अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए), 2002 के अन्तर्गत बैंकों का दायित्व – पते के प्रमाण पर स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए), 2002 के अन्तर्गत बैंकों का दायित्व – पते के प्रमाण पर स्पष्टीकरण
आरबीआई/2013-14/641 12 जून 2014 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए), 2002 के अन्तर्गत बैंकों का दायित्व – पते के प्रमाण पर स्पष्टीकरण कृपया अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए), 2002 के अन्तर्गत बैंकों का दायित्व से संबंधित हमारा दिनांक 13 दिसंबर 2012 का परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरआरबी.आरसीबी.एएमएल.सं.6097/7.51.018/2012-13 और दिनांक 30 जनवरी 2013 का परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.आरसीबी.बीसी.सं.63/07.51.018/2012-13 तथा व्यक्तियों द्वारा बैंक खाता खोलते समय 'पते का प्रमाण' दिए जाने की अपेक्षा के संबंध में हमारे दिनांक 18 फरवरी 2005 के परिपत्र ग्राआऋवि.सं.आरआरबी.बीसी.81/03.05.33(ई)/2004-05 और ग्राआऋवि. एएमएल.बीसी.सं.80/ 07.40.00/2004-05 का अनुबंध – II देखें। 2. भारतीय रिजर्व बैंक को विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों, स्थानांतरित कर्मचारियों, आदि से बैंक खाता खोलते समय वर्तमान/स्थायी पते के प्रमाण प्रस्तुत किए जाने में आ रही समस्याओं के संबंध में अभ्यावेदन/पत्र प्राप्त होते रहे हैं। धनशोधन निवारण नियम (अभिलेखों का रखरखाव), 2005 में संशोधन के परिप्रेक्ष्य में इस मामले की समीक्षा की गई है और तदनुसार, 'पते का प्रमाण' प्रस्तुत करने की अपेक्षा को निम्नानुसार सरल किए जाने का निर्णय लिया गया है: क) अब से, ग्राहकों को बैंक में खाता खोलते समय या आवधिक अपडेशन के दौरान किसी एक ही पते (या तो वर्तमान या स्थायी) के दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। यदि 'पते के प्रमाण' के रूप में दिए गए पते में कोई परिवर्तन होता है तो पते का नया प्रमाण छह माह की अवधि के भीतर शाखा को प्रस्तुत करना होगा। ख) यदि ग्राहक द्वारा दिया गया पते का प्रमाण स्थानीय पता या वह पता नहीं है जहां ग्राहक अभी निवास कर रहा है तो आरआरबी/एसटीसीबी/सीसीबी ऐसे स्थानीय पते के लिए एक घोषणा ले सकता है जिस पर बैंक द्वारा ग्राहक के साथ समस्त पत्राचार किया जा सके। पत्राचार/स्थानीय पते के रूप में दिए गए ऐसे किसी पते के लिए किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होगी। बैंक द्वारा इस पते का सत्यापन 'सकारात्मक पुष्टि' जैसे कि (i) पत्र, चेक बुक, एटीएम कार्ड के प्राप्त होने की पावती; (ii) टेलीफोन पर बातचीत; (iii) मुआयना; आदि द्वारा किया जा सकता है। स्थान परिवर्तन या किसी अन्य कारण से इस पते में परिवर्तन होने की दशा में ग्राहकों द्वारा आरआरबी/ एसटीसीबी/ सीसीबी को पत्राचार किए जाने हेतु नए पते की सूचना इस परिवर्तन के दो सप्ताह के भीतर देनी होगी। 3. कृपया उपर्युक्त अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए आरआरबी/एसटीसीबी/सीसीबी अपनी केवाईसी नीति को संशोधित करें और इसका कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित करें। 4. कृपया प्रधान अधिकारी इस परिपत्र पत्र की प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (ए. उदगाता) |