प्रोत्साहन और दंड की योजना – समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रोत्साहन और दंड की योजना – समीक्षा
भारिबैं/2014-15/604 21 मई 2015 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदया/महोदय, प्रोत्साहन और दंड की योजना – समीक्षा कृपया उपरयुक्त विषय पर 1 जुलाई 2014 के हमारे मास्टर परिपत्र डीसीएम(सीसी) सं.जी-5/03.39.01/2014-15 का संदर्भ लें | 2. जैसा की आप जानते है कि प्रोत्साहन और दंड की योजना की शुरुवात 2008 में हुई और तकनीकी समर्थित व्यवधानों पर ज़ोर देते हुए उसका दायरा एवं साथ ही उसके लाभार्थियों को बढ़ाते हुए उसकी समीक्षा की गयी | इस प्रकार के अंतिम संशोधन में आम जनता को नकदी संबंधी खुदरा सेवाएँ प्रदान करनेवाली मशीनों और साथ ही नोट सोर्टिंग मशिनों के लिए प्रोत्साहन की शुरुवात हुई | 3. उक्त योजना के संबंध में हमें बैंकों से कई प्रश्न/सुझाव प्राप्त हो रहे हैं | उन सुझावों खासकर मशीनों से संबंधित सुझावों को ध्यान में रखते हुए इस योजना की समीक्षा की जा रही है| अतः बैंकों को सूचित किया जाता है कि 30 जून 2015 तक प्रस्तुत दावों का निपटान हमारे कार्यालयों द्वारा किया जाएगा और भविष्य में मशीनों को कोई भी खरीद योजना संशोधित योजना के जारीकरण के बाद ही बनायी जाए | तथापि, अब तक के अनुसार, नोटों / सिक्कों / फटे-फटे एवं गंदे नोटों की विनिमय सुविधा जारी राखी जाए । भवदीया (उमा शंकर) |