सूक्ष्म (माइक्रो) और लघु उद्यम (एमएसई) को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की मंजूरी - आरबीआई - Reserve Bank of India
सूक्ष्म (माइक्रो) और लघु उद्यम (एमएसई) को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की मंजूरी
भा.रि.बैंक/2016-17/200 29 दिसंबर 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय / महोदया, सूक्ष्म (माइक्रो) और लघु उद्यम (एमएसई) को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी की मंजूरी कृपया ‘माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) को उनके ‘जीवन चक्र’ के दौरान समय पर और पर्याप्त ऋण सुविधा देने के लिए माइक्रो और लघु उद्यम को ऋण प्रवाह का सरलीकरण’ पर दिनांक 27 अगस्त 2015 का हमारा परिपत्र विसविवि.एमएसएमई एण्ड एनएफएस. बीसी.सं.60/06.02.31/2015-16 देखें। उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 3 (ii) के अनुसार बैंकों को अन्य बातों के साथ-साथ सूचित किया गया था कि वे एमएसई को उधार देने की अपनी नीति में कार्यशील पूंजी सीमाओं की मंजूरी/नवीकरण के समय, विशेषत: उनके द्वारा निर्मित उत्पादो के लिए मांग में मुख्यत: अप्रत्याशित / मौसमी वृध्दि के कारण कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं में अस्थायी वृध्दि की पूर्ति करने के लिए अलग अतिरिक्त सीमा निश्चित करने के लिए अपने बोर्ड के अनुमोदन से खंड शामिल करें। बैंकों ने पुष्टि की है कि उन्होंने ऐसी नीति स्थापित की है। 2. ₹ 500 और ₹ 1000 मूल्यवर्गों के विशेष बैंक नोटों (एसबीएन) का वैध मुद्रा दर्जा वापस लिये जाने के परिणामस्वरूप और बेमेल नकदी प्रवाह के कारण कुछ एमएसई अपना सामान्य कारोबार करने में अस्थायी कठिनाइयों का सामना कर रही हैं ऐसे फीडबैक के आधार पर यह निर्णय किया गया है कि उपर्युक्त अनुदेशों की समीक्षा की जाए। 3. तदनुसार, बैंकों को एतद्वारा सूचित किया जाता है कि वे अपने एमएसई उधारकर्ताओं को, ऐसे बेमेल नकदी प्रवाह के कारण सामने आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए उपर्युक्त 'अतिरिक्त कार्यशील पूंजी सीमा’ (उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित यथोक्त) प्रदान करने की सुविधा का प्रयोग करें। 31 मार्च 2017 तक यह एकबारगी उपाय होगा और उसके बाद नये कार्यशील पूंजी मूल्यांकन चक्र में सामान्य नीति अपनाई जानी चाहिए। 4. कृपया प्राप्ति सूचना दें । भवदीय (ए. उदगाता) |