RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79128829

रुपया निर्यात ऋण - ब्याज सहायता

आरबीआई/2012-13/376
बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी) बीसी.सं. 70/04.02.001/2012-13

14 जनवरी 2013
24 पोष 1934 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय /महोदया

रुपया निर्यात ऋण - ब्याज सहायता

कृपया 19 जून 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी). बीसी. सं. 112/04.02.001/2011-12 देखें जिसके द्वारा कतिपय रोजगार केंद्रित निर्यात क्षेत्रों के लिए पोतलदानपूर्व तथा पोतलदानोत्तर रुपया निर्यात ऋण पर 2% की ब्याज सहायता योजना को 1 अप्रैल 2012 से बढ़ाकर 31 मार्च 2013 तक कर दिया गया था ।

2. इस संबंध में भारत सरकार ने इंजीनियरिंग क्षेत्र से संबंधित कुछ मदों को शामिल करते हुए इस योजना का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह योजना इंजीनियरिंग क्षेत्र के पोतलदानपूर्व तथा पोतलदानोत्‍तर निर्यात ऋण पर उन्‍हीं नियमों एवं शर्तों के आधार पर उपलब्‍ध होगी जिनके अधीन अन्‍य क्षेत्रों को उपलब्‍ध है। 1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2013 की अवधि के लिए ब्‍याज सहायता के लिए शामिल किए जाने हेतु अनुमोदित इंजीनियरिंग उत्‍पादों के 134 टैरिफ लाईन की सूची इस परिपत्र (अनुबंध-I) के साथ संलग्‍न है।

3. साथ ही, रुपया निर्यात ऋण पर 2% ब्याज सहायता योजना को 1 अप्रैल 2013 से बढ़ाकर 31 मार्च 2014 तक समान नियमों एवं शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों पर भी लागू करने का भी निर्णय लिया गया है।

  1.    हस्तशिल्प
  2.    कालीन
  3.    हथकरघा
  4.    लघु और मझोले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध II में यथापरिभाषित )
  5.    रेडीमेड वस्त्र
  6.    प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद
  7.    खेलकूद के सामान
  8.    खिलौने
  9.    इंजीनियरिंग सामान पर 134 टैरिफ लाइन्‍स (अनुबंध I अनुसार)

4. तदनुसार, बैंक निर्यात ऋण सहायता के लिए पात्र उपर्युक्त क्षेत्रों में आधार दर प्रणाली के अनुसार निर्यातकों को लगाई जाने वाली ब्याज दर को आर्थिक सहायता की राशि घटाकर कम कर सकते हैं बशर्ते वह 7% की न्यूनतम दर से कम न हो । बैंक यह सुनिश्चित करें कि 2% ब्याज सहायता का लाभ पूरी तरह पात्र निर्यातकों को ही मिलता है ।

5.   इस संबंध में 14 जनवरी 2013 का निदेश सं.  बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी) बीसी. सं. 69/04.02.01/2012-13 संलग्न है ।

6.   ब्याज सहायता का दावा करने की प्रक्रिया निम्नानुसार है ।

i)   संबंधित तिमाहियों के अंत में संलग्न फार्मेट में प्रस्तुत दावे के आधार पर सहायता की राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

ii)   सहायता राशि की गणना निर्यात ऋण राशि पर की जाएगी और इसकी अवधि ऋण वितरण की तारीख से
क.   ऋण की चुकौती की तारीख तक; अथवा
ख.  उस तारीख तक होगी जिसके बाद बकाया निर्यात ऋण अतिदेय हो जाता है;

iii)  दावे के साथ किसी बाह्य लेखा परीक्षक का यह प्रमाण पत्र होना चाहिए कि संबंधित तिमाही के  लिए . . . . . . . . . . . . रुपये की ब्याज सहायता का दावा सत्य और सही है । दावे का निपटान इस प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर ही किया जाएगा ।

iv) दावे अनुबंध III में दिए गए फार्मेट में प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, 13वीं मंज़िल, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई - 400 001 को प्रस्तुत किए जाएं।    

v) यदि किसी तिमाही/तिमाहियों में किसी भी ब्याज सहायता का भुगतान नहीं किया जाता है, तो ‘कुछ नहीं’ विवरणी प्रस्तुत की जाए।

भवदीय

(सुधा दामोदर)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्‍नकः यथोक्‍त


अनुबंध II

एसएमई की परिभाषा

मालों के विनिर्माण या उत्पादन, प्रसंस्करण या परिरक्षण में लगे उद्यम जिन्हें नीचे विनिर्दिष्ट किया गया हैः

i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जहाँ सयंत्र और मशीनरी में निवेश (लघु उद्योग मंत्रालय की दिनांक 5 अक्तूबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) में विनिर्दिष्ट भूमि और भवन तथा मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक न हो;

ii) लघु उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (लघु उद्योग मंत्रालय की दिनांक 5 अक्तूबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) में विनिर्दिष्ट भूमि और भवन तथा मदों को छोड़कर मूल लागत) 25 लाख रुपये से अधिक लेकिन 5 करोड़ रुपये से अधिक न हो; और

iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जहाँ संयत्र और मशीनरी में निवेश (लघु उद्योग मंत्रालय की दिनांक 5 अक्तूबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ.1722(ई) में विनिर्दिष्ट भूमि और भवन तथा  मदों को छोड़कर मूल लागत) 5 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये अधिक न हो


अनुबंध III

1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2014 तक की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
. . . . . . . . . . . को समाप्त तिमाही के लिए दावा

 

निर्यातकों की श्रेणी

दिए गए कुल रुपया निर्यात ऋण

दावा की गयी सहायता राशि (निकटतम रुपये तक पूर्णांकित)

1. हस्तशिल्प
2. कालीन
3. हथकरघा
4. लघु और मझोले उद्यम (एसएमई)*     
5. रेडीमेड वस्त्र
6. प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद
7. खेलकूद के सामान
8. खिलौने
9. इंजीनियरिंग सामान पर 134 टैरिफ लाइन्‍स जो भी उनके पत्र के साथ संलग्‍न हो

 

 

 कुल

 

 

*अनुबंध ।। में दी गई परिभाषा के अनुसार

हम प्रमाणित करते हैं कि हमने उक्त ऋणों पर . . . . . . . . .. . .से . . . . . . . . . . . की अवधि के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक के 14 जनवरी 2013 के परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 70/04.02.001/2012-13 के अनुसार निर्यातकों को दिये गये रुपया निर्यात ऋण के रूप में आधार दर पर अथवा उससे अधिक दर से ब्याज दरें लगाई हैं ।                 

(प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का नाम और मुहर)

दिनांक   . . . . . . . . .. . . . . .


बैंपविवि.डीआईआर (ईएक्सपी) बीसी.सं.69/04.02.001/2012-13

14 जनवरी 2013
24 पोष 1934 (शक)

रुपया निर्यात ऋण - ब्याज सहायता

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35 क के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना जनहित में आवश्यक और समयोचित है, दिनांक 19 जून 2012 के निदेश बैंपविवि. डीआईआर. (ईएक्सपी). बीसी. सं. 111/ 04.02.001/2011-12 में आंशिक संशोधन करते हुए एतद्वारा अधिसूचित करता है कि:

यह निर्णय लिया गया है कि इंजीनियरिंग क्षेत्र से संबंधित कुछ मदों को शामिल करते हुए इस योजना का दायरा बढ़ाया जाए। यह योजना इंजीनियरिंग क्षेत्र के पोतलदानपूर्व तथा पोतलदानोत्‍तर निर्यात ऋण पर उन्हीं नियमों एवं शर्तों के अधीन उपलब्‍ध होगी जिनके अधीन अन्‍य क्षेत्रों को उपलब्‍ध है। 1 जनवरी, 2013 से 31 मार्च 2013 की अवधि के लिए ब्‍याज सहायता के लिए शामिल किए जाने हेतु अनुमोदित इंजीनियरिंग उत्‍पादों के 134 टैरिफ लाईन की सूची इस परिपत्र (अनुबंध-I) के साथ संलग्‍न है।

साथ ही, यह निर्णय भी लिया गया है कि रुपया निर्यात ऋण पर 2% ब्‍याज दर सहायता योजना को 1 अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014 तक की अवधि के लिए समान नियमों एवं शर्तों पर निम्नलिखित क्षेत्रों पर लागू किया जाए।

  1.    हस्तशिल्प
  2.    कालीन
  3.    हथकरघा
  4.    लघु और मझोले उद्यम (एसएमई) (अनुबंध II में यथापरिभाषित )
  5.    रेडीमेड वस्त्र
  6.    प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद
  7.    खेलकूद के सामान
  8.    खिलौने
  9.    इंजीनियरिंग सामान पर 134 टैरिफ लाइन्‍स (अनुबंध I  अनुसार)

(बी. महापात्र)
कार्यपालक निदेशक

अनुलग्‍नकः यथोक्‍त

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?