अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते
आरबीआइ/2009-10/389 9 अप्रैल 2010 अध्यक्ष महोदय अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) दिशानिर्देश - मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते कृपया 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.बीसी.सं. 81/03.05.33(ई)/ 2004-05 में संलग्न ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंडों तथा धनशोधन निवारक उपायों पर दिशा-निर्देशों का पैरा 3 देखें । क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को यह सूचित किया गया है कि वे विधिक हस्तियों के लिए ग्राहक पहचान प्रक्रिया के आंतरिक दिशानिर्देश बनाएं जो ऐसी हस्तियों के साथ संपर्क से प्राप्त अनुभव, सामान्य बैंकर के विवेक तथा स्थापित प्रथाओं के अनुसार विधिक अपेक्षाओं पर आधारित हों । यदि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ग्राहक स्वीकार्यता नीति के अनुसार ऐसे खातों को स्वीकार करता है तो उसे लाभान्वित स्वामी (स्वामियों) की पहचान करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और उसकी पहचान का इस प्रकार सत्यापन करना चाहिए कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि लाभान्वित स्वामी कौन है। 2. स्पष्टता के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि मालिकाना प्रतिष्ठानों के खाते खोलने के लिए ग्राहक की पहचान-प्रक्रिया हेतु मानदंड निर्धारित किए जाएं। तदनुसार, स्वत्वधारी पर लागू ग्राहक पहचान प्रक्रिया संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के अलावा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से खाते खोलने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज की मांग करें तथा उनका सत्यापन करें: i) नाम का प्रमाण, प्रतिष्ठान का पता तथा गतिविधियां जैसे पंजीकरण प्रमाणपत्र (पंजीकृत प्रतिष्ठान के मामले में), दुकान और स्थापना अधिनियम के अंतर्गत नगरपालिका प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र/लाइसेंस, बिक्री और आयकर रिटर्न, सीएसटी/वीएटी प्रमाणपत्र, बिक्री कर/सेवा कर/व्यावसायिक कर प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र/पंजीकरण दस्तावेज, पंजीकरण प्राधिकारी द्वारा जारी लाइसेंस जैसे भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान, इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, इंडियन मेडिकल कौंसिल, खाद्य और औषधि नियंत्रण प्राधिकारी आदि द्वारा जारी व्यवसाय प्रमाणपत्र। ii) उपर्युक्त में से कोई दो दस्तावेज पर्याप्त होंगे। दस्तावेज मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से होने चाहिए। 3. ये दिशानिर्देश सभी नए ग्राहकों पर लागू होंगे जबकि मौजूदा ग्राहकों के खातों के मामले में उपर्युक्त औपचारिकताएं समयबद्ध रीति से 31 दिसंबर 2010 से पहले पूरी की जानी चाहिए। 4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति-सूचना दें। भवदीय ( आर.सी.षडंगी ) |