बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) का रखरखाव - सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) - छूट का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) का रखरखाव - सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) - छूट का विस्तार
भारिबै/2021-22/82 09 अगस्त 2021 सभी अनुसूचित बैंक महोदया / महोदय बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) का रखरखाव - सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) - छूट का विस्तार कृपया सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) पर 05 फरवरी 2021 के परिपत्र विवि.सं.आरईटी.बीसी.36/12.01.001/2020-21 का संदर्भ लें, जिसमें बैंकों को एमएसएफ के तहत उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात कुल मिलाकर एनडीटीएल के तीन प्रतिशत तक सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को कम करते हुए निधियों का लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो शुरू में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, बाद में 30 सितंबर 2021 तक चरणों में विस्तारित की गई, जिससे बैंकों को उनकी तरलता आवश्यकताओं पर छूट प्रदान किया गया और साथ ही उन्हें उनके चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाया गया। 2. जैसा कि बैंकों को उनकी चलनिधि आवश्यकताओं पर छूट प्रदान करने की दृष्टि से दिनांक 06 अगस्त 2021 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किया गया है, बैंकों को एमएसएफ छूट को और तीन माह अर्थात 31 दिसंबर 2021 तक की अवधि के लिए जारी रखने की अनुमति है। भवदीय, (थॉमस मैथ्यू) |