवल प्राप्ति न हो।

बी) लेवरेज्ड स्ट्रक्चर्स, डिजिटल आप्शंस, बैरियर आप्शंस, उपचित होने की रेंज और कई अन्य विदेशागत/जटिल (exotic) उत्पाद अनुमत नहीं हैं।

सी) शर्तों संबंधी दस्तावेज में आप्शंस की डेल्टा संबंधी बातों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।

डी) दीर्घतर परिकल्पित स्ट्रक्चर का अंश, जो स्ट्रक्चर की अवधि के ऊपर परिगणित  हुआ हो, को अंतर्निहित प्रयोजन के लिए शामिल किया जाएगा।

ई) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को विदेशी मुद्रा परिचालनों (कारोबार) के आकार तथा यूजर की जोखिम प्रोफाइल के मद्देनज़र लगातार लाभप्रदता, उच्चतर मालियत, पण्यावर्त (टर्न ओवर), आदि के संबंध में अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को विनिर्दिष्ट करना चाहिए।

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