बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखना – सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखना – सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ)
आरबीआई/2011-12/509 17 अप्रैल 2012 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि कृपया 9 मई 2011 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.92 /12.02.001/ 2010-11 देखें, जिसके द्वारा यह सूचित किया गया था कि अनुसूचित वाणिज्य बैंक सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) योजना के अंतर्गत अपनी निवल मांग और मियादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक एक दिन के लिए उधार ले सकते हैं | 2. 17 अप्रैल 2012 को भारतीय रेज़र्व बैंक के वार्षिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 में की गयी घोषणा के अनुसार बेहतर चलनिधि सुविधा प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि एमएसएफ के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की उधार सीमा दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंत में उनके बकाया एनडीटीएल के एक प्रतिशत से तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर दो प्रतिशत कर दी जाए | 3. बैंक हमारे 21 दिसम्बर 2011 के परिपत्र एफएमडी.सं.65/01.18.001/11-12 में दी गयी सूचना के अनुसार अपनी अतिरिक्त एसएलआर धारिता के बदले एमएसएफ के अंतर्गत एक दिन के लिए निधि लेना जारी रख सकते हैं | 4. 17 अप्रैल 2012 की संबंधित अधिसूचना बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.94/12.02. 001/2011-12 की एक प्रति संलग्न है | 5. कृपया प्राप्ति सूचना दें | भवदीय (मुरली राधाकृष्णन) बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी. 94/12.02.001/2011-12 17 अप्रैल 2012 समय समय पर यथासंशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उपधारा 2(क) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वाराअधिसूचित करता है कि पूर्व में जारी 9 मई 2011 की अधिसूचना बैंपविवि.सं.आरईटी.बीसी.91/ 12.02.001/2010-11 के पैरा 2(ii) का संशोधित रूप निम्नानुसार है: "सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के अंतर्गत भारत में कुल निवल मांग और मियादी देयताओं के दो प्रतिशत तक की चलनिधि सहायता प्राप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को संपार्श्विक के रूप में दी गई प्रतिभूतियाँ जिन्हें संबंधित बैंक के अपेक्षित एसएलआर संविभाग में से निकाला गया है | (बि. महापात्र ) |