भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखना
आरबीआइ/2009-2010/301 01 फरवरी 2010 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1)- कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 5 जनवरी 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 82/03.05.28(बी)/2008-09 देखें। 2. 29 जनवरी 2010 को जारी मौद्रिक नीति 2009-10 की तीसरी तिमाही समीक्षा में दिए गए वर्तमान समष्टि आर्थिक मूल्यांकन के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को दो चरणों में उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं के 5.00 प्रतिशत से 75 आधार अंक बढ़ाकर 5.75 प्रतिशत कर दिया जाए, जो निम्नलिखित पखवाड़ों से प्रभावी होगा:
3. 01 फरवरी 2010 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 52/03.05.208(बी)/2009-10 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें। भवदीय (आर.सी.षडंगी ) अनुलग्नक : 1 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 52/03.05.28(बी)/2009-10 01 फरवरी 2010 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 5 जनवरी 2009 को पूर्व में जारी अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 6607/03.05.28(बी)/2008-09 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक द्वारा रखा जाने वाला औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) नीचे उल्लिखित तारीखों से, उनके सामने निर्दिष्ट प्रतिशत अंक होगा:
( जी.गोपालकृष्ण ) |