बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 और 56 – सांविधिक चलनिधि अनुपात का रखरखाव - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 और 56 – सांविधिक चलनिधि अनुपात का रखरखाव
आरबीआई/2022-23/23 08 अप्रैल 2022 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदया / महोदय बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 और 56 – कृपया उपरोक्त विषय पर दिनांक 05 दिसंबर 2018 का परिपत्र डीबीआर.सं.आरईटी.बीसी.10/12.02.001/2018-19 और संबंधित अधिसूचना देखें। 2. जैसा कि दिनांक 08 अप्रैल, 2022 को विकासात्मक और नियामक नीतियां संबंधी वक्तव्य में घोषित किया गया था, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) की स्थापना तुरंत प्रभाव से करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि एसडीएफ के तहत आरबीआई के पास बैंकों द्वारा रखी गई शेष राशि पात्र सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) परिसंपत्ति होगी और ऐसी शेष राशि एसएलआर रखरखाव के लिए "नकद" का हिस्सा होगी। बैंक एसडीएफ शेष राशि को "कैश इन हैंड" के तहत फॉर्म VIII या फॉर्म I में, जैसा लागू हो, रिपोर्ट करेंगे। 3. एसडीएफ के तहत आरबीआई के पास बैंकों द्वारा रखी गई शेष राशि आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) रखरखाव के लिए पात्र नहीं होगी। 4. संबंधित अधिसूचना डीओआर.आरईटी.आरईसी.16/12.01.001/2022-23 दिनांक 08 अप्रैल 2022 की एक प्रति संलग्न है। भवदीय (प्रकाश बलियारसिंह) डीओआर.आरईटी.आरईसी.16/12.01.001/2022-23 08 अप्रैल 2022 अधिसूचना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 धारा 51 और धारा 56 के साथ पठित धारा 24 की उप-धारा (2ए) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और दिनांक 05 दिसंबर 2018 की अधिसूचना डीबीआर.आरईटी.बीसी सं.11/12.02.001/2018-19 में आंशिक संशोधन करते हुए, रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निर्दिष्ट करता है कि इस अधिसूचना के प्रयोजन के लिए, बैंकों द्वारा बनाए रखे जानेवाले "नकद", जैसाकि उक्त अधिसूचना के अनुबंध में संदर्भित है, में स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) के तहत बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखी गई शेष राशि भी शामिल होंगी। (जयंत कुमार दाश) |