अदावी जमा राशियों के लिए विनियामक संरचना सुदृढ़ करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अदावी जमा राशियों के लिए विनियामक संरचना सुदृढ़ करना
आरबीआई/2011-12/599 12 जून 2012 सभी राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, अदावी जमा राशियों के लिए विनियामक संरचना सुदृढ़ करना कृपया वर्ष 2012 – 13 के लिए दिनांक 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य के पैरा 102 और 103 देखें, जिनमें अदावी जमाराशियों के लिए विनियामक संरचना सुदृढ़ करने के लिए कुछ उपायों का प्रस्ताव किया गया है। 2. दिनांक 18 फरवरी 2009 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 89/ 07.38.01/2008-09 तथा 22 मई 2009 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. केका. आरआरबी. बीसी.सं.108/03.05.33/2008-09 के अनुसार राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों के संबंध में कार्रवाई करने पर विस्तृत अनुदेश दिये गए हैं। उन्हे ग्राहकों और उनके कानूनी वारिसों का पता लगाने के लिए कहा गया है। इन अनुदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ यह कहा गया है कि i) उन खातों की वार्षिक समीक्षा की जाए जिनमें कोई परिचालन नहीं हुआ है, ii ) ऐसे खातों में उचित सावधानी बरतने के बाद परिचालन की अनुमति दी जाए, तथा iii) निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए कोई शुल्क न लगाया जाए। 3. उक्त अनुदेशों के बावजूद अदावी जमाराशियों /निष्क्रिय खातों से संबंधित ग्राहकों का पता लगाने में राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक पर्याप्त सक्रिय नहीं रहे हैं। इसके अलावा, इन अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों के मालिकों की पहचान करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह केवाईसी के अंतर्गत पर्याप्त सावधानी बरतने के कार्य से निकटता से जुड़ा हुआ है। अतएव, दिनांक 8 फरवरी 2012 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं.आरआरबी.आरसीबी.बीसी. 58/03.05.033/2011-12 के अनुसार राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि उन्हें दिनांक 30 जून 2012 तक अपनी वेबसाइटों पर दस या अधिक वर्ष से निष्क्रिय/अपरिचालित निष्क्रिय खातों /अदावी जमाराशियों की सूची प्रदर्शित करनी चाहिए। वेबसाइटों पर इस प्रकार प्रदर्शित सूची में अदावी जमाराशियों /निष्क्रिय खातों आदि के संबंध में केवल खाताधारकों के नाम और उनके पते होने चाहिए। 4. समीक्षा के उपरांत, निष्क्रिय खातों और अदावी जमाराशियों से संबंधित विनियामक संरचना सुदृढ़ करने की दृष्टि से, राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अदावी जमाराशियों के वर्गीकरण, शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए शिकायत निवारण तंत्र, रिकॉर्ड रखने और ऐसे खातों की आवधिक समीक्षा करने के लिए बोर्ड द्वारा मंजूर की गई नीति की व्यवस्था करें। 5. अदावी जमाराशियों / निष्क्रिय खातों की पहली आवधिक समीक्षा बैंक के संबंधित बोर्ड के समक्ष 30 सितंबर 2012 तक प्रस्तुत की जानी चाहिए। भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |