भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2009-10/410 21 अप्रैल 2010
महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 फरवरी 2010 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 53/ 03.05.28(बी)/2009-10 देखें। 2. वर्तमान मूल्यांकन के आधार पर तथा 20 अप्रैल 2010 को जारी रिज़र्व बैंक के मौद्रिक नीति वक्तव्य 2010-2011 में वर्णित नीतिगत दृष्टिकोण के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 24 अप्रैल 2010 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 5.75 प्रतिशत से 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया जाए। 3. 21 अप्रैल 2010 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.आरआरबी.केंका.बीसी. सं.72 / 03.05.28 (बी)/2009-10 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें। भवदीय ( आर.सी.षडंगी ) अनुलग्नक : 1 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. सं. 72 /03.05.28(बी)2009-10 21 अप्रैल 2010 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा पूर्व में जारी 1 फरवरी 2010 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 52/03.05.28(बी) /2009-10 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक द्वारा रखा जाने वाला औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 24 अप्रैल 2010 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं का 6.00 प्रतिशत होगा। ( वी.के.शर्मा ) |