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यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1988(2011) की ‘तालीबान प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

भारिबैं/2014-15/219
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.आरसीबी.एएमएल.सं.2790/07.51.019/2014-15

09 सितंबर 2014

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / राज्‍य और केंद्रीय सहकारी बैंक

महोदया / महोदय

यूएपीए, 1967 की धारा 51-ए का कार्यान्वयन - संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1988(2011) की ‘तालीबान प्रतिबंध सूची’ को अद्यतन करना

कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 26 अगस्‍त 2014 का हमारा परि‍पत्र ग्राआऋवि.केका.आरआरबी. आरसीबी.एएमएल.सं.2229/07.51.019/2013-14 देखें। हमें इस बीच भारत सरकार, वि‍देश मंत्रालय, यूएनपी प्रभाग से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परि‍षद की "1988 प्रतिबंध सूची" अर्थात् तालिबान से जुड़े हुए व्यक्तियों और संस्‍थाओं की सूची के संबंध में 21 अगस्त 2014 के 5वें अपडेट के संबंध में प्रेस प्रकाशनी प्राप्‍त हुई है (प्रतिलिपि संलग्‍न)।

2. सूची में संशोधन संबंधी प्रेस प्रकाशनी

http://www.un.org/sc/committees/1988/pressreleases.shtml तथा पांचवें अपडेट संबंधी प्रेस प्रकाशनी
http://www.un.org/News/Press/docs//2014/sc11530.doc.htm पर उपलब्‍ध है।

अद्यतन तालिबान प्रतिबंध सूची निम्नलिखित पर भी उपलब्‍ध है:

क. http://www.un.org/sc/committees/1988/pdf/1988List.pdf
ख. http://www.un.org/sc/committees/1988/1988List.xml
ग. http://www.un.org/sc/committees/1988/1988List.htm

3. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों /राज्‍य और केंद्रीय सहकारी बैंकों से अपेक्षित है कि ‍वे रि‍ज़र्व बैंक द्वारा परि‍चालि‍त व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची को अद्यतन करें तथा कोई भी नया खाता खोलने के पहले यह सुनि‍श्चि‍त करें कि ‍प्रस्तावि‍त ग्राहक का नाम उक्त सूची में नहीं है। इसके अलावा, बैंकों को सभी मौजूदा खातों की जांच करनी चाहि‍ए ताकि ‍यह सुनि‍श्चि‍त कि‍या जा सके कि ‍उक्त सूची में शामि‍ल किसी संस्था या व्यक्ति‍ का कोई खाता नहीं है या कि‍सी खाते से उसका संबंध नहीं है।

4. बैंकों को सूचि‍त कि‍या जाता है कि ‍वे हमारे 05 नवम्‍बर 2009 के परि‍पत्र ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.सं.39/03.05.33(ई)/2009-10 और दिनांक 29 अक्‍तूबर 2009 के परि‍पत्र ग्राआऋवि. केंका. आरएफ.एएमएल.बीसी.सं.34/07.40.00/2009-10 के साथ संलग्न 27 अगस्त 2009 के यूएपीए आदेश में नि‍र्धारि‍त प्रक्रि‍या का कड़ाई से अनुसरण करें तथा सरकार द्वारा जारी आदेश का अक्षरश: अनुपालन सुनि‍श्चि‍त करें।

5. जहाँ तक नि‍र्दि‍ष्ट व्यक्ति‍यों/संस्थाओं द्वारा बैंक खातों के रूप में रखी गयी नि‍धि‍यों, वि‍त्तीय आस्ति‍यों या आर्थि‍क संसाधनों या संबंधि‍त सेवाओं को अवरुद्ध करने का संबंध है, उपर्युक्त पैरा 4 में उल्लिखित परिपत्रों के पैरा 6 में वर्णि‍त प्रक्रि‍या के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहि‍ए। बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि किसी भी बैंक द्वारा असूचीबद्ध (delisting) करने संबंधी प्राप्‍त किसी अनुरोध को इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से संयुक्‍त सचिव (आईएस–आई), गृह मंत्रालय (एमएचए), भारत सरकार के पास विचारार्थ भेजा जाना चाहिए।

6. अनुपालन अधि‍कारी/प्रधान अधि‍कारी इस परि‍पत्र की प्राप्ति ‍सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें।

भवदीय

(ए.जी.रे)
महाप्रबंधक
अनुलग्नक : यथोक्त

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