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असेट प्रकाशक

79103011

रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें

आरबीआई/2011-12/215
बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 38 /04.02.001/2011-12

11 अक्तूबर 2011
19 आश्विन 1933 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय /महोदया

रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें

कृपया क्रमशः 23 अप्रैल 2010 तथा 9 अगस्त 2010 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी). बीसी. सं. 94/04.02.001/2009-10 तथा बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी). बीसी. सं. 36/ 04.02.001/2010-11 देखें जिसके द्वारा कतिपय रोजगार केंद्रित निर्यात क्षेत्रों के लिए पोतलदानपूर्व तथा पोतलदानोत्तर रुपया निर्यात ऋण पर 2% की ब्याज सहायता योजना को 1 अप्रैल 2010 से बढ़ाकर 31 मार्च 2011 तक कर दिया गया था । बैंकों को 29 जून 2010 के परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी). बीसी. सं. 115/04.02.01/2009-10 के माध्यम से यह भी सूचित किया गया था कि आधार दर प्रणाली शुरू होने के बाद सभी अवधि वाले रुपया निर्यात ऋण अग्रिमों पर लागू ब्याज दरें 01 जुलाई 2010 से सभी नए/नवीकृत अग्रिमों पर लागू आधार दर उससे अधिक होंगी

2. इस संबंध में भारत सरकार ने रुपया निर्यात ऋण पर 2% ब्याज सहायता को 1 अप्रैल  2011 से 31 मार्च 2012 तक की अवधि के लिए समान शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों में भी लागू करने का निर्णय लिया है  ।

  1.  हस्तशिल्प
  2.  हथकरघा
  3.  कालीन
  4.  लघु और मझोले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध में यथापरिभाषित )

3. तदनुसार, बैंक निर्यात ऋण सहायता के लिए पात्र उपर्युक्त क्षेत्रों में आधार दर प्रणाली के अनुसार निर्यातकों को लगाई जाने वाली ब्याज दर को आर्थिक सहायता की राशि घटाकर कम कर सकते हैं बशर्ते वह 7% की न्यूनतम नियत दर से कम न हो । बैंक यह सुनिश्चित करें कि 2% ब्याज सहायता का लाभ पूरी तरह पात्र निर्यातकों तक पहुंचे ।

4. इस संबंध में 11 अक्तूबर 2011 का एक निदेश सं.  बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी) बीसी. सं. 37/04.02.001/2011-12 संलग्न है।

5. ब्याज सहायता का दावा करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है ।

i संलग्न  फार्मेट में संबंधित  तिमाहियों के अंत में प्रस्तुत दावे के आधार पर सहायता की  राशि  की  प्रतिपूर्ति  की  जाएगी ।

ii) सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख से

क. ऋण की चुकौती की तारीख तक; अथवा

ख. उस तारीख तक होगी जिसके बाद बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाता है;

iii) दावे के साथ किसी बाह्य लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए कि संबंधित तिमाही के लिए . . . . . . . . . . . . रुपये की ब्याज सहायता का दावा सही है । दावे का निपटान इस प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा ।

iv) दावे संलग्न फार्मेट में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 13वीं मंज़िल, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई - 400 001 को प्रस्तुत किए जाएं ।

भवदीय

(पी. आर. रवि मोहन)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

 अनुबंध

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है 

i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहाँ सयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; अथवा

iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये अधिक न हो


1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2012 तक की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण. . . . . . . . . . . को समाप्त तिमाही के लिए दावे

निर्यातकों का संवर्ग

आधार दर पर या उससे अधिक दर पर कुल रुपया निर्यात ऋण

दावा की गयी सहायता राशि (निकटतम रुपये तक पूर्णांकित)

(1)

(2)

(3)

  1. हस्तश्ल्पि
  2. हथकरघा
  3. कालीन
  4. लघु और मद्यम उद्यम (एसएमई)*

 

 

कुल

 

 

  *अनुबंध में परिभाषित ।

हम प्रमाणित करते हैं कि हमने . . . . . . . . .. . .से . . . . . . . . . . . . अवधि के दौरान 29 जून तथा 11 अक्तूबर 2011 के भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र क्रमशः सं. बैंपविवि. डीआइआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 115/04.02.001/2009-10 तथा बैंपविवि. डीआइआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 38/04.02.001/ 2010-11के अनुसार निर्यातकों को दिये गये रुपया निर्यात ऋण पर आधार दर पर अथवा उससे अधिक दर से ब्याज दरें लगाई हैं । 

दिनांक . . . . . . . . .. . . . . . .

(प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता
का नाम और मुहर)


बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 37/04.02.01/2011-12

11 अक्तूबर  2011
19 आश्विन 1933 (शक)

रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समयोचित है, निदेश बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 93/ 04.02.001/2009-10 दिनांक 23 अप्रैल 2010 तथा  निदेश बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 35/04.02.001/2010-11 दिनांक 09 अगस्त 2010 में आंशिक संशोधन करते हुए एतद्वारा अधिसूचित करता है कि :

यह निर्णय लिया गया है कि ब्याज सहायता योजना को 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2012 तक की अवधि के लिए समान शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों में भी लागू किया जाए |

(i) हस्तशिल्प
(ii) हथकरघा
(iii) कालीन
(iv) लघु और मझोले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध में यथापरिभाषित)

(बि. महापात्र)
कार्यपालक निदेशक

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