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उत्तराखंड विपदा में लापता व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान

भारिबै/2013-14/350
ग्राआऋवि.केंका.आरसीबी.बीसी.सं. 51/03.05.33/2013-14

30 अक्तूबर 2013

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदय

उत्तराखंड विपदा में लापता व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान

दिनांक 14 से 20 जून 2013 के दौरान आयी उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप भारत के महापंजीयक, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने 16 अगस्त 2013 के अपने परिपत्र एफ सं.1/2 (उत्तराखंड)/2011-वीएस-सीआरएस (एमएचए परिपत्र) द्वारा उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में लापता व्यक्तियों की मृत्यू के पंजीकरण के लिए एक क्रियाविधि बनाई है। उक्त एमएचए परिपत्र की प्रतिलिपि संदर्भ के लिए संलग्न है। उक्त एमएचए परिपत्र में जून 2013 में उत्तराखंड में विपदा के स्थल पर अपनी विजिट के समय से कथित रूप से लापता व्यक्ति का पंजीकरण करने एवं `मृत्यू प्रमाणपत्र' जारी करने के लिए बनायी गई विस्तृत क्रियाविधि दी गयी है।

2. उपर्युक्त के परिप्रेक्ष्य में राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उक्त एमएचए परिपत्र के अंतर्गत आनेवाले लापता व्यक्तियों के संबंध में दावों का उक्त एमएचए परिपत्र के अंतर्गत पदनामित अधिकारी द्वारा जारी (i) मृत्यु प्रमाण-पत्र और (ii) क्षतिपूर्ति-पत्र के अलावा अन्य किसी प्रलेख का आग्रह किए बिना निपटान करें।

3. राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि लापता व्यक्तियों के संबंध में दावों के निपटान के बारे में 12 सितम्बर 2008 के परिपत्र ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.बीसी.सं.26 /03.05.33/2008-09 के प्रावधान एमएचए के अंतर्गत न आनेवाले अन्य मामलों में लागू होंगे।

भवदीय

(माधवी शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

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