रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें
आरबीआई/2011-12/608 19 जून 2012 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय /महोदया रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें कृपया 11 अक्तूबर 2011 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी). बीसी. सं. 38/04.02.001/2011-12 देखें जिसके द्वारा कतिपय रोजगार उन्मुख निर्यात क्षेत्रों के लिए पोतलदानपूर्व तथा पोतलदानोत्तर रुपया निर्यात ऋण पर 2% की ब्याज सहायता योजना को 1 अप्रैल 2011 से बढ़ाकर 31 मार्च 2012 तक कर दिया गया था । 2. इस संबंध में भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि रुपया निर्यात ऋण पर 2% की ब्याज सहायता 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2013 तक समान नियमों एवं शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों में लागू की जाए:
3. तदनुसार, बैंक निर्यात ऋण सहायता के लिए पात्र उपर्युक्त क्षेत्रों में आधार दर प्रणाली के अनुसार निर्यातकों को लगाई जाने वाली ब्याज दर को उपलब्ध सहायता की राशि घटाकर कम कर सकते हैं बशर्ते इस प्रकार घटी ब्याज दर 7% की न्यूनतम दर से कम न हो । बैंक 2% ब्याज सहायता का लाभ सम्पूर्ण रूप से पात्र निर्यातकों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें । 4. इस संबंध में जारी किया गया 19 जून 2012 का निदेश सं. बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी) बीसी. सं. 111/04.02.001/2011-12 संलग्न है । 5. ब्याज सहायता का दावा करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है : i) सहायता की राशि की प्रतिपूर्ति संलग्न फार्मेट में संबंधित तिमाहियों के अंत में प्रस्तुत दावे के आधार पर की जाएगी । ii) सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख से क. ऋण की चुकौती की तारीख तक; अथवा ख. उस तारीख तक होगी जिसके बाद बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाता है। iii) दावे के साथ किसी बाह्य लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए कि संबंधित तिमाही के लिए . . . . . . . . . . . . रुपये की ब्याज सहायता का दावा सत्य और सही है । दावे का निपटान इस प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा । iv) दावे संबंधित तिमाहियों की समाप्ति के एक माह के भीतर संलग्न फार्मेट में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 13वीं मंज़िल, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई - 400 001 को प्रस्तुत किए जाएं । v) यदि किसी तिमाही/तिमाहियों में किसी भी ब्याज सहायता का भुगतान नहीं किया जाता है, तो 'शून्य' विवरण भेजा जाए। भवदीय (दीपक सिंघल) 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2013 तक की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
*अनुबंध में यथापरिभाषित । हम प्रमाणित करते हैं कि हमने निर्यातकों को दिये गये रुपया निर्यात ऋण के रूप में उक्त ऋणों पर . . . . . . . . .. . .से . . . . . . . . . . . की अवधि के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के 29 जून 2010 के परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआईआर.(ईएक्सपी).बीसी.सं.115/04.02.001/2009-10 तथा 19 जून 2012 के परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 112/04.02.001/ 2011-12 के अनुसार आधार दर पर अथवा उससे अधिक दर से ब्याज दरें लगाई हैं । (प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम और मुहर) दिनांक: एसएमई की परिभाषा मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहाँ सयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो; ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; अथवा iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं.एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये अधिक न हो। बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 111/04.02.001/2011-12 19 जून 2012 रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समयोचित है, दिनांक 11 अक्तूबर 2011 के निदेश बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 37/ 04.02.001/2011-12 में आंशिक संशोधन करते हुए एतद्वारा निम्नानुसार अधिसूचित करता है: यह निर्णय लिया गया है कि ब्याज सहायता योजना 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2013 तक की अवधि के लिए समान नियमों एवं शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों में लागू की जाए :
(बि. महापात्र) एसएमई की परिभाषा मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया है i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहाँ सयंत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो; ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; अथवा iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 में विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये अधिक न हो। |