बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) – सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ़) का रखरखाव – सामान्य स्थिति में लौटना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) – सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ़) का रखरखाव – सामान्य स्थिति में लौटना
आरबीआई/2021-22/138 10 दिसंबर, 2021 सभी अनुसूचित बैंक महोदया / महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) – सीमांत स्थाई सुविधा (एमएसएफ़) का रखरखाव – सामान्य स्थिति में लौटना कृपया दिनांक 09 अगस्त 2021 के परिपत्र डीओआर.आरईटी.आरईसी.36/12.01.001/2021-22 और दिनांक 20 जुलाई 2021 के मास्टर निदेश डीओआर.सं.आरईटी.आरईसी.32/12.01.001/2021-22 की पैरा 15(i) का संदर्भ लें जिसमें बैंकों को दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंत में बकाया अपने सांविधिक चलनिधि अनुपात को निवल मांग और मीयादी देयताओं के तीन प्रतिशत तक कम करते हुए एमएसएफ़ के तहत निधि प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी। यह सुविधा प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, जिसको बाद में दिनांक 09 अगस्त, 2021 के परिपत्र डीओआर. आरईटी.आरईसी.36/12.01.001/2021-22 द्वारा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया था। 2. दिनांक 08 दिसंबर 2021 के गवर्नर महोदय के वक्तव्य में घोषित किए गए अनुसार सामान्य व्यवस्था में लौट जाने का प्रस्ताव है। तदनुसार, 1 जनवरी 2022 से प्रभावी बैंकों द्वारा एमएसएफ के तहत एक दिवसीय उधार के लिए तीन प्रतिशत के बजाय एनडीटीएल के दो प्रतिशत तक सांविधिक चलनिधि अनुपात को कम किया जा सकता है। भवदीय, (थॉमस मैथ्यू) |