भारिबैं/2009-10/409 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 76/03.05.33/2009-10 21 अप्रैल 2010 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - निर्यात में सक्रिय माइक्रो और लघु उद्यमों को अग्रिम कृपया प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 22 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. बीसी.सं.20/03.05.33/2007-08 देखें जिसके अनुसार माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमइडी) अधिनियम, 2006 के अंतर्गत परिभाषित माइक्रो और लघु उद्यमों, जो बैंकों द्वारा वित्त पोषित किए गए, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकरण हेतु पात्र हैं। 2. कुछ बैंकों ने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत निर्यात में सक्रिय माइक्रो और लघु उद्यमों को प्रदान ऋणों के वर्गीकरण के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है । मामले की जांच की गई तथा यह स्पष्ट किया गया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा माइक्रो और लघु उद्यमों (एमएसइ) (उत्पादन एवं सेवाएं) को प्रदान किए गए ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकरण हेतु पात्र हैं बशर्ते ऐसे उद्यम एमएसएमइडी अधिनियम, 2006 में निहित एमएसइ क्षेत्र की परिभाषा पूरी करते हों, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जाए कि उधारकर्ता इकाई निर्यात या अन्य में सक्रिय है या नहीं। 3. एमएसइ को प्रदान निर्यात ऋण को "माइक्रो और लघु उद्यम क्षेत्र को निर्यात ऋण" शीर्ष के अंतर्गत अलग से रिपोर्ट किया जाए। 4. कृपया परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें। भवदीय ( आर.सी.षडंगी ) मुख्य महाप्रबंधक |