रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं
भा.रि.बैंक/2016-17/91 20 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 21 मई 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 102 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें, प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) के तहत निर्धारित सीमाओं से अधिक राशि के भुगतनों को भी नियमित करने की अनुमति दी गई थी, बशर्ते कि वे ऐसे लेनदेनों की सदाशयता से स्वयं संतुष्ट हो लें। 2. इसकी समीक्षा करने पर, भारत सरकार के परामर्श से अब यह निर्णय लिया गया है कि रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) के तहत अनुमत व्यापार लेनदेन की प्रति लेनदेन सीमा 15 लाख रुपए से अधिक नहीं होगी। 06 फरवरी 2008 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 28 [ए.पी.(एफ़.एल./आर.एल. सीरीज़) परिपत्र सं.02] में उल्लिखित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 3. रिजर्व बैंक ने इस विषय से संबन्धित विनियमावली को 02 मई 2016 की अधिसूचना सं. फेमा.14(आर)/ 2016-आरबी के मार्फत अधिसूचित एवं 03 मई 2016 को जी.एस.आर. No.480 (ई) के तहत प्रकाशित विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2016 के रूप में संशोधित किया है। 01 जनवरी 2016 के मास्टर निदेश सं. 02 को तदनुसार अद्यतन किया जा रहा है ताकि उपर्युक्त संशोधनों को उसमें शामिल किया जा सके। ऊपर उल्लिखित परिपत्रों के अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित बने रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित संघटकों/ ग्राहकों को अवगत कराएं। 5. इस परिपत्र में दिए गए निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 की 42) की धारा 10(4) तथा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और इससे किसी अन्य क़ानून के अंतर्गत वांछित अनुमति/ अनुमोदन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भवदीय (शेखर भटनागर) |