अपरिचालित खातों में न्यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपरिचालित खातों में न्यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाना
आरबीआई/2013-14/611 27 मई 2014 अध्यक्ष महोदया / महोदय, अपरिचालित खातों में न्यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाना कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्मक प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए। 2. इस संबंध में आपका ध्यान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में ग्राहक सेवा पर 12 मई 2014 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी. बीसी.सं.100/03.05.33/2013-14 के पैरा 4.4 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि वे ग्राहकों को खाता खोलते समय ही बचत बैंक खाते में न्यूनतम शेष बनाए रखने की अपेक्षा तथा उसे नहीं बनाए रखने की स्थिति में दंडात्मक प्रभार लगाए जाने के बारे में पारदर्शी तरीके से सूचित करें। 3. वित्तीय समावेशन - बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच -बुनियादी बचत बैंक जमा खाता पर 22 अगस्त 2012 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.आरसीबी.बीसीसं.24/07.38.01/2012-13 के पैरा 3 के अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि बुनियादी बचत बैंक जमा खातों (बीएसबीडीए) के अपरिचालन/सक्रिय करने के लिए किसी प्रकार का प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए। 4. यह सूचित किया जाता है कि अब से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को किसी अपरिचालित खाते में न्यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्मक प्रभार लगाने की अनुमति नहीं है। भवदीय (ए. उदगाता) |